लखनऊ : मांगों के लिए राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के आवास पर गई महिलाओं से मारपीट, गालीगलौज करने, गहने छीनने के आरोप के मामले में सीजेएम कोर्ट ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है. इसमें राज्यमंत्री, कोतवाल बालमुकुंद मिश्रा समेत छह और 40-50 अन्य लोगों के खिलाफ 22 जुलाई को परिवाद दर्ज कर लिया गया. बयान दर्ज कराने के लिए 24 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है. वहीं राज्यमंत्री आनंद स्वरूप और कोतवाल ने परिवाद दर्ज होने की जानकारी से इनकार किया है.
रानी देवी ने शिकायत की है कि बलिया के अन्य गांव के लोग और महिलाएं 5 अप्रैल, 2021 को किसी कार्य से राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला से मुलाकात की. उन्होंने राज्यमंत्री से निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा कानून-2009 के तहत विद्यालयों द्वारा पाठ्य पुस्तक और अन्य सहायता उपलब्ध कराने की मांग की. इस पर राज्यमंत्री भड़क गए. रानी देवी का आरोप है कि मंत्री के भड़कते ही उनके समर्थकों ने महिलाओं के साथ मारपीट शुरू कर दी. उनके समर्थकों ने अभद्र व्यवहार किया.
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आरोप है महिलाओं को धक्का देकर राज्यमंत्री के आवास से बाहर निकाला गया. इस दौरान गाली-गलौज और मारपीट की गई. गहने भी छीन लिए गए. इसके बाद पुलिस को बुलाकर लाठीचार्ज कराया गया. रानी देवी का आरोप है कि शिकायत करने पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. मामले में रानी देवी ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, उनके भाई आद्या शुक्ल, बलिया शहर कोतवाली प्रभारी बाल मुकुंद मिश्रा, राज्य मंत्री के 25 समर्थक और 25 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया है.