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बलिया जिला अस्पताल में बड़ा खेल, 65 रुपये किलो पालक का साग और 80 रुपये लीटर भैंस का दूध!

उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अस्पताल में मरीजों को दिये जाने वाले भोजन के लिये अस्पताल प्रशासन दिल खोलकर खर्च कर रहा है! अस्पताल में रोगियों को दिये जाने वाले दूध की कीमत 80 रुपये लीटर बतायी गयी. इस संदर्भ में जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन पर हुए खर्च को लेकर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है.

जिला अस्पताल में आसमान छू रहे भोजन के दाम.
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Published : Sep 2, 2019, 11:56 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन पर हुए खर्च को लेकर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है. जिला अस्पताल में मरीजों को 65 रुपये प्रति किलो की दर से पालक का साग और 80 रुपये प्रति लीटर की दर से भैंस का दूध भोजन में दिया गया. इतनी बड़ी अनियमितता बरतने पर डीएम ने अस्पताल के सीएमएस को पद से हटाते हुए 3 सदस्यों वाली टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच बैठा दी है.

जिला अस्पताल में आसमान छू रहे भोजन के दाम.

पिछले वित्तीय वर्ष में हुए भुगतान की जांच जिलाधिकारी द्वारा की गई तो जो आंकड़े सामने आए उससे सभी के होश उड़ गए. अस्पताल में रोगियों को 80 रुपये लीटर की दर से भैंस का दूध बांटा गया. इतना ही नहीं जो पालक 20 से 25 रुपये किलो की दर से बाजार में उपलब्ध है, वह अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को 65 की दर से दी गई.

खाद्य सामग्रियों को बाजार से दोगुने से अधिक मूल्य पर किया क्रय-

डीएम के अनुसार 18 जून 2018 को मैसेज मनीष कंस्ट्रक्शन के पक्ष में खाद्य सामग्रियों का जो भुगतान किया गया वह आश्चर्यजनक है. खाद्य सामग्रियों को बाजार से दुगने से अधिक मूल्य पर क्रय किया गया. यह स्थिति तब है जब मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाला भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक 2 लाख 24 हजार का भुगतान भी किया जा चुका है.

हटाए गए सीएमएस शिवप्रसाद

जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की. सीएमएस शिवप्रसाद को हटाकर उनके स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया. इसके साथ ही पूरी व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बलिया जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अफसर भी बना दिया.

मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह का बयान-

नोडल अफसर नियुक्त होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि जिला चिकित्सालय बलिया में साफ-सफाई, डॉक्टरों की अनुपस्थिति, बाहर की दवाई लिखना और मरीजों को भोजन न मिलने की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा कार्रवाई करते हुए सीएमएस के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया गया. इसके साथ ही अस्पताल के लिए जो भी टेंडर किए गए थे उनको निरस्त कर नए सिरे से करने के आदेश दिए गए हैं. जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बावजूद भी सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को अस्पताल की ओर न तो दूध उपलब्ध कराया गया और ना ही भोजन दिया गया.

बलिया: जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन पर हुए खर्च को लेकर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है. जिला अस्पताल में मरीजों को 65 रुपये प्रति किलो की दर से पालक का साग और 80 रुपये प्रति लीटर की दर से भैंस का दूध भोजन में दिया गया. इतनी बड़ी अनियमितता बरतने पर डीएम ने अस्पताल के सीएमएस को पद से हटाते हुए 3 सदस्यों वाली टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच बैठा दी है.

जिला अस्पताल में आसमान छू रहे भोजन के दाम.

पिछले वित्तीय वर्ष में हुए भुगतान की जांच जिलाधिकारी द्वारा की गई तो जो आंकड़े सामने आए उससे सभी के होश उड़ गए. अस्पताल में रोगियों को 80 रुपये लीटर की दर से भैंस का दूध बांटा गया. इतना ही नहीं जो पालक 20 से 25 रुपये किलो की दर से बाजार में उपलब्ध है, वह अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को 65 की दर से दी गई.

खाद्य सामग्रियों को बाजार से दोगुने से अधिक मूल्य पर किया क्रय-

डीएम के अनुसार 18 जून 2018 को मैसेज मनीष कंस्ट्रक्शन के पक्ष में खाद्य सामग्रियों का जो भुगतान किया गया वह आश्चर्यजनक है. खाद्य सामग्रियों को बाजार से दुगने से अधिक मूल्य पर क्रय किया गया. यह स्थिति तब है जब मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाला भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक 2 लाख 24 हजार का भुगतान भी किया जा चुका है.

