ETV Bharat / state

बलिया: पिछले 2 सालों में आई दिमागी बुखार से बच्चों की मौत में कमी

उत्तर प्रदेश के बलिया में इंसेफेलाइटिस की बीमारी के चलते बहुत से मासूम बच्चों की मौत हुई है. इस जानलेवा बीमारी की जानकारी के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है. इसके लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की गई है.

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत
author img

By

Published : Sep 3, 2019, 10:14 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: सितंबर का महीना प्रत्येक वर्ष पूर्वांचल के जिलों के लिए कहर बनकर आता है. पिछले कई सालों में लगातार इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की मौत होती जा रही है. वहीं सरकार संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत कर इस मृत्यु दर को कम करने में लगातार काम कर रही है. बलिया में इस अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ हुआ और लोगों को जागरूक करने के लिए एक रैली भी निकाली गई.

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत.

इसे भी पढ़ें-बलिया जिला अस्पताल में बड़ा खेल, 65 रुपये किलो पालक का साग और 80 रुपये लीटर भैंस का दूध!

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत
बलिया जिला चिकित्सालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी ने फीता काटकर शुभारंभ किया. सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने पूर्वांचल के लोगों को गंभीर बीमारी से बचने के लिए जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है. लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखने की जरूरत है. ताकि मच्छरों की संख्या न बढ़ सके.

साल दर साल कम हो रही है मृत्यु दर
इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को लेकर सरकार बहुत ही संवेदनशील है. प्रदेश की पूर्व की सरकार हो या वर्तमान सरकार दिमागी बुखार जैसी बीमारी से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रही है. यही वजह है कि पिछले 2 सालों में इसके मामले कम प्रकाश में आने शुरू हुए हैं. 2017 में 4724 दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या हुई थी. जिनमें 655 शिशुओं की मौत हुई थी, जबकि 2018 में यह संख्या 3077 ही हुई और 248 शिशुओं की मौत हुई थी.

दिमागी बुखार पूर्वांचल के लिए एक अभिशाप है, लेकिन संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में सफलता प्राप्त हो रही है. इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए. जो इसको फैला रहे हैं, बढ़ा रहे हैं. उनकी वृद्धि न हो और यह बीमारी एक दूसरे में फैल न सके.
-केडी प्रसाद, वरिष्ठ चिकित्सक

बलिया: सितंबर का महीना प्रत्येक वर्ष पूर्वांचल के जिलों के लिए कहर बनकर आता है. पिछले कई सालों में लगातार इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की मौत होती जा रही है. वहीं सरकार संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत कर इस मृत्यु दर को कम करने में लगातार काम कर रही है. बलिया में इस अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ हुआ और लोगों को जागरूक करने के लिए एक रैली भी निकाली गई.

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत.

इसे भी पढ़ें-बलिया जिला अस्पताल में बड़ा खेल, 65 रुपये किलो पालक का साग और 80 रुपये लीटर भैंस का दूध!

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत
बलिया जिला चिकित्सालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी ने फीता काटकर शुभारंभ किया. सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने पूर्वांचल के लोगों को गंभीर बीमारी से बचने के लिए जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है. लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखने की जरूरत है. ताकि मच्छरों की संख्या न बढ़ सके.

साल दर साल कम हो रही है मृत्यु दर
इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को लेकर सरकार बहुत ही संवेदनशील है. प्रदेश की पूर्व की सरकार हो या वर्तमान सरकार दिमागी बुखार जैसी बीमारी से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रही है. यही वजह है कि पिछले 2 सालों में इसके मामले कम प्रकाश में आने शुरू हुए हैं. 2017 में 4724 दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या हुई थी. जिनमें 655 शिशुओं की मौत हुई थी, जबकि 2018 में यह संख्या 3077 ही हुई और 248 शिशुओं की मौत हुई थी.

दिमागी बुखार पूर्वांचल के लिए एक अभिशाप है, लेकिन संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में सफलता प्राप्त हो रही है. इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए. जो इसको फैला रहे हैं, बढ़ा रहे हैं. उनकी वृद्धि न हो और यह बीमारी एक दूसरे में फैल न सके.
-केडी प्रसाद, वरिष्ठ चिकित्सक

Intro:बलिया
सितंबर का महीना प्रत्येक वर्ष पूर्वांचल के जिलों के लिए आतंक बनकर आता है पिछले कई सालों में लगातार इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की मृत्यु होती रही है लेकिन सरकार ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत कर इस मृत्यु दर को कम करने में लगातार काम कर रही है बलिया में इस अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ हुआ और लोगों को जागरूक करने के लिए एक रैली भी निकाली गई


Body:बलिया जिला चिकित्सालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोग नियंत्रण अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी ने फीता काटकर शुभारंभ किया इस मौके पर सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वांचल के लोगों को गंभीर बीमारी से बचने के लिए जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है लोगों को अपने आसपास साफ सफाई रखने की जरूरत है ताकि मच्छरों की संख्या ना बढ़ सके

साल दर साल कम हो रही है मृत्यु दर
इनफ्लाइट इस जस्सी बीमारी को लेकर सरकार बहुत ही संवेदनशील है प्रदेश की पूर्व की सरकार हो या वर्तमान सरकार दिमागी बुखार जैसी बीमारी से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रही है यही वजह है कि पिछले 2 सालों में इसके मामले कम प्रकाश में आने शुरू हुए हैं
2017 में 4724 दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या हुई थी जिनमें 655 शिशुओं की मौत हुई थी जबकि 2018 में यह संख्या 3077 ही हुई और 248 शिशुओं की मौत हुई थी


Conclusion:इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सक केडी प्रसाद ने बताया कि दिमागी बुखार पूर्वांचल के लिए एक अभिशाप है लेकिन संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में सफलता प्राप्त हो रही है उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई की रखनी चाहिए ताकि व्यक्ति जनित जो रोग है जो इसको फैला रहे हैं बढ़ा रहे हैं उनकी वृद्धि ना हो और यह बीमारी एक दूसरे में फैला न सके


बाइट--केडी प्रसाद---वरिष्ठ चिकित्सक

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.