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बहराइच: मां घाघरा को मनाने में जुटे ग्रामीण, छह से अधिक मकान नदी में हुए विलीन - बाढ़

प्रशासन की उदासीनता और घाघरा के रौद्र रूप को देखते हुए कटान पीड़ितों ने घाघरा मैया को मनाने के लिए पूजा-अर्चना शुरू की है. कटान पीड़ितों को अब घाघरा मैया के रौद्र रूप को कम करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है.

घाघरा मैया को मनाने में जुटे कटान पीड़ित.
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Published : Jul 17, 2019, 1:02 PM IST

बहराइच: जिले में घाघरा नदी की कटान का तांडव जारी है. घाघरा के तांडव को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. अब ग्रामीण घाघरा मैया को मनाने में जुट गए हैं. इसके लिए ग्रामीण घाघरा की तट पर पूजा-अर्चना कर घाघरा के रौद्र रूप को कम करने की विनती कर रहे हैं. प्रशासन की उदासीनता के चलते अब कटान पीड़ितों में गंगा मैया की दया का ही सहारा है. वहीं घाघरा नदी की कटान से अब सैकड़ों बीघे फसल कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है.

घाघरा मैया को मनाने में जुटे कटान पीड़ित.
  • बहराइच में जीवनदायिनी घाघरा तटवर्ती इलाकों में कहर बनकर टूट रही है.
  • भीषण बरसात और नेपाली नदियों से आ रहे पानी के चलते घाघरा रौद्र रूप धारण करती जा रही है.
  • घाघरा ने कैसरगंज तहसील क्षेत्र के छह से अधिक गांवों में कटान तेज कर दी है.
  • कटान पीड़ित लोग अपने घर को छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

कटान पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन से निरंतर मांग करने के बावजूद कटान को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रबंध नहीं किए गए है. इसके चलते घाघरा मैया के रौद्र रूप को कम करने और वापस चले जाने के लिए पूजा-अर्चना कर उनसे वापस चले जाने की विनती की जा रही है.

बहराइच: जिले में घाघरा नदी की कटान का तांडव जारी है. घाघरा के तांडव को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. अब ग्रामीण घाघरा मैया को मनाने में जुट गए हैं. इसके लिए ग्रामीण घाघरा की तट पर पूजा-अर्चना कर घाघरा के रौद्र रूप को कम करने की विनती कर रहे हैं. प्रशासन की उदासीनता के चलते अब कटान पीड़ितों में गंगा मैया की दया का ही सहारा है. वहीं घाघरा नदी की कटान से अब सैकड़ों बीघे फसल कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है.

घाघरा मैया को मनाने में जुटे कटान पीड़ित.
  • बहराइच में जीवनदायिनी घाघरा तटवर्ती इलाकों में कहर बनकर टूट रही है.
  • भीषण बरसात और नेपाली नदियों से आ रहे पानी के चलते घाघरा रौद्र रूप धारण करती जा रही है.
  • घाघरा ने कैसरगंज तहसील क्षेत्र के छह से अधिक गांवों में कटान तेज कर दी है.
  • कटान पीड़ित लोग अपने घर को छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

कटान पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन से निरंतर मांग करने के बावजूद कटान को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रबंध नहीं किए गए है. इसके चलते घाघरा मैया के रौद्र रूप को कम करने और वापस चले जाने के लिए पूजा-अर्चना कर उनसे वापस चले जाने की विनती की जा रही है.

Intro:एंंकर- बहराइच में घाघरा नदी की कटान का तांडव जारी है . घाघरा के तांडव को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत का माहौल है . वह घाघरा मैया को मनाने में जुट गए हैं . वह घाघरा की तट पर पूजा-अर्चना कर घाघरा के रौद्र रूप को कम करने की विनती कर रहे हैं . प्रशासन की उदासीनता के चलते अब कटान पीड़ितों में गंगा मैया की दया का ही सहारा है . घाघरा की कटान से अब तक दर्जनों मकान और सैकड़ों बीघे फसल कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है . बीते 5 सालों के दौरान आधा दर्जन गांव पढ़कर घाघरा में विलीन हो चुके हैं .


Body:वीओ-1- बहराइच में जीवनदायिनी घाघरा तटवर्ती इलाकों में कहर बनकर टूट रही है . भीषण बरसात और नेपाली नदियों से आ रहे पानी के चलते घाघरा रौद्र रूप धारण करती जा रही है . घाघरा ने कैसरगंज तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में कटान तेज कर दी है . जिसके चलते कटान पीड़ित अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़ कर सुरक्षित ठिकाने की ओर पलायन कर रहे हैं . प्रशासन की उदासीनता और घाघरा के रौद्र रूप को देखते हुए कटान पीड़ितों ने घाघरा मैया को मनाने के लिए पूजा-अर्चना शुरू की है . कटान पीड़ितों को अब घाघरा मैया के रौद्र रूप को कम करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है . कटान पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन से निरंतर मांग करने के बावजूद कटान को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कोई प्रबंध नहीं किए गए . जिसके चलते घाघरा मैया के रौद्र रूप को कम करने और वापस चले जाने के लिए पूजा अर्चना की जा रही है . उनसे वापस चले जाने की विनती की जा रही है .
बाइट-1-कटान पीडित ग्रामीण


Conclusion:सय्यद मसूद कादरी
9415151963
बहराइच
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