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बहराइच: घाघरा का जलस्तर बढ़ने से तेज हुई कटान, पलायन को मजबूर ग्रामीण

यूपी के बहराइच में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांवों में कटान तेज हो गई है. पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें किसी तरह की कोई सहायता उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिससे ग्रामीण पलायन करने के लिए मजबूर हैं.

बहराइच में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में कटान तेज.
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Published : Sep 20, 2019, 12:36 PM IST

बहराइच: जिले में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से महसी और कैसरगंज तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में कटान तेज हो गई है. जहां कटान के चलते कई मकान नदी में समा गए हैं तो वहीं किसानों की फसलें भी बाढ़ के चलते बर्बाद हो गई हैं. घाघरा के कहर को देखते हुए ग्रामीण अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.

घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से तेज हुई कटान.

प्रशासन पर पीड़ितों ने लगाया आरोप
घाघरा की विनाशकारी लहरें तटवर्ती गांवों में तबाही का सबब बन जाती हैं. इस बार घाघरा की विनाशकारी लहरों ने रेती हाता, भिर्गु पुरवा, अडगोडवा सहित करीब 6 गांवों में कटान का कहर बरपा कर रखा है. पीड़ितों का कहना है कि इस मुसीबत की घड़ी में प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है. उन्हें न तो किसी तरह की कोई राहत उपलब्ध कराई जा रही है और न ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था ही की गई है.

आक्रोशित कटान पीड़ितों का कहना है कि ऐसी स्थिति में यदि उनके परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा .

ये भी पढ़ें: बहराइच: भीषण जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जल निकास व्यवस्था की खुली पोल

कटान पीड़ितों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. मैंने कटान प्रभावित मंझावा तौकली और 11सौ रेतीहाता का दौरा कर हालात का जायजा लिया है. तहसील प्रशासन को कटान पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
-शंभू कुमार, जिलाधिकारी

बहराइच: जिले में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से महसी और कैसरगंज तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में कटान तेज हो गई है. जहां कटान के चलते कई मकान नदी में समा गए हैं तो वहीं किसानों की फसलें भी बाढ़ के चलते बर्बाद हो गई हैं. घाघरा के कहर को देखते हुए ग्रामीण अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.

घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से तेज हुई कटान.

प्रशासन पर पीड़ितों ने लगाया आरोप
घाघरा की विनाशकारी लहरें तटवर्ती गांवों में तबाही का सबब बन जाती हैं. इस बार घाघरा की विनाशकारी लहरों ने रेती हाता, भिर्गु पुरवा, अडगोडवा सहित करीब 6 गांवों में कटान का कहर बरपा कर रखा है. पीड़ितों का कहना है कि इस मुसीबत की घड़ी में प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है. उन्हें न तो किसी तरह की कोई राहत उपलब्ध कराई जा रही है और न ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था ही की गई है.

आक्रोशित कटान पीड़ितों का कहना है कि ऐसी स्थिति में यदि उनके परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा .

ये भी पढ़ें: बहराइच: भीषण जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जल निकास व्यवस्था की खुली पोल

कटान पीड़ितों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. मैंने कटान प्रभावित मंझावा तौकली और 11सौ रेतीहाता का दौरा कर हालात का जायजा लिया है. तहसील प्रशासन को कटान पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
-शंभू कुमार, जिलाधिकारी

Intro:एंकर। बहराइच में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से महसी और कैसरगंज तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में घाघरा ने कटान तेज कर दी है . दर्जनों मकान और सैकड़ों बीघे फसल कटकर घाघरा की धारा में विलीन हो चुकी है. घाघरा के कहर को देखते हुए ग्रामीण अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़ कर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने को मजबूर है . कटान पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन ना तो उन्हें किसी तरह की कोई राहत उपलब्ध करा रहा है और ना ही उन्हें किसी सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का प्रबंध कर रहा है . हालांकि जिलाधिकारी कटान पीड़ितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं .


Body:वीओ-1- घाघरा की विनाशकारी लहरें तटवर्ती गांवों में तबाही का सबब बनती हैं. लहलहाती फसलें और सैकड़ों मकान प्रतिवर्ष कट घाघरा की धारा में विलीन हो जाते हैं . इस बार घाघरा की विनाशकारी लहरें 11 सौ रेती हाता, भिर्गु पुरवा, अडगोडवा सहित करीब आधा दर्जन गांवों में कटान का कहर बरपा कर रखा हैं . कटान पीड़ितों का कहना है कि इस मुसीबत की घड़ी में प्रशासन उनकी सुधि नहीं ले रहा है . उन्हें ना तो किसी तरह की कोई राहत उपलब्ध कराई जा रही है ना ही उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था ही की गई है . आक्रोशित कटान पीड़ितों का कहना है कि ऐसी स्थिति में यदि उनके परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा . वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी शंभू कुमार का कहना है कि कटान पीडितों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है . उन्होंने माना कि घाघरा ने तटवर्ती कई गांव में कटान शुरू कर दी है . जिसमें आवास के साथ साथ कृषि भूमि कटान से ज्यादा प्रभावित है . उन्होंने बताया कि उन्होंने आज कटान प्रभावित मंझावा तौकली और 11सौ रेतीहाता का दौरा कर हालात का जायजा लिया है . उन्होंने तहसील प्रशासन को कटान पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए .
बाइट1-शम्भु कुमार जिलाधिकारी 2-कटान पीडित


Conclusion:सय्यद मसूद कादरी
9415151963
बहराइच
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