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श्रमिकों को नहीं पता क्या है 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' सिर्फ खानापूर्ति से पूरे हो रहे लक्ष्य

देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों को 60 वर्ष की उम्र के बाद जीवन यापन करने के लिए 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' की शुरुआत की गई थी, लेकिन बलिया जिले में इस योजना को लेकर मजदूर वर्ग में कोई भी जानकारी नहीं है.

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Published : Feb 10, 2020, 8:50 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

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प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का हाल बेहाल.

बलिया: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक सौगात देने का काम किया. 18 से 40 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' की शुरुआत की गई. असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलने की योजना की शुरुआत की गई.

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का हाल बेहाल.

बलिया शहर के अलग-अलग हिस्सों में असंगठित मजदूर वर्ग के हजारों लोग काम करते हैं. इनमें से सैकड़ों लोग ईंट-भट्टों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. जिले के बसंतपुर इलाके के ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी नहीं है. मजदूरों के अनुसार न तो गांव में कैंप लगाया गया और न ही कोई प्रचार प्रसार किया गया है. शुरुआत के दौर में इस योजना को लेकर जोर-शोर से हर सरकारी विभाग के केंद्र में प्रचार किया गया, लेकिन एक साल के भीतर ही योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई.

साल दर साल श्रमिकों के पंजीयन में हुई कमी
केंद्र की मोदी सरकार की योजना हो या प्रदेश की योगी सरकार के योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की होती है. जिले के श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के आंकड़ों में साल दर साल गिरावट दर्ज की गई. वित्तीय वर्ष 2018 और 2019 में जिले में 10,265 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया. वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस आंकड़े में भारी कमी देखने को मिली. यह आंकड़ा घटकर 4,338 तक ही सीमित रह गया.

40 रुपये से होता है पंजीयन
जिले के श्रम प्रवर्तन कार्यालय में मजदूरों के पंजीकरण का कार्य होता है, जिसके बाद ही सरकार की सारी लाभकारी योजनाओं का लाभ इन्हें प्राप्त होता है. श्रमिक वर्ग के लोग 40 रुपये की फीस देकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. इसके साथ ही आधार कार्ड, बैंक की पासबुक और संबंधित कंपनी से पत्र भी उपलब्ध कराना होता है. इसके बाद प्रत्येक वर्ष 20 रुपये देकर इसका नवीनीकरण होता है.

इसे भी पढ़ें-बलिया: गृह क्लेश में मां ने 5 साल के बेटे के साथ खाया जहर, हालत नाजुक

जानकारी के अभाव में नहीं मिल रहा योजना का लाभ
असंगठित वर्ग के मजदूरों के लिए शुरू की गई 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' में लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए मजदूर वर्गों के लोगों का पंजीयन होना आवश्यक है. इस योजना की शुरुआत से अब तक जिले में महज 8,028 लोगों का ही पंजीकरण हो पाया है. ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

बलिया: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक सौगात देने का काम किया. 18 से 40 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' की शुरुआत की गई. असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलने की योजना की शुरुआत की गई.

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का हाल बेहाल.

बलिया शहर के अलग-अलग हिस्सों में असंगठित मजदूर वर्ग के हजारों लोग काम करते हैं. इनमें से सैकड़ों लोग ईंट-भट्टों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. जिले के बसंतपुर इलाके के ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी नहीं है. मजदूरों के अनुसार न तो गांव में कैंप लगाया गया और न ही कोई प्रचार प्रसार किया गया है. शुरुआत के दौर में इस योजना को लेकर जोर-शोर से हर सरकारी विभाग के केंद्र में प्रचार किया गया, लेकिन एक साल के भीतर ही योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई.

साल दर साल श्रमिकों के पंजीयन में हुई कमी
केंद्र की मोदी सरकार की योजना हो या प्रदेश की योगी सरकार के योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की होती है. जिले के श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के आंकड़ों में साल दर साल गिरावट दर्ज की गई. वित्तीय वर्ष 2018 और 2019 में जिले में 10,265 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया. वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस आंकड़े में भारी कमी देखने को मिली. यह आंकड़ा घटकर 4,338 तक ही सीमित रह गया.

