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बहराइच: सरयू नदी में आई बाढ़ ने मचाया कोहराम, कई गांव प्रभावित - बहराइच समाचार

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं 12 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं.

खतरे के निशान पर सरयू नदी का जलस्तर
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Published : Jul 20, 2019, 10:06 AM IST

बहराइच: भारी बारिश से सरयू नदी का जल स्तर बढ़ा गया है. महसी तहसील क्षेत्र के गोलवा, कोरियन पुरवा, आगा पुरवा, छोटी टेपरी, बड़ी टेपरी सहित आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है. कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं. आगा पुरवा और गोलवा गांव के रास्ते कई जगह कट गए हैं, जिसके चलते आवागमन रुक गया है. लेकिन प्रशासन का कहना है खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है.

खतरे के निशान पर सरयू नदी का जलस्तर

बाढ़ बनी आफत:

  • सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
  • जिले में आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग तैर कर या नाव के सहारे अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.
  • बाढ़ से पीड़ित लोगों का कहना है, प्रशासन किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं कर रही है.
  • उनका कहना है कि प्रशासनिक अफसर ही नहीं, गांव का लेखपाल भी उनकी सुध लेने गांव नहीं गया है.
  • बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन गांवों में दो ग्राम प्रधान द्वारा मात्र दो नावें लगाई गई हैं.
  • ग्रामीणों के मुताबिक 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
  • वहीं दूसरी ओर एसडीएम का कहना है कि खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है. खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है.
  • खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है .

खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है .

एस.एन.त्रिपाठी ,एस.डी.एम.महसी

बहराइच: भारी बारिश से सरयू नदी का जल स्तर बढ़ा गया है. महसी तहसील क्षेत्र के गोलवा, कोरियन पुरवा, आगा पुरवा, छोटी टेपरी, बड़ी टेपरी सहित आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है. कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं. आगा पुरवा और गोलवा गांव के रास्ते कई जगह कट गए हैं, जिसके चलते आवागमन रुक गया है. लेकिन प्रशासन का कहना है खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है.

खतरे के निशान पर सरयू नदी का जलस्तर

बाढ़ बनी आफत:

  • सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
  • जिले में आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग तैर कर या नाव के सहारे अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.
  • बाढ़ से पीड़ित लोगों का कहना है, प्रशासन किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं कर रही है.
  • उनका कहना है कि प्रशासनिक अफसर ही नहीं, गांव का लेखपाल भी उनकी सुध लेने गांव नहीं गया है.
  • बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन गांवों में दो ग्राम प्रधान द्वारा मात्र दो नावें लगाई गई हैं.
  • ग्रामीणों के मुताबिक 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
  • वहीं दूसरी ओर एसडीएम का कहना है कि खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है. खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है.
  • खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है .

खतरे की कोई बात नहीं है, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है .

एस.एन.त्रिपाठी ,एस.डी.एम.महसी

Intro:एंकर- बहराइच में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण महसी तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं . कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है . कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं . बाढ़ प्रभावित ग्रामीण दुश्वार जिंदगी जीने को मजबूर हैं . बाढ़ पीड़ित प्रशासन पर किसी तरह की कोई सुविधा मुहैया न कराने का आरोप लगा रहे हैं . उनका कहना है कि 8 दिनों से बाढ़ का तांडव जारी है . लेकिन प्रशासन ने उनकी सुधि नहीं ली है . हालांकि एसडीएम महसी बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव चलाने की बात कह रहे हैं .


Body:वीओ-1- बहराइच में महसी तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है . गोलवा , कोरियन पुरवा आगा पुरवा, छोटी टेपरी, बड़ी टेपरी सहित आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है . सरयू नदी का जलस्तर घटने के बावजूद आधा दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित है . कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है . जबकि कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं . आगा पुरवा और गोलवा गांव के रास्ते कई जहां पर कट गए हैं . जिसके चलते आवागमन अवरुद्ध है . बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग तैर कर या नाव के सहारे अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं . बाढ़ प्रभावित ग्रामीण प्रशासन पर किसी तरह की कोई सहायता उपलब्ध न कराने का आरोप लगा रहे हैं . उनका कहना है कि प्रशासनिक अफसर ही नहीं गांव का लेखपाल भी उनकी सुध लेने उनके गांव नहीं गया है . बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन गांवों में दो ग्राम प्रधान द्वारा मात्र दो नावें लगाई गई हैं . ग्रामीणों के मुताबिक जबकि 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है . वहीं दूसरी ओर एसडीएम महसी एसएन त्रिपाठी का कहना है कि खतरे की कोई बात नहीं है . बाढ़ प्रभावित इलाकों में चार नावें लगा दी गई है .
बाइट-1-मायावती (बाढ पीडित) 2-गुड्डू (बाढ पीडित) 3-एस.एन.त्रिपाठी (एस.डी.एम.महसी)


Conclusion: सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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