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पांचवीं पुण्यतिथि पर गीतों से अटल बिहारी बाजपेई को किया याद, नातिन अंजली मिश्रा ने स्मृतियों को किया साझा

बलरामपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की 5वीं पुण्यतिथि पर उनकी याद में एक श्रद्धांजली सभा एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया.

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अटल बिहारी बाजपेई की 5वीं पुण्यतिथि
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Published : Aug 17, 2023, 8:07 PM IST

बलरामपुर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की 5वीं पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजली सभा एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया. जिसमे अटल जी की नातिन अंजली मिश्रा, पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह सहित अटल जी से जुड़े तमाम लोगों ने हिस्सा लिया और उन्हें याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी.


पूर्व प्रधानमत्री अटल बिहारी बाजपेई को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह ने कहा कि अटलजी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1957 में बलरामपुर से करते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार यहां की जनता ने उन्हें संसद भेजा. बलरामपुर की जनता आज भी अटलजी से अगाध प्रेम करती है. अब कोई दूसरा अटल होना मुश्किल है. जिसका न पक्ष न विपक्ष में दुश्मन हो, ऐसा नेता होना मुश्किल है. आरएसएस जिला प्रमुख सौम्य अग्रवाल ने कहा कि अटल जी बिलकुल बाल स्वभाव के थे.

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कार्यक्रम संयोजिका अंजली मिश्रा की नातिन ने स्व. अटल बिहारी बाजपेई की कई कविताओं को दोहराते उन्हें याद किया. अंजली ने कहा कि अटल जी सभी के थे. क्या पक्ष क्या विपक्ष, वह परिवार से जुड़े थे. लेकिन, उनके लिए देश सबसे पहले था. अटलजी के कार्यों को भाजपा आगे बढ़ा रही है. अटलजी का कार्यकाल भले छोटा रहा हो. लेकिन, उनके हर निर्णय ऐतिहासिक रहे. चाहे पोखरण परमाणु परीक्षण हो या स्वर्ण चतुर्भुज योजन या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो, अटल जी की यादें इनमे जुड़ी हुई हैं. पूर्व विधायक अशफाक अहमद खां ने कहा कि अटल जी उनके आर्दश थे. उनकी प्रेरणा से राजनीति में आया और उनके सिद्धंतों पर चलने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि अटलजी ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. वह सबको साथ लेकर चलते थे. यही वजह है कि मुसलमानों में उनकी जबरदस्त पैठ थी.

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बलरामपुर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की 5वीं पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजली सभा एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया. जिसमे अटल जी की नातिन अंजली मिश्रा, पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह सहित अटल जी से जुड़े तमाम लोगों ने हिस्सा लिया और उन्हें याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी.


पूर्व प्रधानमत्री अटल बिहारी बाजपेई को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह ने कहा कि अटलजी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1957 में बलरामपुर से करते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार यहां की जनता ने उन्हें संसद भेजा. बलरामपुर की जनता आज भी अटलजी से अगाध प्रेम करती है. अब कोई दूसरा अटल होना मुश्किल है. जिसका न पक्ष न विपक्ष में दुश्मन हो, ऐसा नेता होना मुश्किल है. आरएसएस जिला प्रमुख सौम्य अग्रवाल ने कहा कि अटल जी बिलकुल बाल स्वभाव के थे.

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कार्यक्रम संयोजिका अंजली मिश्रा की नातिन ने स्व. अटल बिहारी बाजपेई की कई कविताओं को दोहराते उन्हें याद किया. अंजली ने कहा कि अटल जी सभी के थे. क्या पक्ष क्या विपक्ष, वह परिवार से जुड़े थे. लेकिन, उनके लिए देश सबसे पहले था. अटलजी के कार्यों को भाजपा आगे बढ़ा रही है. अटलजी का कार्यकाल भले छोटा रहा हो. लेकिन, उनके हर निर्णय ऐतिहासिक रहे. चाहे पोखरण परमाणु परीक्षण हो या स्वर्ण चतुर्भुज योजन या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो, अटल जी की यादें इनमे जुड़ी हुई हैं. पूर्व विधायक अशफाक अहमद खां ने कहा कि अटल जी उनके आर्दश थे. उनकी प्रेरणा से राजनीति में आया और उनके सिद्धंतों पर चलने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि अटलजी ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. वह सबको साथ लेकर चलते थे. यही वजह है कि मुसलमानों में उनकी जबरदस्त पैठ थी.

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