बलिया: जिले के हनुमानगंज शिक्षा क्षेत्र स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय परिखरा का निर्माण सन 2008 में हुआ था. इस सरकारी स्कूल में कक्षा 6, 7 और 8 में कुल 28 बच्चे पंजीकृत हैं. स्कूल में शिक्षा का वातावरण भी अनुकूल है, लेकिन स्कूल में शौचालय नहीं होने से बच्चे खुले में टॉयलेट करने के लिए मजबूर होते हैं.
जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर परीखरा गांव में परिषदीय स्कूल में तीन कमरों में पढ़ाई होती है. एक कमरा प्रधानाध्यापक का भी है, लेकिन स्कूल के बच्चों और अध्यापकों के लिए यहां शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. यूपीएस परिखरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक अजीत पाठक ने बताया कि कई बार विभाग को शौचालय को लेकर कहा भी गया है. एक बार शौचालय बनाने के लिए समाजसेवी संस्था द्वारा बजट भी आया था, लेकिन स्कूल के पीछे जमीन पर विवाद है. इसके कारण वहां पर निर्माण नहीं किया जा सका. इसको लेकर विभाग को सूचित भी करा दिया गया था.
सहायक अध्यापिका ने दी जानकारी
सहायक अध्यापिका चंद्रकला ने बताया कि एक ओर बच्चों की पढ़ाई और विभागीय दबाव रहता है. दूसरी ओर टॉयलेट को लेकर यहां कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण खुले में टॉयलेट करने जाना पड़ता है. स्कूल के अगल-बगल कई मकान बना रहे लेबर मजदूर भी देखते रहते हैं. ऐसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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मामले में जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह ने बताया कि जनपद के 99.99 फीसदी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था हो गई है. मामले के बारे में अवगत कराया है. यह मुझे चौंकाने वाला लग रहा है. मामले में खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट ली जाएगी कि आखिर ऐसी स्थिति कैसी रह गई. इसके बाद जल्द ही शौचालय की व्यवस्था की जाएगी.