हटाए गए सीएमएस शिवप्रसाद

जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की. सीएमएस शिवप्रसाद को हटाकर उनके स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया. इसके साथ ही पूरी व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बलिया जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अफसर भी बना दिया.

मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह का बयान-

नोडल अफसर नियुक्त होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि जिला चिकित्सालय बलिया में साफ-सफाई, डॉक्टरों की अनुपस्थिति, बाहर की दवाई लिखना और मरीजों को भोजन न मिलने की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा कार्रवाई करते हुए सीएमएस के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बीपी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया गया. इसके साथ ही अस्पताल के लिए जो भी टेंडर किए गए थे उनको निरस्त कर नए सिरे से करने के आदेश दिए गए हैं. जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बावजूद भी सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को अस्पताल की ओर न तो दूध उपलब्ध कराया गया और ना ही भोजन दिया गया.

Intro:बलिया---जिला अस्पताल तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है लेकिन इस बार अस्पताल में मरीजों के भोजन पर हुए खर्च को लेकर जिलाधिकारी ने कार्रवाई कर दी बलिया जिला अस्पताल में मरीजों को ₹65 प्रति किलो की दर से पालक का साग और ₹80 प्रति लीटर की दर से भैंस का दूध भोजन में दिया गया वित्तीय वर्ष 2018 --19 में जिला अस्पताल के मरीजों के भोजन और दूध में 7लाख37 हजार रुपए का भुगतान भी किया गया इतनी बड़ी अनियमितता पर डीएम ने अस्पताल के सीएमएस को पद से हटाते हुए 3 सदस्य वाली टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच बैठा दी है और मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अफसर भी नियुक्त कर दिया


Body:बलिया अस्पताल में मरीजों को दवा के साथ-साथ पर्याप्त भोजन देकर उनको शीघ्र स्वस्थ करने के नाम पर ठेकेदारों और सप्लायरो ने खुद का ही सेहत बना लिया पिछले वित्तीय वर्ष में हुए भुगतान की जांच जिलाधिकारी द्वारा की गई तो जो आंकड़े सामने आए उससे सभी के होश उड़ गए अस्पताल में रोगियों को ₹80 लीटर की दर से भैंस का दूध बांटा गया इतना ही नहीं जो पालक 20 से ₹25 किलो की दर से बाजार में उपलब्ध है वह अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को ₹65 की दर से खरीदी गई

जिला अधिकारी के अनुसार 18 जून 2018 को मैसेज मनीष कंस्ट्रक्शन के पक्ष में खाद्य सामग्रियों का जो भुगतान किया गया वह आश्चर्यजनक है खाद्य सामग्रियों को बाजार से दुगने से अधिक मूल्य पर क्रय किया गया यह स्थिति तब है जब मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाला भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है वर्तमान वित्तीय वर्ष 19-20 में अब तक 2लाख 24 हजार का भुगतान भी किया जा चुका है।

जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की सीएमएस शिवप्रसाद को हटाकर उनके स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बी पी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया साथ ही इस पूरी व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बलिया जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अफसर भी बना दिया




Conclusion:नोडल अफसर नियुक्त होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जिला चिकित्सालय बलिया में साफ-सफाई डॉक्टरों की अनुपस्थिति बाहर की दवाई लिखना और मरीजों को भोजन ना मिलने की शिकायत मिल रही थी इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय द्वारा कार्रवाई करते हुए सीएमएस के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सक बी पी सिंह को प्रभारी सीएमएस नियुक्त किया गया साथ ही अस्पताल के लिए जो भी टेंडर किए गए थे उनको निरस्त कर नए सिरे से करने के आदेश दिए

उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में जो खाद्य सामग्री सप्लाई की गई है वह बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर क्रय की गई इसके साथ ही अस्पताल के बेड पर बिछाने वाले छात्रों की सफाई भी ठीक ढंग से नहीं की गई थी जबकि अस्पताल प्रशासन के पास इसके लिए पर्याप्त धन उपलब्ध था

जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बावजूद भी सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को अस्पताल की ओर ना तो दूध उपलब्ध कराया गया और ना ही भोजन दिया गया

बाइट1--बद्रीनाथ सिंह---मुख्य विकास अधिकारी
बाइट2--फरजाना खातून--मरीज
पीटीसी--प्रशान्त बनर्जी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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