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बलिया: बच्चों को नहीं पता पीएम, सीएम का नाम, यूपी के टॉप 100 में शामिल है स्कूल - सरकारी स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक स्तर

उत्तर प्रदेश के बलिया में स्थित तीन परिषदीय स्कूलों को यूपी के बेस्ट 100 स्कूलों में चुना गया है. यह स्कूल शैक्षिक पाठ्यक्रम और बच्चों के सामान्य ज्ञान के स्तर को देखते हुए उत्कृष्ट श्रेणी में शामिल होने के लिए काफी नहीं हैं.

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बच्चों का शैक्षिक स्तर ठीक नहीं
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Published : Feb 29, 2020, 5:57 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: यूपी के टॉप 100 परिषदीय स्कूल में बलिया जिले से तीन स्कूल चुने गए, लेकिन इन स्कूलों के छात्रों के सामान्य ज्ञान शैक्षिक पाठ्यक्रम के उत्तर कहीं से भी उत्कृष्ट स्कूलों की श्रेणी में शामिल होने के लिए काफी नहीं है. बलिया के बेरुआरबारी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल शिवपुर के बच्चों का शैक्षिक स्तर ठीक नहीं है.

बच्चों का शैक्षिक स्तर ठीक नहीं.

बच्चों के सामान्य ज्ञान का स्तर ठीक नहीं
शिवपुर स्थित परिषदीय स्कूल में 7 अध्यापक तैनात हैं, जो 589 बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इस स्कूल में बच्चों को आई कार्ड भी वितरित किया गया है. स्कूल ने जिले के तीन टॉप स्कूलों में शामिल होकर यूपी के सौ उत्कृष्ट स्कूलों में पुरस्कार प्राप्त कर लिया है, लेकिन बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता और सामान्य ज्ञान का स्तर उत्कृष्ट स्कूल जैसा नहीं है.

लकड़ी के सहारे बन रहा भोजन
बच्चों को देश के प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता. इतना ही नहीं अपने जनपद के जिलाधिकारी से भी बच्चे अनजान हैं. उत्कृष्ट स्कूल की उपलब्धि पाकर भले ही स्कूल के प्रशासन गौरवान्वित महसूस कर रहे हों, लेकिन जिस स्कूल में मिड डे मील का भोजन लकड़ी और कंडे के सहारे बन रहा है. एमडीएम का खाना बनाने वाली रसोईया ने बताया कि, दोनों गैस सिलेंडर खाली हैं और 5 दिनों से लकड़ी के सहारे ही भोजन बन रहा है.

स्कूल के प्रधानाध्यापक चंद्रकांत पाठक ने बताया कि कुछ बच्चे हैं, जो सामान्य ज्ञान के प्रश्न का उत्तर नहीं दे पा रहे हैं. बच्चों में सामान्य ज्ञान के साथ शैक्षिक पाठ्यक्रम को लेकर रुचि ना दिखाना छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है. छात्रों की संख्या काफी होने के कारण एक शिक्षक 80 से 90 छात्रों को देखता है, ऐसे में शिक्षा के सही गुणवत्ता स्तर को प्राप्त करने में असुविधा हो रही है.

इसे भी पढ़ें:- बलियाः लाभार्थियों को नहीं मिली अनुदान राशि, अधूरा पड़ा शौचालय का निर्माण

बलिया: यूपी के टॉप 100 परिषदीय स्कूल में बलिया जिले से तीन स्कूल चुने गए, लेकिन इन स्कूलों के छात्रों के सामान्य ज्ञान शैक्षिक पाठ्यक्रम के उत्तर कहीं से भी उत्कृष्ट स्कूलों की श्रेणी में शामिल होने के लिए काफी नहीं है. बलिया के बेरुआरबारी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल शिवपुर के बच्चों का शैक्षिक स्तर ठीक नहीं है.

बच्चों का शैक्षिक स्तर ठीक नहीं.

बच्चों के सामान्य ज्ञान का स्तर ठीक नहीं
शिवपुर स्थित परिषदीय स्कूल में 7 अध्यापक तैनात हैं, जो 589 बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इस स्कूल में बच्चों को आई कार्ड भी वितरित किया गया है. स्कूल ने जिले के तीन टॉप स्कूलों में शामिल होकर यूपी के सौ उत्कृष्ट स्कूलों में पुरस्कार प्राप्त कर लिया है, लेकिन बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता और सामान्य ज्ञान का स्तर उत्कृष्ट स्कूल जैसा नहीं है.

लकड़ी के सहारे बन रहा भोजन
बच्चों को देश के प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता. इतना ही नहीं अपने जनपद के जिलाधिकारी से भी बच्चे अनजान हैं. उत्कृष्ट स्कूल की उपलब्धि पाकर भले ही स्कूल के प्रशासन गौरवान्वित महसूस कर रहे हों, लेकिन जिस स्कूल में मिड डे मील का भोजन लकड़ी और कंडे के सहारे बन रहा है. एमडीएम का खाना बनाने वाली रसोईया ने बताया कि, दोनों गैस सिलेंडर खाली हैं और 5 दिनों से लकड़ी के सहारे ही भोजन बन रहा है.

स्कूल के प्रधानाध्यापक चंद्रकांत पाठक ने बताया कि कुछ बच्चे हैं, जो सामान्य ज्ञान के प्रश्न का उत्तर नहीं दे पा रहे हैं. बच्चों में सामान्य ज्ञान के साथ शैक्षिक पाठ्यक्रम को लेकर रुचि ना दिखाना छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है. छात्रों की संख्या काफी होने के कारण एक शिक्षक 80 से 90 छात्रों को देखता है, ऐसे में शिक्षा के सही गुणवत्ता स्तर को प्राप्त करने में असुविधा हो रही है.

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Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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