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किसानों को जागरूक करने के लिए पारले चीनी मिल ने किया गोष्ठी का आयोजन

कैसरगंज के पारले चीनी मिल परसेण्डी में किसान गोष्ठी आयोजित की गयी. इसका आयोजन किसानों को आगामी बसंतकालीन बुवाई के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया.

किसानों को जागरूक करने के लिए पारले चीनी मिल ने किया गोष्ठी का आयोजन
किसानों को जागरूक करने के लिए पारले चीनी मिल ने किया गोष्ठी का आयोजन
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Published : Jan 31, 2021, 5:09 PM IST

बहराइचः कैसरगंज के पारले चीनी मिल परसेण्डी में महाप्रबंधक अनिल सकूजा की अध्यक्षता में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को बसंतकालीन बुवाई को लेकर जागरूक किया गया. इस गोष्ठी का उद्देश्य गन्ने की खेती का क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ाना था. इसके साथ ही आधुनिक खेती के तौर-तरीके से किसानों को अवगत कराना था.

उन्नतशील खेती के लिए किसान ट्रेंच विधि से करें गन्ने की बुवाई

गोष्ठी में महाप्रबंधक अनिल सकूजा ने किसानों को बताया कि आगामी बसंतकालीन बुवाई में 0238 प्रजाति को रेड राड से बचाने के लिए गन्ने की ऊपरी एक तिहाई हिस्सा गन्ना बीज के रूप में इस्तेमाल करें. ट्राईकोडर्मा से भूमि उपचार करें, और 0238 की जगह पर 018, 94184,8272,15023 और 14201 के प्रजाति के गन्नों की खेती करें. उन्होंने ट्रेंच विधि से गन्ना बुवाई के बारे में किसानों को जानकारी दी. महाप्रबंधक सकूजा ने किसानों को अच्छे और स्वस्थ बीज का चुनाव करने के लिये प्रेरित किया. जिससे उनकी पैदावार दोगुनी हो सके. उन्होंने कहा कि पारले चीनी मिल हमेशा से किसानों को समय पर गन्ना भुगतान करती आयी है. किसान दूसरे फसलों की अपेक्षा गन्ने की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. चीनी मिल हमेशा किसानों के सहयोग के लिये तत्पर है.चीनी मिल की आवश्यकता 90 क्विंटल की है. जिसको पूरा करने के लिए किसान अधिक से अधिक क्षेत्रफल में गन्ना लगायें.

इस मौके पर जगतार सिंह, संजीव राठी, वहाजुद्दीन सहित चीनी मिल के दूसरे अफसर मौजूद रहे.

बहराइचः कैसरगंज के पारले चीनी मिल परसेण्डी में महाप्रबंधक अनिल सकूजा की अध्यक्षता में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को बसंतकालीन बुवाई को लेकर जागरूक किया गया. इस गोष्ठी का उद्देश्य गन्ने की खेती का क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ाना था. इसके साथ ही आधुनिक खेती के तौर-तरीके से किसानों को अवगत कराना था.

उन्नतशील खेती के लिए किसान ट्रेंच विधि से करें गन्ने की बुवाई

गोष्ठी में महाप्रबंधक अनिल सकूजा ने किसानों को बताया कि आगामी बसंतकालीन बुवाई में 0238 प्रजाति को रेड राड से बचाने के लिए गन्ने की ऊपरी एक तिहाई हिस्सा गन्ना बीज के रूप में इस्तेमाल करें. ट्राईकोडर्मा से भूमि उपचार करें, और 0238 की जगह पर 018, 94184,8272,15023 और 14201 के प्रजाति के गन्नों की खेती करें. उन्होंने ट्रेंच विधि से गन्ना बुवाई के बारे में किसानों को जानकारी दी. महाप्रबंधक सकूजा ने किसानों को अच्छे और स्वस्थ बीज का चुनाव करने के लिये प्रेरित किया. जिससे उनकी पैदावार दोगुनी हो सके. उन्होंने कहा कि पारले चीनी मिल हमेशा से किसानों को समय पर गन्ना भुगतान करती आयी है. किसान दूसरे फसलों की अपेक्षा गन्ने की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. चीनी मिल हमेशा किसानों के सहयोग के लिये तत्पर है.चीनी मिल की आवश्यकता 90 क्विंटल की है. जिसको पूरा करने के लिए किसान अधिक से अधिक क्षेत्रफल में गन्ना लगायें.

इस मौके पर जगतार सिंह, संजीव राठी, वहाजुद्दीन सहित चीनी मिल के दूसरे अफसर मौजूद रहे.

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