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बलिया: ई-कामर्स कंपनियों ने खुदरा व्यापारियों को किया बर्बाद, सड़क पर उतरे व्यापारी

उत्तर प्रदेश के बलिया में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार से ऐसी कंपनियों के खिलाफ नियामक आयोग बनाने की मांग की.

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ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ व्यापारियों का प्रदर्शन.
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Published : Dec 13, 2019, 10:20 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया: जिले में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गांधी के नेतृत्व में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. व्यापारियों का कहना है कि बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियां हर महीने लगातार ऑफर निकालकर अपनी लागत के आधार पर मुनाफा पा लेती हैं. देश की जनता को घर बैठे ही सामान उपलब्ध कराती हैं.

ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ व्यापारियों का प्रदर्शन.

सड़क पर आ गए हैं छोटे व्यापारी
ऐसे में जो लोग बाजार में आकर हम छोटे दुकानदारों से सामानों की खरीद करते थे, वह अब नहीं आ रहे. इससे खुदरा व्यापार और छोटे व्यापारी सड़क पर आ गए हैं. व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन कंपनियां एक पोर्टल पर व्यापार करती हैं, जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता. खुदरा बाजार में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. साथ ही अपनी वस्तुओं को सही से चयन करने का लाभ भी मिलता है.

15 दिसम्बर को भारत बंद
ऑनलाइन कंपनियों की शॉपिंग के बढ़ते प्रचलन से खुदरा व्यापार पूरी तरह से पटरी से उतरता जा रहा है, जिसको लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने 15 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. रविवार को भारत बंद के आह्वान पर देश के सभी राज्यों और जिलों में ई-कॉमर्स ऑनलाइन कंपनियों का विरोध किया जाएगा.

ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे व्यापारियों के व्यापार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. यह जिस तरह से व्यापार कर रहे हैं वह पूरी तरीके से संवैधानिक नहीं है. इसलिए हम देश के प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक नियामक आयोग बनाया जाए, जिससे इनको नियंत्रित किया जा सके और खुदरा व्यापारियों को भी संरक्षित किया जा सके.
-अरविंद गांधी, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

बलिया: जिले में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गांधी के नेतृत्व में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. व्यापारियों का कहना है कि बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियां हर महीने लगातार ऑफर निकालकर अपनी लागत के आधार पर मुनाफा पा लेती हैं. देश की जनता को घर बैठे ही सामान उपलब्ध कराती हैं.

ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ व्यापारियों का प्रदर्शन.

सड़क पर आ गए हैं छोटे व्यापारी
ऐसे में जो लोग बाजार में आकर हम छोटे दुकानदारों से सामानों की खरीद करते थे, वह अब नहीं आ रहे. इससे खुदरा व्यापार और छोटे व्यापारी सड़क पर आ गए हैं. व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन कंपनियां एक पोर्टल पर व्यापार करती हैं, जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता. खुदरा बाजार में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. साथ ही अपनी वस्तुओं को सही से चयन करने का लाभ भी मिलता है.

15 दिसम्बर को भारत बंद
ऑनलाइन कंपनियों की शॉपिंग के बढ़ते प्रचलन से खुदरा व्यापार पूरी तरह से पटरी से उतरता जा रहा है, जिसको लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने 15 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. रविवार को भारत बंद के आह्वान पर देश के सभी राज्यों और जिलों में ई-कॉमर्स ऑनलाइन कंपनियों का विरोध किया जाएगा.

ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे व्यापारियों के व्यापार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. यह जिस तरह से व्यापार कर रहे हैं वह पूरी तरीके से संवैधानिक नहीं है. इसलिए हम देश के प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक नियामक आयोग बनाया जाए, जिससे इनको नियंत्रित किया जा सके और खुदरा व्यापारियों को भी संरक्षित किया जा सके.
-अरविंद गांधी, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

Intro:देश में बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के ऑफर ने जहां आम लोगों को अपने घरों से ही सामानों ऑर्डर देने की सहूलियत दे दी है. वही खुदरा बाजार के व्यापारियों को इससे खासा नुकसान हो रहा है. बलिया में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और सरकार से ऐसी कंपनियों के खिलाफ नियामक आयोग बनाने की मांग की.


Body:अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गांधी के नेतृत्व में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से सौंपा.

व्यापारियों का कहना है कि बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियां हर महीने लगातार ऑफर निकालकर अपने लागत के आधार पर मुनाफा पा लेती है. देश की जनता को घर बैठे ही सामान उपलब्ध कराती है. ऐसे में जो लोग बाजार में आकर हम छोटे दुकानदारों से सामानों की खरीद करते थे वह अब नहीं आ रहे. जिससे खुदरा व्यापार और छोटे व्यापारी सड़क पर आ गए हैं.

व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन कंपनियां एक पोर्टल पर व्यापार करती है. जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता. खुदरा बाजार में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. साथ ही अपनी वस्तुओं को सही से चयन करने का लाभ भी मिलता है.


Conclusion:अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गांधी ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे व्यापारियों की व्यापार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. ये जिस तरह से व्यापार कर रहे हैं वह पूरी तरीके से संवैधानिक नहीं है.इसलिए हम देश के प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक नियामक आयोग बनाया जाए.जिससे इनको नियंत्रित किया जा सके और खुदरा व्यापारियों को भी संरक्षित किया जाए

15 दिसम्बर को भारत बंद

ऑनलाइन कंपनियों के शॉपिंग के बढ़ते प्रचलन से खुदरा व्यापार पूरी तरह से पटरी से उतरता जा रहा है. जिसको लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने 15 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. रविवार को भारत बंद के आह्वान पर देश के सभी राज्यों और जिलों में ई कॉमर्स ऑनलाइन कंपनियों का विरोध किया जाएगा.

बाइट--अरविंद गांधी---प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

प्रशान्त बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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