बलिया: जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन पर हुए खर्च को लेकर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है. जिला अस्पताल में मरीजों को 65 रुपये प्रति किलो की दर से पालक का साग और 80 रुपये प्रति लीटर की दर से भैंस का दूध भोजन में दिया गया. इतनी बड़ी अनियमितता बरतने पर डीएम ने अस्पताल के सीएमएस को पद से हटाते हुए 3 सदस्यों वाली टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच बैठा दी है.
पिछले वित्तीय वर्ष में हुए भुगतान की जांच जिलाधिकारी द्वारा की गई तो जो आंकड़े सामने आए उससे सभी के होश उड़ गए. अस्पताल में रोगियों को 80 रुपये लीटर की दर से भैंस का दूध बांटा गया. इतना ही नहीं जो पालक 20 से 25 रुपये किलो की दर से बाजार में उपलब्ध है, वह अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को 65 की दर से दी गई.
खाद्य सामग्रियों को बाजार से दोगुने से अधिक मूल्य पर किया क्रय-
डीएम के अनुसार 18 जून 2018 को मैसेज मनीष कंस्ट्रक्शन के पक्ष में खाद्य सामग्रियों का जो भुगतान किया गया वह आश्चर्यजनक है. खाद्य सामग्रियों को बाजार से दुगने से अधिक मूल्य पर क्रय किया गया. यह स्थिति तब है जब मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाला भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक 2 लाख 24 हजार का भुगतान भी किया जा चुका है.
हटाए गए सीएमएस शिवप्रसाद
जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की. सीएमएस शिवप्रसाद को हटाकर उनके स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया. इसके साथ ही पूरी व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बलिया जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अफसर भी बना दिया.
मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह का बयान-
नोडल अफसर नियुक्त होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि जिला चिकित्सालय बलिया में साफ-सफाई, डॉक्टरों की अनुपस्थिति, बाहर की दवाई लिखना और मरीजों को भोजन न मिलने की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा कार्रवाई करते हुए सीएमएस के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया गया. इसके साथ ही अस्पताल के लिए जो भी टेंडर किए गए थे उनको निरस्त कर नए सिरे से करने के आदेश दिए गए हैं. जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बावजूद भी सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को अस्पताल की ओर न तो दूध उपलब्ध कराया गया और ना ही भोजन दिया गया.