बलिया: जिले में सरयू नदी ने दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले लिया है. बांसडीह तहसील के मुरियारी गांव में हालात बहुत ही खराब है. बाढ़ के पानी से पूरा गांव जलमग्न हो गया है. ग्रामीणों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा हैं. आलम यह है कि पशुओं के चारे के लिए भी लोग दूसरे गांव से नाव के सहारे जा रहे हैं. डेढ़ महीने से गांव में बाढ़ का पानी जमा होने से ग्रामीणों की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं.
बलिया में गंगा और सरयू दोनों नदियां उफान पर हैं. जिले के चार तहसील के दर्जनों गांव बाढ़ प्रभावित हैं. जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है. वहीं मुड़ियारी गांव में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. डेढ़ महीने से सरयू नदी का पानी गांव में पहुंच चुका है. गांव में बाढ़ के कारण बिजली कट चुकी है. ग्रामीणों के घर पानी में डूब गए हैं. यहां तक की शौचालय से लेकर चारा काटने की मशीन भी बाढ़ के पानी में डूब चुकी है. करीब 6000 की आबादी वाले इस गांव में आवागमन के लिए इन दिनों नाव एकमात्र सहारा है. सरकारी दावे सिर्फ कागजों में ही पूरे होते दिखाई दे रहे हैं. प्राइवेट नाव चालक मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. मजबूरी में लोगों को रुपये देकर खाने-पीने का सामान लाने जाना पड़ रहा है. ग्रामीण चंद्रमा कश्यप ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से मुरारी गांव के गरीब बस्ती में पानी भर चुका है. हम लोग बाढ़ पीड़ित हैं, लेकिन अभी तक कोई सरकारी मुआवजे की व्यवस्था की घोषणा नहीं की गई है.
अपने मवेशियों के लिए चारा लेकर आए इंदु ने बताया कि वह गुढ़ियारी गांव की रहने वाली हैं. बाढ़ के कारण जानवरों के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है. इसलिए दूसरे गांव से नाव के माध्यम से चारा लेकर आई हैं. इंदु का अपना घर बाढ़ की चपेट में आ गया है. घर पानी में डूब चुका है. ऐसे में दूसरे के घरों में छत पर आश्रय लिया गया है. वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ पर लगातार नजर बनाए रखने का दावा कर रहे हैं. इलाके के तहसीलदार और उप जिलाधिकारी को लगातार भ्रमण करने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने जानकारी दी है कि ग्रामीणों की हर संभव मदद की जा रही है. जहां भी हालात खराब होते दिख रहे हैं, वहां पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.