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बहराइच में आवारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान - बहराइच में छुट्टा पशुओं का आतंक

यूपी के बहराइच जिले में लोग आवारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं. वहीं जिम्मेदार इस समस्या का जल्द ही समाधान करने की बात कह रहे हैं.

छुट्टा पशुओं के आतंक से लोग परेशान
छुट्टा पशुओं के आतंक से लोग परेशान
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Published : Nov 29, 2020, 1:18 AM IST

बहराइच: जिले में सरकारी उदासीनता के चलते छुट्टा पशुओं का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है, लोग बेहाल हैं. शनिवार को थाना मोतीपुर क्षेत्र के मिहीपुरवा कस्बे में दो सांडों के बीच हुए संघर्ष से बाजार में अफरा तफरी मच गई. बीस मिनट तक हुए संघर्ष में जहां अनेकों वाहन क्षतिग्रस्त हुए, वहीं ठेले, मोटरसाइकिलों और फुटपाथ के कई दुकानदारों को भारी नुकसान पहुंचा. हालांकि लोगों ने पानी का प्रयोग कर किसी तरह से सांडों को बाजार से बाहर खदेड़ा. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने शीघ्र ही छुट्टा पशुओं को गोशाला भेजने की बात कही है.

छुट्टा पशुओं से आम नागरिक बेहाल

जिले में छुट्टा पशुओं के बेहतर पालन पोषण और आमजन को राहत देने के उद्देश्य सरकार द्वारा जिला पंचायत और ग्राम विकास द्वारा करीब 36 गोशालाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते छुट्टा पशुओं से किसान ही नहीं शहर और कस्बे के लोग भी हलकान हैं. यह कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं से लोगों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ा है.

इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बलवंत सिंह ने बताया कि छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भिजवाने का जिम्मा ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारी, और गांव स्तर पर ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी और चौकीदार का है.

उन्होंने बताया कि मिही पुरवा कस्बा ग्राम पंचायत में आता है.ऐसी स्थिति में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की यह जिम्मेदारी है कि वह छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजें. उन्होंने कहा कि यदि इसमें किसी तरह की शिथिलता बरती गई है तो वह इस संबंध में जिम्मेदार लोगों से जवाब तलब करेंगे. उन्होंने बताया कि संज्ञान में आया है कि मिहीपुरवा कस्बे में आवारा पशुओं से लोग परेशान हैं. उन्हें शीघ्र पकड़कर गोशाला में भेजा जाएगा.

बहराइच: जिले में सरकारी उदासीनता के चलते छुट्टा पशुओं का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है, लोग बेहाल हैं. शनिवार को थाना मोतीपुर क्षेत्र के मिहीपुरवा कस्बे में दो सांडों के बीच हुए संघर्ष से बाजार में अफरा तफरी मच गई. बीस मिनट तक हुए संघर्ष में जहां अनेकों वाहन क्षतिग्रस्त हुए, वहीं ठेले, मोटरसाइकिलों और फुटपाथ के कई दुकानदारों को भारी नुकसान पहुंचा. हालांकि लोगों ने पानी का प्रयोग कर किसी तरह से सांडों को बाजार से बाहर खदेड़ा. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने शीघ्र ही छुट्टा पशुओं को गोशाला भेजने की बात कही है.

छुट्टा पशुओं से आम नागरिक बेहाल

जिले में छुट्टा पशुओं के बेहतर पालन पोषण और आमजन को राहत देने के उद्देश्य सरकार द्वारा जिला पंचायत और ग्राम विकास द्वारा करीब 36 गोशालाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते छुट्टा पशुओं से किसान ही नहीं शहर और कस्बे के लोग भी हलकान हैं. यह कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं से लोगों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ा है.

इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बलवंत सिंह ने बताया कि छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भिजवाने का जिम्मा ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारी, और गांव स्तर पर ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी और चौकीदार का है.

उन्होंने बताया कि मिही पुरवा कस्बा ग्राम पंचायत में आता है.ऐसी स्थिति में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की यह जिम्मेदारी है कि वह छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजें. उन्होंने कहा कि यदि इसमें किसी तरह की शिथिलता बरती गई है तो वह इस संबंध में जिम्मेदार लोगों से जवाब तलब करेंगे. उन्होंने बताया कि संज्ञान में आया है कि मिहीपुरवा कस्बे में आवारा पशुओं से लोग परेशान हैं. उन्हें शीघ्र पकड़कर गोशाला में भेजा जाएगा.

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