बहराइच: जिले में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से महसी और कैसरगंज तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में कटान तेज हो गई है. जहां कटान के चलते कई मकान नदी में समा गए हैं तो वहीं किसानों की फसलें भी बाढ़ के चलते बर्बाद हो गई हैं. घाघरा के कहर को देखते हुए ग्रामीण अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.
प्रशासन पर पीड़ितों ने लगाया आरोप
घाघरा की विनाशकारी लहरें तटवर्ती गांवों में तबाही का सबब बन जाती हैं. इस बार घाघरा की विनाशकारी लहरों ने रेती हाता, भिर्गु पुरवा, अडगोडवा सहित करीब 6 गांवों में कटान का कहर बरपा कर रखा है. पीड़ितों का कहना है कि इस मुसीबत की घड़ी में प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है. उन्हें न तो किसी तरह की कोई राहत उपलब्ध कराई जा रही है और न ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था ही की गई है.
आक्रोशित कटान पीड़ितों का कहना है कि ऐसी स्थिति में यदि उनके परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा .
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कटान पीड़ितों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. मैंने कटान प्रभावित मंझावा तौकली और 11सौ रेतीहाता का दौरा कर हालात का जायजा लिया है. तहसील प्रशासन को कटान पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
-शंभू कुमार, जिलाधिकारी