बलिया: श्री राम जन्मभूमि निर्माण तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय बुधवार को बलिया पहुंचे. यहां विहिप के काशी व गोरक्ष प्रांत के 10 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर देश के सम्मान का प्रतीक है. राम मंदिर का उद्घाटन कौन करेगा, यह अभी तय नहीं हुआ है. इस भव्य राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा दिसंबर-जनवरी में मुहूर्त के अनुसार होगी.
राम मंदिर हिंदुस्तान का सम्मानः चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर को विदेशी आक्रमणकारियों ने हिंदुस्तान की सेना को कमजोर समझकर तोड़ दिया था. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पाण्डेय व चित्तू पांडेय सिर्फ बलिया के हीं नहीं हिंदुस्तान के 100 करोड़ लोगों के सम्मान की रक्षा करने वाले सपूत हैं. इनकी गणना इतिहास में है, इसकी रक्षा करना हिंदुस्तान का सम्मान है. उन्होंने कहा कि 1528 में एक विदेशी हमलावर आया था. उसने इस देश की आत्मा को आहत करने का काम किया था. उसने देश मंदिर तोड़कर जनता पर राज किया.
भव्य बन राम मंदिर का निर्माणः महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीराम इस देश की आत्मा में बसे हैं. इसलिए इस मंदिर का निर्माण राष्ट्र के सम्मान का निर्माण है. यह कोई सामान्य मंदिर नहीं है. इससे जुड़े सारे विषय गौड़ हैं. जिस प्रकार गरीब के लिए रोजगार और रोटी से भी बढ़कर कोई सम्मान नहीं होता है. वह अपने सम्मान से कभी समझौता नहीं कर सकता. उसी प्रकार यह मंदिर भी सम्मान का द्योतक है. अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर भव्य बन रहा है. इस राम मंदिर की लंबाई 350 फीट, चौड़ाई 250 फीट, ऊंचाई 161 फीट है. इस राम मंदिर में 392 खंभों को लगाया गया है. साथ ही जमीन पर लगभग 21 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाया जा रहा है. जिसमें लोहा नहीं लगा हुआ है. यहां पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का प्रयोग किया जा रहा है. इस राम मंदिर के निर्माण में ईंट गारे का काम ही नहीं है. यहां खंभे, बीम और छत राजस्थान के गुलाबी पत्थरों के बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां राजस्थान के धर्मपुर से आए सफेद रंग के मकरान पत्थर को गर्भगृह के इस्तेमाल किया गया है.
राम मंदिर के उद्घाटन में पाकिस्तान के हिंदू आएंगेः चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में भगवान राम के 5 वर्ष की आयु का स्वरूप बनाया जा रहा है. जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. रामलला के 5 वर्ष का स्वरूप वाल्मीकि रामायण में वर्णित घटनाओं से लिया गया है. भगवान राम विष्णु के अवतार थे. इसी आधार पर राम के 5 वर्ष की आयु के स्वरूप को बनाया जा रहा है. राम की मूर्ति के अलावा चारों ओर सूर्य देवता का मंदिर भी बनेगा. भगवती, गणपति और शंकर भगवान का भी मंदिर बनेगा. अन्नपूर्णा और हनुमानजी का भी मंदिर बनाया जा रहा है. यही नहीं महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषादराज, सबरी, अहिल्या व जटायु की भी प्रतिमाएं बनेंगी. इन सभी मंदिरों को सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा. राम मंदिर के उद्घाटन में अयोध्या राम भक्तों से पट जाएगी. अयोध्या में तिल रखने की भी जगह नहीं बचेगी. राम मंदिर का उद्घाटन देखने दुनिया भर से लोग आएंगे. लेकिन विदेशी लोग सोच समझ कर ही आएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से भी हिंदू को बुलाया जाएगा.
साधु और संतों को सांसद बृजभूषण से सहानुभूतिः मीडिया द्वारा अयोध्या में निर्मित हो रहे राममंदिर के निर्माण का उद्घाटन कौन करेगा, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी सोचा नहीं गया है. देश का कोई भी व्यक्ति हो सकता है. इसके अलावा संत-महात्मा भी हो सकते हैं. अयोध्या में राम मंदिर बन जाने के बाद काशी और मथुरा को लेकर पूछे गए सवाल पर चंपत राय ने कहा कि उनका संगठन जिम्मेदार है. एक काम पूरा कर लेने के बाद ही कोई अगला कदम उठाएंगे. एक कार्य हाथ में लिया था. जिसके लिए समाज 450 साल से और उनका संगठन 37 वर्षों से लगा था. इसके सम्पन्न होने के बाद ही अगला कदम सोचेंगे. उन्होंने कहा कि 60 वर्ष पहले विश्व हिंदू परिषद का काम शुरू हुआ था. जो आज देश के 70 हजार गांवों-कस्बों में चल रहा है. लोगों को विहिप से जोड़ने के लिए इसका प्रशिक्षण चल रहा है. सांसद बृजभूषण सिंह के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि उनका अयोध्या के सन्तों से पुराना नाता है. इसलिए उनसे साधु और संतों की सहानुभूति हो सकती है.