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बहराइच: वेतन की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ आंदोलित

यूपी के बहराइच जिले में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासंघ वेतन की मांग को लेकर आंदोलित है. महासंघ का कहना है कि वेतन न मिलने के चलते शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. महासंघ ने मांग की है कि सरकार उन्हें कोरोना काल के दौरान 15000 रुपये प्रति माह की दर से मानदेय उपलब्ध कराए.

प्रदर्शन करते शिक्षक
प्रदर्शन करते शिक्षक
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Published : Sep 8, 2020, 5:25 PM IST

बहराइच: जिले में वित्तविहीन शिक्षक महासंघ वेतन की मांग को लेकर आंदोलित है. महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर "शिक्षा शिक्षक बचाओ आग्रह आंदोलन" शुरू किया है. उन्होंने आज जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय प्रांगण में धरना प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपा है.

वित्तविहीन शिक्षक महासंघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह अज्जू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले मार्च महीने से प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय स्तर तक के सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड या महाविद्यालय से संबंध वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षक वेतन न पाने के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

उनका कहना है कि लॉकडाउन में विद्यालय बंद होने के कारण छात्र और अभिभावक लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं. इसके कारण विद्यालय प्रबंधन वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहा है, जबकि उन विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन एवं ऑनलाइन शिक्षा का कार्य पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन किया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि वित्तविहीन शिक्षकों को मार्च से जब तक कोरोना काल है, तब तक 15000 रुपये प्रति शिक्षक की दर से दिया जाए. साथ ही वित्तविहीन शिक्षकों की सुरक्षित नियमावली निर्गत की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो वित्तविहीन शिक्षक महासंघ संसद से सड़क तक लड़ाई लड़ेगा.

बहराइच: जिले में वित्तविहीन शिक्षक महासंघ वेतन की मांग को लेकर आंदोलित है. महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर "शिक्षा शिक्षक बचाओ आग्रह आंदोलन" शुरू किया है. उन्होंने आज जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय प्रांगण में धरना प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपा है.

वित्तविहीन शिक्षक महासंघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह अज्जू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले मार्च महीने से प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय स्तर तक के सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड या महाविद्यालय से संबंध वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षक वेतन न पाने के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

उनका कहना है कि लॉकडाउन में विद्यालय बंद होने के कारण छात्र और अभिभावक लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं. इसके कारण विद्यालय प्रबंधन वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहा है, जबकि उन विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन एवं ऑनलाइन शिक्षा का कार्य पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन किया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि वित्तविहीन शिक्षकों को मार्च से जब तक कोरोना काल है, तब तक 15000 रुपये प्रति शिक्षक की दर से दिया जाए. साथ ही वित्तविहीन शिक्षकों की सुरक्षित नियमावली निर्गत की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो वित्तविहीन शिक्षक महासंघ संसद से सड़क तक लड़ाई लड़ेगा.

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