बहराइच: नेपाल के पहाड़ों से बारिश का पानी आने के कारण जिले में घाघरा के तटवर्ती इलाकों में कटान तेज हो गई है. विकास खण्ड फखरपुर क्षेत्र के मंझारा तौकली ग्राम पंचायत में घाघरा की कटान से 35 बीघा कृषि योग्य भूमि नदी की भेंट चढ़ गई है. दलित बस्ती गांव के 50 घर कटान के मुहाने पर हैं. एसडीएम कैसरगंज महेश कुमार कैथल ने कटान प्रभावित गांवों का दौरा कर राजस्व विभाग को मकान और कृषि भूमि का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं.
बहराइच के फखरपुर ब्लॉक के मंझारा तौकली ग्राम पंचायत के रेती में घाघरा ने कटान शुरू कर दी है. बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटवर्ती इलाके के ग्रामीण भयभीत हैं. ग्रामीण सम्भावित बाढ़ और कटान की आशंका से सहमे हुए हैं.
गांव से चंद कदमों की दूरी पर घाघरा पहुंच गई है. घाघरा के कारण सैकड़ों बीघे फसल धारा में विलीन हो गई. ग्राम निवासी मुन्नू, श्यामनरायन, मंटू, दीनानाथ, रामानंद, मातादीन, सुरेश, शत्रोहन प्रसाद, नाटे प्रधान, दयाजीत, लालबाबू, लालदेव के खेतों में लगी कुंदरू, परवल और मेंथा की फसलें घाघरा में समाहित हो रही हैं, जबकि दलित बस्ती गांव के 50 घर नदी के मुहाने पर हैं.
एसडीएम कैसरगंज महेश कुमार कैथल ने बताया कि कटान पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी. राजस्व कर्मचारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करने को निर्देशित किया गया है. महसी तहसील के बौंडी क्षेत्र के सिलौटा, जोगापुरवा, कोरहवा, कायमपुर, गोलागंज, टिकुरी और जर्मापुर गांव कटान के मुहाने पर है. नायब तहसीलदार विपुल सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बौंडी, गोलागंज, सिलौटा, पिपरा और कायमपुर का जायजा लिया. राजस्वकर्मियों को तटवर्ती मकानों और कृषि योग्य भूमि के आंकलन के निर्देश दिए गए हैं.