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बलिया: संगीत के सुर-ताल और रियाज से कोरोना को मात देने की मुहिम

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Published : Jun 23, 2020, 3:16 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि संगीत के जरिए भी किया जाने लगा है. बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सकता है. बलिया जिले के ये संगीतकार संगीत के जरिए कोरोना महामारी को मात देने की बात कह रहे हैं. आईए सुनते हैं इनकी जुबानी...

संगीत से कोरोना को मात देने की मुहिम
संगीत से कोरोना को मात देने की मुहिम

बलिया: पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. यह लड़ाई कभी खत्म होगी या नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं है. विशेषज्ञों द्वारा कोरोना के लिए वैक्सीन बनाने के अब तक कई बड़े दावे किए जा चुके हैं. ऐसे में खुद को संयमित रख रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे हमारा शरीर कोरोना जैसी घातक बीमारी से लड़ने में सक्षम हो.

संगीत से कोरोना महामारी का इलाज.

बलिया जिले में संगीत के कुछ कलाकारों का भी कुछ ऐसा ही कहना है. संगीतकार कहते हैं कि राग, सुर और गीत को माध्यम बनाकर कोरोना महामारी से निपटा जा सकता है, क्योंकि बीमारियों के इलाज में सिर्फ दवाएं ही नहीं असर करतीं, बल्कि मनपसंद गीत-संगीत सुनने और गुनगुनाने से भी लाभ मिलता है. शहर के मिड्ढी निवासी टीडी कॉलेज के संगीत अध्यापक अरविंद उपाध्याय ने बताया कि संगीत से इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए रोज संगीत सुने या इसका रियाज करें. उनका कहना है कि इस उपाय से कोरोना जैसी घातक बीमारी से भी बचा जा सकता है.

चिकित्सा विज्ञान भी मानता है इसके प्रभाव को

मेडिकल साइंस में भी कहा गया है कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी मनपसंद गीत को गाने या सुनने से दैनिक जीवन में होने वाली साधारण बीमारियों से निजात पा सकते हैं. अध्यापक अरविंद उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक रोग का सम्बंध किसी न किसी ग्रह विशेष से होता है. ठीक उसी प्रकार संगीत के हर सुर का सम्बंध भी ग्रह विशेष से है. अब यदि किसी व्याक्ति को किसी ग्रह विशेष से सम्बंधित रोग है, तो उसे उस ग्रह से संबंधित राग सुर या गीत सुनाया जाए तो वह जल्दी स्वस्थ होता है.

हर रोग से ग्रह और संगीता का संबंध

अपने आवास पर संगीत की तालीम देते अरविंद उपाध्याय शिष्यों को गीत का रियाज करा रहे हैं. यहां छात्र तबला, हारमोनियम के साथ शास्त्रीय गायन भी सिखाते हैं. ये सभी लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में केंद्रित हैं. अरविंद उपाध्याय ने बताया कि संगीत चिकित्सा से बहुत सी बीमारियों में जल्दी स्वस्थ होने के लक्षण पाए जाते हैं. यदि यह पता चल जाए कि रोग का संबंध किस ग्रह से है, वह ग्रह किसी न किसी राग और सुर से जरूर सम्बन्ध रखता है. इससे इलाज संभव हो सकेगा.

लो ब्लड पेशर है तो हाईपिच के सुने गीत
अरविंद उपाध्याय बताते है कि यदि किसी व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है. तो उस व्यक्ति को हाईपिच के गीत सुनने या गुनगुनाने चाहिए. इसके लिए राग भूपाली भी काफी फायदेमंद होता है. फिल्मी गीतों में ज्योति कलश छलके...या नीले गगन के तले...गाने से बहुत से रोगों में आराम मिलता है.

हृदय रोगियों के लिए राग दरबारी और राग सारंग है कारगर
संगीत हर मर्ज की दवा है. ऐसे में हार्ट के रोगियों को राग दरबारी और राग सारंग को गुनगुना चाहिए. यदि वो गायन के शौकीन नहीं है, तो उन्हें फिल्मी गीतों को भी सुनना चाहिए. फिल्मी गीत में तोरा मन दर्पण कहलाए...या ओ दुनिया के रखवाले...गाना सुनने से रोगियों को काफी सुकून मिलता है.

संगीत सीख रहे छात्र आशीष वर्मा बताते हैं कि कई राग ऐसे हैं जो छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं. राग मल्हार गाने से बारिश होता है. साथ ही सर्दी, जुखाम और खांसी जैसी बीमारियों में भी यह फायदेमंद होता है. यमन कल्याण राग से हड्डी और जोड़ों में होने वाले दर्द से निजात मिलती है.

संगीत से बीमारियों को दूर करने की बात चिकित्सक भी मानते हैं
बलिया सदर अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी चिकित्सक डॉ. मिथिलेश सिंह बताते हैं कि जब शरीर में स्ट्रेस होता है, तो इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. निगेटिव हार्मोन तीव्र गति से बढ़ना शुरू हो जाते हैं, ऐसे में संगीत से लोगों को राहत मिलती है. कई बार तनाव में संगीत का विपरीत प्रभाव भी होता है. लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं.

