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बलिया: गंगा ने दिखाया रौद्र रूप, सड़कों पर कटान से परेशानी बढ़ी - ganga water level increasing in ballia

उत्तर प्रदेश के बलिया में गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. सड़कों पर कटान शुरू हो गई है. इसके कारण लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं.

बलिया में गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर.
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Published : Aug 21, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: हर साल की तरह इस साल भी गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर से सड़कों पर कटान होना शुरू हो गई है. इस कारण लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं.

बलिया में गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर.

कटान की जद में महावीर घाट की ओर जाने वाली सड़क
नगर पालिका के वार्ड नंबर 11 में मोहम्मदपुर क्षेत्र आता है. जिसकी महावीर घाट की ओर जाने वाली सड़क धीरे-धीरे कटान की जद में आती जा रही है. जिसे रोकने के लिए प्राइवेट जेसीबी बुलाकर सड़क के किनारे पड़े कूड़े के ढेर का सहारा लिया जा रहा है. मोहम्मद पुर गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो गंगा नदी के किनारे से काफी दूर बना हुआ था. गंगा का जलस्तर बढ़ने से मंदिर का एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया है.

क्या है खतरे का बिंदु
बलिया जिला गंगा और घागरा दो नदियों के बीच बसा है. जिले के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार जनपद में गंगा नदी का खतरा बिंदु 57.615 मीटर है. वर्ष 2016 में बाढ़ का उच्चतम स्तर 60.390 मीटर दर्ज किया जा चुका है. वर्तमान में गंगा नदी अपने खतरे से लाल निशान से .575 मीटर ऊपर बह रही है. इसमें लगातार बढ़ाव देखा जा रहा है. वहीं, घाघरा नदी में भी लगातार पानी बढ़ता जा रहा है. घाघरा नदी का खतरा बिंदु 64.01 मीटर है. वर्तमान में घागरा नदी अपने खतरे के निशान से महज 0.350 मीटर दूर है.

यह भी पढ़े: कार्यकर्ता पर चढ़ा भाजपा का ऐसा रंग, कार से दाढ़ी तक कर लिया भगवा

गंगा नदी की ओर जाने वाली सड़क में कटान की सूचना नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को दी गई है, लेकिन जब तक नगर पालिका से जेसीबी आकर कटान रोकने के लिए काम शुरू करती तब तक काफी देर हो जाती. इसलिए प्राइवेट जेसीबी की मदद से कटान रोकने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं.
-संजय यादव, सभासद

मोहम्मदपुर में 2 दिन में करीब 200 मीटर कटान हो चुकी है. काफी बड़ा हिस्सा गंगा नदी में समा गया है.
-बृजेश, ग्रामीण

प्रतिदिन नदियों के जलस्तर की सूचना ली जा रही है. इसके अलावा जिला प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर है. एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया जा चुका है. सभी तहसीलों में बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं. जिससे किसी भी हालत में आम जनमानस प्रभावित न हो.
-भावनी सिंह खगारोत, डीएम

बलिया: हर साल की तरह इस साल भी गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर से सड़कों पर कटान होना शुरू हो गई है. इस कारण लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं.

बलिया में गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर.

कटान की जद में महावीर घाट की ओर जाने वाली सड़क
नगर पालिका के वार्ड नंबर 11 में मोहम्मदपुर क्षेत्र आता है. जिसकी महावीर घाट की ओर जाने वाली सड़क धीरे-धीरे कटान की जद में आती जा रही है. जिसे रोकने के लिए प्राइवेट जेसीबी बुलाकर सड़क के किनारे पड़े कूड़े के ढेर का सहारा लिया जा रहा है. मोहम्मद पुर गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो गंगा नदी के किनारे से काफी दूर बना हुआ था. गंगा का जलस्तर बढ़ने से मंदिर का एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया है.

क्या है खतरे का बिंदु
बलिया जिला गंगा और घागरा दो नदियों के बीच बसा है. जिले के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार जनपद में गंगा नदी का खतरा बिंदु 57.615 मीटर है. वर्ष 2016 में बाढ़ का उच्चतम स्तर 60.390 मीटर दर्ज किया जा चुका है. वर्तमान में गंगा नदी अपने खतरे से लाल निशान से .575 मीटर ऊपर बह रही है. इसमें लगातार बढ़ाव देखा जा रहा है. वहीं, घाघरा नदी में भी लगातार पानी बढ़ता जा रहा है. घाघरा नदी का खतरा बिंदु 64.01 मीटर है. वर्तमान में घागरा नदी अपने खतरे के निशान से महज 0.350 मीटर दूर है.