40 रुपये से होता है पंजीयन
जिले के श्रम प्रवर्तन कार्यालय में मजदूरों के पंजीकरण का कार्य होता है, जिसके बाद ही सरकार की सारी लाभकारी योजनाओं का लाभ इन्हें प्राप्त होता है. श्रमिक वर्ग के लोग 40 रुपये की फीस देकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. इसके साथ ही आधार कार्ड, बैंक की पासबुक और संबंधित कंपनी से पत्र भी उपलब्ध कराना होता है. इसके बाद प्रत्येक वर्ष 20 रुपये देकर इसका नवीनीकरण होता है.

इसे भी पढ़ें-बलिया: गृह क्लेश में मां ने 5 साल के बेटे के साथ खाया जहर, हालत नाजुक

जानकारी के अभाव में नहीं मिल रहा योजना का लाभ
असंगठित वर्ग के मजदूरों के लिए शुरू की गई 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' में लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए मजदूर वर्गों के लोगों का पंजीयन होना आवश्यक है. इस योजना की शुरुआत से अब तक जिले में महज 8,028 लोगों का ही पंजीकरण हो पाया है. ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

Intro:देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों को 60 वर्ष की उम्र के बाद जीवन यापन करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री ने की थी, लेकिन बलिया में इस योजना को लेकर मजदूर वर्ग के लोगों तक जानकारी ही नहीं पहुंचाई गई. आलम यह है की लोगों को अब तक इसकी जानकारी नहीं.




Body:2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक सौगात देने का काम किया 18 से 40 वर्ष तक की आयु के लोग इस योजना में शामिल हो सकते हैं असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद ₹3000 मासिक पेंशन मिलने की योजना की शुरुआत की गई शुरुआत के दौर में इस योजना को लेकर जोर शोर से हर सरकारी विभाग के केंद्र में प्रचार किया गया लेकिन 1 साल के भीतर ही योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई

बलिया शहर के अलग-अलग हिस्सों में असंगठित मजदूर वर्ग के हजारों लोग काम करते हैं इनमें से सैकड़ों लोग ईट भट्टों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं बलिया के बसंतपुर इलाके के ईट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी नहीं है मजदूरों के अनुसार ना तो गांव में कैंप लगाया गया ना ही कोई प्रचार प्रसार किया गया


साल दर साल श्रमिकों के पंजीयन में हुई कमी

केंद्र की मोदी सरकार की योजना हो या प्रदेश की योगी सरकार के योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की होती है बलिया के श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के आंकड़ों में साल दर साल गिरावट दर्ज की गई वित्तीय वर्ष 2018 और 2019 में जिले में 10265 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया वही वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस आंकड़े में भारी कमी देखने को मिली यह आंकड़ा घटकर 4338 तक ही सीमित रह गया

40 रुपये से होता है पंजीयन

जिले के श्रम प्रवर्तन कार्यालय में मजदूरों के पंजीकरण का कार्य होता है जिसके बाद ही सरकार की सारी लाभकारी योजनाओं का लाभ इन्हें प्राप्त होता है श्रमिक वर्ग के लोग ₹40 की फीस देकर अपना पंजीकरण करा सकते है इसके साथ ही आधार कार्ड बैंक की पासबुक और संबंधित कंपनी से पत्र भी उपलब्ध कराना होता है इसके बाद प्रत्येक वर्ष ₹20 देकर इसका नवीनीकरण होता है

असंगठित वर्ग के मजदूरों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले इसके लिए मजदूर वर्गों के लोगों का पंजीयन होना आवश्यक है इस योजना की शुरुआत से अब तक बलिया में महज 8028 लोगों का ही पंजीकरण हो पाया है ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं


Conclusion:ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर रमेश ने बताया कि अभी तक इसके बारे में किसी ने जानकारी नहीं दी आपके माध्यम से पता चल रहा है अब इसमें पंजीयन कराएंगे बसंतपुर के ईट भट्टे में मजदूरी कर रहे हैं राम आशीष ने बताया कि हम लोग यहां सालों से मजदूरी कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी ने इस योजना के बारे में जानकारी नहीं दी गांव में भी कोई कैंप नहीं लगा योजना काफी अच्छी है 60 साल की उम्र के बाद हम लोगों को जीवन यापन करने के लिए सरकार की ओर से ₹3000 पेंशन मिलेगा यह काफी फायदेमंद होगा

बाइट1-रमेश--श्रमिक
बाइट2-रामाशीष---श्रमिक

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
9455785050

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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