डॉ. मिथिलेश ने बताया कि यदि कोई सैनिक बॉर्डर पर है और वो युद्ध कर रहा है. ऐसे में देश भक्ति संगीत सुनने से एडलिन नामक हार्मोन्स रिलीज होता है, जिसके मिशन से बॉडी में कई परिवर्तन महसूस किए जाए हैं. बीपी बढ़ जाता है, हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे वह काफी एग्रेसिव हो जाता है.

बलिया: पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. यह लड़ाई कभी खत्म होगी या नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं है. विशेषज्ञों द्वारा कोरोना के लिए वैक्सीन बनाने के अब तक कई बड़े दावे किए जा चुके हैं. ऐसे में खुद को संयमित रख रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे हमारा शरीर कोरोना जैसी घातक बीमारी से लड़ने में सक्षम हो.

संगीत से कोरोना महामारी का इलाज.

बलिया जिले में संगीत के कुछ कलाकारों का भी कुछ ऐसा ही कहना है. संगीतकार कहते हैं कि राग, सुर और गीत को माध्यम बनाकर कोरोना महामारी से निपटा जा सकता है, क्योंकि बीमारियों के इलाज में सिर्फ दवाएं ही नहीं असर करतीं, बल्कि मनपसंद गीत-संगीत सुनने और गुनगुनाने से भी लाभ मिलता है. शहर के मिड्ढी निवासी टीडी कॉलेज के संगीत अध्यापक अरविंद उपाध्याय ने बताया कि संगीत से इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए रोज संगीत सुने या इसका रियाज करें. उनका कहना है कि इस उपाय से कोरोना जैसी घातक बीमारी से भी बचा जा सकता है.

चिकित्सा विज्ञान भी मानता है इसके प्रभाव को

मेडिकल साइंस में भी कहा गया है कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी मनपसंद गीत को गाने या सुनने से दैनिक जीवन में होने वाली साधारण बीमारियों से निजात पा सकते हैं. अध्यापक अरविंद उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक रोग का सम्बंध किसी न किसी ग्रह विशेष से होता है. ठीक उसी प्रकार संगीत के हर सुर का सम्बंध भी ग्रह विशेष से है. अब यदि किसी व्याक्ति को किसी ग्रह विशेष से सम्बंधित रोग है, तो उसे उस ग्रह से संबंधित राग सुर या गीत सुनाया जाए तो वह जल्दी स्वस्थ होता है.

हर रोग से ग्रह और संगीता का संबंध

अपने आवास पर संगीत की तालीम देते अरविंद उपाध्याय शिष्यों को गीत का रियाज करा रहे हैं. यहां छात्र तबला, हारमोनियम के साथ शास्त्रीय गायन भी सिखाते हैं. ये सभी लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में केंद्रित हैं. अरविंद उपाध्याय ने बताया कि संगीत चिकित्सा से बहुत सी बीमारियों में जल्दी स्वस्थ होने के लक्षण पाए जाते हैं. यदि यह पता चल जाए कि रोग का संबंध किस ग्रह से है, वह ग्रह किसी न किसी राग और सुर से जरूर सम्बन्ध रखता है. इससे इलाज संभव हो सकेगा.

लो ब्लड पेशर है तो हाईपिच के सुने गीत
अरविंद उपाध्याय बताते है कि यदि किसी व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है. तो उस व्यक्ति को हाईपिच के गीत सुनने या गुनगुनाने चाहिए. इसके लिए राग भूपाली भी काफी फायदेमंद होता है. फिल्मी गीतों में ज्योति कलश छलके...या नीले गगन के तले...गाने से बहुत से रोगों में आराम मिलता है.

हृदय रोगियों के लिए राग दरबारी और राग सारंग है कारगर
संगीत हर मर्ज की दवा है. ऐसे में हार्ट के रोगियों को राग दरबारी और राग सारंग को गुनगुना चाहिए. यदि वो गायन के शौकीन नहीं है, तो उन्हें फिल्मी गीतों को भी सुनना चाहिए. फिल्मी गीत में तोरा मन दर्पण कहलाए...या ओ दुनिया के रखवाले...गाना सुनने से रोगियों को काफी सुकून मिलता है.

संगीत सीख रहे छात्र आशीष वर्मा बताते हैं कि कई राग ऐसे हैं जो छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं. राग मल्हार गाने से बारिश होता है. साथ ही सर्दी, जुखाम और खांसी जैसी बीमारियों में भी यह फायदेमंद होता है. यमन कल्याण राग से हड्डी और जोड़ों में होने वाले दर्द से निजात मिलती है.

संगीत से बीमारियों को दूर करने की बात चिकित्सक भी मानते हैं
बलिया सदर अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी चिकित्सक डॉ. मिथिलेश सिंह बताते हैं कि जब शरीर में स्ट्रेस होता है, तो इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. निगेटिव हार्मोन तीव्र गति से बढ़ना शुरू हो जाते हैं, ऐसे में संगीत से लोगों को राहत मिलती है. कई बार तनाव में संगीत का विपरीत प्रभाव भी होता है. लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं.

डॉ. मिथिलेश ने बताया कि यदि कोई सैनिक बॉर्डर पर है और वो युद्ध कर रहा है. ऐसे में देश भक्ति संगीत सुनने से एडलिन नामक हार्मोन्स रिलीज होता है, जिसके मिशन से बॉडी में कई परिवर्तन महसूस किए जाए हैं. बीपी बढ़ जाता है, हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे वह काफी एग्रेसिव हो जाता है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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