यह भी पढ़े: कार्यकर्ता पर चढ़ा भाजपा का ऐसा रंग, कार से दाढ़ी तक कर लिया भगवा

गंगा नदी की ओर जाने वाली सड़क में कटान की सूचना नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को दी गई है, लेकिन जब तक नगर पालिका से जेसीबी आकर कटान रोकने के लिए काम शुरू करती तब तक काफी देर हो जाती. इसलिए प्राइवेट जेसीबी की मदद से कटान रोकने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं.
-संजय यादव, सभासद

मोहम्मदपुर में 2 दिन में करीब 200 मीटर कटान हो चुकी है. काफी बड़ा हिस्सा गंगा नदी में समा गया है.
-बृजेश, ग्रामीण

प्रतिदिन नदियों के जलस्तर की सूचना ली जा रही है. इसके अलावा जिला प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर है. एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया जा चुका है. सभी तहसीलों में बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं. जिससे किसी भी हालत में आम जनमानस प्रभावित न हो.
-भावनी सिंह खगारोत, डीएम

Intro:बलिया जिला गंगा और घाघरा नदियों से घिरा हुआ जिला है हर वर्ष बाढ़ में यह दोनों नदियां अपना विकराल रूप दिखाती है लाखों हेक्टेयर फसल को बर्बाद कर जनजीवन को प्रभावित करती रही है इस वर्ष गंगा नदी में अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है जिससे सड़कों में कटान होना आरंभ हो गया और लोगों परेशानियां भी बढ़ने लगी है हालांकि जिला प्रशासन ने दावा किया है कि बाढ़ से निपटने की उनकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है


Body:बलिया नगर पालिका के वार्ड नंबर 11 में महावीर घाट और मोहम्मदपुर क्षेत्र आता है शहर से श्रद्धालु स्नान करने के लिए अक्सर महावीर घाट की ओर जाने वाली इस सड़क होकर गुजरते हैं लेकिन यह सड़क अप गंगा नदी के कटान की जद में आ रहा है जिस कारण यह लोगों ने आनन-फानन में प्राइवेट जेसीबी की मदद से सड़क के दोनों किनारों पर पड़े कूड़े के ढेरों को ही कटान रोकने के काम में ला रहे हैं

इलाके के मोहम्मद पुर गांव का यह प्राचीन शिव मंदिर है जो गंगा नदी के किनारे से काफी दूर बना हुआ था लेकिन गंगा में आई बाढ़ से मंदिर और नदी की दूरी में महज कुछ मीटर का ही अंतर बचा है आलम यह है कि मंदिर का एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया है यहां आने वाले आसपास के ग्रामीणों और श्रद्धालु इससे काफी भयभीत है कि जिस तरह गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है आने वाले एक-दो दिन में यह मंदिर पूरी तरह गंगा में समा जाएगा

सभासद संजय यादव ने बताया कि गंगा नदी की ओर जाने वाली इस सड़क में कटान की सूचना स्थानीय लोगों ने दी नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को भी इसकी सूचना दे दी गई है लेकिन जब तक नगर पालिका से जेसीबी आकर कटान रोकने के लिए काम शुरू करती तब तक काफी देर हो जाती है इसलिए प्राइवेट जेसीबी की मदद से कटान रोकने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं

मोहम्मदपुर के ग्रामीण बृजेश ने बताया कि 2 दिन में करीब 200 मीटर कटान हो चुकी है काफी बड़ा हिस्सा गंगा नदी के बाढ़ में समा गया है और यह जो मंदिर है यह भी कल तक गंगा नदी में समा जाएगा

क्या है खतरा बिंदु

बलिया जिला गंगा और घागरा दो नदियों के बीच बसा है जिले के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार जनपद में गंगा नदी का खतरा बिंदु 57.615 मीटर है वर्ष 2016 में बाढ़ का उच्चतम स्तर 60.390 मीटर दर्ज किया जा चुका है वर्तमान में गंगा नदी अपने खतरे से लाल निशान से .575 मीटर ऊपर बह रही है और इसमें लगातार बढ़ाव देखा जा रहा है
वही घाघरा नदी में भी लगातार पानी बढ़ता जा रहा है घाघरा नदी ने वर्ष 1998 में अपना उच्चतम बाढ़ का जलस्तर 66 मीटर दर्ज कराया था बलिया में घाघरा नदी का खतरा बिंदु 64.01 मीटर है वर्तमान में घागरा नदी अपने खतरे के निशान से महज 0.350 मीटर दूर है



Conclusion:बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी करने का दावा किया है जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारोत ने बताया कि प्रतिदिन नदियों के जलस्तर की सूचना ली जा रही है कि नदियों के पानी में बढ़ाओ है या घटाओ क्या फिर वह स्थिर है साथ ही उनके फ्रेंड को भी देखा जा रहा है कि वह लगातार बढ़ रही है या लगातार घट रहे हैं इसके अलावा जिला प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर है किसी भी हालत में बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारियां कर ली गई है एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया जा चुका है ना में भी आ चुकी है सभी तहसीलों में बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं जिससे किसी भी हालत में आम जनमानस को बाढ़ से प्रभावित न होने दिया जाए

बाइट1--संजय यादव--सभासद
बाइट2--बृजेश कुमार--ग्रामीण
बाइट3--भावनी सिंह खगारोत---डीएम

प्रशान्त बनर्जी
बलिया।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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