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बहराइच: घाघरा नदी के रौद्र रूप को कम करने के लिए ग्रामीणों ने किया हवन-पूजन

यूपी के बहराइच में घाघरा नदी का रौद्र रूप जारी है. नदी के कटान से ग्रामीणों की सैड़कों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. जिसकों लेकर ग्रामीणों ने गंगा मैया को मनाने के लिए पूजा-हवन शुरू किया है.

गंगा मैया को मनाने के लिए ग्रामीणों ने हवन-पूजन का किया आयोजन
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Published : Sep 28, 2019, 5:24 AM IST

बहराइच: जिले में घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों के गांव में नदी का तेजी से कटान जारी है. घाघरा के रौद्र रूप को देखते हुए तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हर तरफ से निराश पीड़ित किसानों के पास हवन पूजन कर दुर्गा मैया को मनाने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं है. जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र स्थित मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा और ग्यारह सौरेती गांवों के ग्रामीणों ने घाघरा नदी के तट पर साधु संतों के साथ हवन-पूजन शुरू कर दिया है.

पढ़ें: सरयू का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित, बाढ़ पीड़ित बदहाल

घाघरा नदी के कटान से जलमग्न हुई सैकड़ों बीघा फसल
घाघरा नदी ने तटवर्ती इलाके के गांवों में कटान तेज कर दिया है. सैकड़ों मकान और सैकड़ों बीघे कृषि भूमि कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है. घाघरा की कटान तेज होने के चलते तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा, ग्यारह सौ रेती गांवों में कटान का तांडव जारी है. जिससे घबराए ग्रामीणों ने कटान और बाढ़ से बचने के लिए घाघरा मैया को मनाने की मुहिम शुरू की है .

गंगा मैया को मनाने के लिए ग्रामीणों ने हवन-पूजन का किया आयोजन
ग्रामीणों ने गंगा मैया को मनाने के लिए तट पर भजन-कीर्तन, हवन- पूजन के साथ-साथ कन्या भोज का आयोजन किया है .ग्रामीण हवन पूजन कर गंगा मैया से वापस चले जाने की प्रार्थना कर रहे हैं. सैकड़ों बीघा गन्ना, धान और सब्जी की फसल कटान की भेंट चढ़ चुकी है. अभी भी दर्जनों घर और सैकड़ों बीघे फसल घाघरा की कटान के मुहाने पर है. वहीं ग्रामीणों के साथ साधु संत भी हवन पूजन और यज्ञ कर गंगा मैया को मना रहे हैं. साधु संतों का कहना है कि उनका हवन पूजन और यज्ञ तब तक जारी रहेगा . जब तक गंगा मैया अपना रुख गांव की ओर से मोड़ नहीं देती हैं.

बहराइच: जिले में घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों के गांव में नदी का तेजी से कटान जारी है. घाघरा के रौद्र रूप को देखते हुए तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हर तरफ से निराश पीड़ित किसानों के पास हवन पूजन कर दुर्गा मैया को मनाने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं है. जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र स्थित मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा और ग्यारह सौरेती गांवों के ग्रामीणों ने घाघरा नदी के तट पर साधु संतों के साथ हवन-पूजन शुरू कर दिया है.

पढ़ें: सरयू का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित, बाढ़ पीड़ित बदहाल

घाघरा नदी के कटान से जलमग्न हुई सैकड़ों बीघा फसल
घाघरा नदी ने तटवर्ती इलाके के गांवों में कटान तेज कर दिया है. सैकड़ों मकान और सैकड़ों बीघे कृषि भूमि कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है. घाघरा की कटान तेज होने के चलते तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा, ग्यारह सौ रेती गांवों में कटान का तांडव जारी है. जिससे घबराए ग्रामीणों ने कटान और बाढ़ से बचने के लिए घाघरा मैया को मनाने की मुहिम शुरू की है .

गंगा मैया को मनाने के लिए ग्रामीणों ने हवन-पूजन का किया आयोजन
ग्रामीणों ने गंगा मैया को मनाने के लिए तट पर भजन-कीर्तन, हवन- पूजन के साथ-साथ कन्या भोज का आयोजन किया है .ग्रामीण हवन पूजन कर गंगा मैया से वापस चले जाने की प्रार्थना कर रहे हैं. सैकड़ों बीघा गन्ना, धान और सब्जी की फसल कटान की भेंट चढ़ चुकी है. अभी भी दर्जनों घर और सैकड़ों बीघे फसल घाघरा की कटान के मुहाने पर है. वहीं ग्रामीणों के साथ साधु संत भी हवन पूजन और यज्ञ कर गंगा मैया को मना रहे हैं. साधु संतों का कहना है कि उनका हवन पूजन और यज्ञ तब तक जारी रहेगा . जब तक गंगा मैया अपना रुख गांव की ओर से मोड़ नहीं देती हैं.

Intro:एंकर। बहराइच में घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों के गांव में घाघरा ने कटान तेज कर दी है . घाघरा के रौद्र रूप को देखते हुए तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है . हर तरफ से निराश कटान पीड़ितो के पास हवन पूजन कर दुर्गा मैया को मनाने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं है . कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा और ग्यारह सौ रेती गांवों के ग्रामीणों ने घाघरा नदी के तट पर साधु संतों के साथ हवन पूजन शुरू कर दिया है . जो तब तक जारी रहेगा जब तक घाघरा मैया शांत नहीं हो जाती हैं . और अपना रुख मोड़ गांव की ओर से मोड़ नहीं देती है .


Body:वीओ-1- घाघरा नदी ने तटवर्ती इलाके के गांवों मैं कटान तेज कर दी है . सैकड़ों मकान और सैकड़ों बीघे कृषि भूमि कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है . घाघरा की कटान तेज होने के चलते तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है . कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मंझारा तौकली, भिर्गुपुरवा, ग्यारह सौ रेती गांवों में कटान का तांडव जारी है . जिससे घबराऐ ग्रामीणों ने कटान और बाढ़ से बचने के लिए घाघरा मैया को मनाने की मुहिम शुरू की है . जिसके तहत नदी के तट पर भजन कीर्तन हवन पूजन के साथ साथ कन्या भोज का भी आयोजन चल रहा है . ग्रामीण हवन पूजन कर गंगा मैया से वापस चले जाने की प्रार्थना कर रहे हैं . सैकड़ों बीघे गन्ने, धान और सब्जी की फसल कटान की भेंट चढ़ चुकी है . अभी भी दर्जनों घर और सैकड़ों बीघे फसल घाघरा की कटान के मुहाने पर है . ग्रामीणों के साथ साधु संत भी हवन पूजन और यज्ञ कर गंगा मैया को मना रहे हैं . साधु संतों का कहना है कि उनका हवन पूजन और यज्ञ तब तक जारी रहेगा . जब तक गंगा मैया अपना रुख गांव की ओर से मोड़ नहीं देती हैं .
बाइट-1-बाबा धनदास साधु 2-विनोद कुमार कटान पीड़ित 3-अशोक कुमार निषाद


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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