बलिया : जिले में शुक्रवार को गांधी जयंती के अवसर पर बहुउद्देश्यीय गंगा यात्रा की शुरुआत कोरंटाडीह के गंगा तट से आरंभ किया गया. इसमें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी, जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, मुख्य विकास अधिकारी जैन, जिला अमन निरीक्षण अधिकारी श्रद्धा, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल शर्मा समेत जिला गंगा समिति की पूरी टीम व गंगा किनारे ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान शामिल हुए. यात्रा प्रारंभ होने से पहले गंगा की समस्याओं व उसके समाधान पर विशेष चर्चा की गई.
गांधी जयंती पर बहुउद्देशीय गंगा यात्रा का शुभारंभ. कोरंटाडीह डाकबंगले पर आयोजित कार्यक्रम में खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत जिले के अधिकारियों ने गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया. उसके बाद अपने संबोधन में मंत्री ने सभी को गांधी जयंती की बधाई दी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने तीन दिवसीय गंगा यात्रा का कार्यक्रम किया, जोकि सराहनीय है. इस यात्रा के माध्यम से गंगा की मूलभूत समस्याओं को नजदीक से देखा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए सबको एक होकर प्रयास करना होगा. जब सभी लोग यह प्रण कर लें कि गंगा को जब मां कहा है तो उसमें पॉलीथिन या कोई भी कचड़ा नहीं डालेंगे. उन्होंने कहा कि हर कोई स्वच्छता के लिए यदि आधा घण्टा समय प्रतिदिन दे, तो आसानी से स्वच्छ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं. अंत में उन्होंने गांधी जी के व्यक्तित्व व उनके कार्यों को बताते हुए उसे सभी को अपने जीवन में उतारने की बात कही.
गांधी जयंती पर बहुउद्देशीय गंगा यात्रा का शुभारंभ. जिलाधिकारी श्री हरी प्रताप शाही ने कहा कि गांधी जयंती के राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर गंगा यात्रा की शुरुआत की गई है. जिले में गंगा करीब 50 ग्राम पंचायतों की 120 किमी की दूरी से होकर गुजरती है. डीएम ने कहा कि स्वच्छता व गंगा दोनों को जोड़कर यह कार्यक्रम रखा गया है. गांधी जी का भी सपना स्वच्छता था और इस कार्यक्रम का भी यही उद्देश्य है. इसमें ग्राम स्तर से अधिक सहयोग की जरूरत है. इस मौके पर एसडीएम सदर राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, तहसीलदार गुलाब चंद्रा, नायब तहसीलदार अजय सिंह, थानाध्यक्ष नरहीं ज्ञानेश्वर मिश्रा, ईओ दिनेश विश्वकर्मा, भौगोलिक जानकार गणेश पाठक, कला शिक्षक इफ्तेखार खां, पंचायती राज के शैलेश ओझा व इसरार अहमद, आपदा विभाग की ओर से एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल शर्मा व पीयूष मौजूद थे.
इसके अलावा इस यात्रा के समय जल निगम, सिचाई व बाढ़ खण्ड के अलावा अन्य कई विभाग के अधिकारी भी थे, जिनको सम्बन्धित समस्याओं को नजदीक से दिखाया गया. वहीं, जल निगम के इंजीनियरों की टीम ने एनडीआरएफ की बोट के सहयोग से जगह-जगह पानी का सैम्पल लिया. खास कर उन जगहों का सैम्पल लिया गया, जहां कोई नाला आकर गिरता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन पानी कितना दूषित है.