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बहराइच: कामगारों और प्रवासियों के लिए संजीवनी बनी मनरेगा

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में लॉकडाउन के कारण मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. वहीं इस समस्या को देखते हुए शासन ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम) के तहत मजदूरों को रोजगार देने की बात कही है. इसके अंतर्गत मजदूर कार्य करके अपनी आजीविका चला सकेंगे.

migrant laborers being given employment under mgnrega scheme in bahraich
मनरेगा योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को दिया जा रहा रोजगार.
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Published : Jun 3, 2020, 12:18 PM IST

बहराइच: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. वहीं अब लॉकडाउन-5 का चरण भी शुरू हो चुका है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. मजदूरों के पास रोजगार न होने से उन्हें इधर-ऊधर भटकना पड़ रहा है.

सरकार अब मजदूरों को रोजगार देने के लिए तर्क निकाल चुकी है. कामगारों और प्रवासी मजदूरों को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम) के तहत रोजगार दिया जा रहा है, जिससे वह अपनी और अपने परिवार की आजीविका चला सकें.

मजदूरों को दिया जा रहा रोजगार
कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने महामारी घोषित कर दिया है. इसके सन्दर्भ में उत्पन्न विषम परिस्थितियों में कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) मजदूरों के लिए संजीवनी की भूमिका अदा कर रही है. लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में कामगारों और प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. जनपद की सभी 1,054 ग्राम पंचायतों में 5,801 कार्य प्रारंभ कराकर अब तक 1 लाख 4 हजार 259 गैर दक्ष मजदूरों को रोजगार प्रदान किया गया है.

जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) का कार्य प्रारंभ कराकर बहराइच ने प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त किया था. जिले के इस उपलब्धि के लिए मुख्य विकास अधिकारी अरविंद चैहान और उपायुक्त मनरेगा/परियोजना निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार सिंह के प्रयासों की सराहना भी की गई है. यह कार्य प्रदेश के प्रमुख सचिव ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी शंभु कुमार के नेतृत्व किया है.

बहराइच: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. वहीं अब लॉकडाउन-5 का चरण भी शुरू हो चुका है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. मजदूरों के पास रोजगार न होने से उन्हें इधर-ऊधर भटकना पड़ रहा है.

सरकार अब मजदूरों को रोजगार देने के लिए तर्क निकाल चुकी है. कामगारों और प्रवासी मजदूरों को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम) के तहत रोजगार दिया जा रहा है, जिससे वह अपनी और अपने परिवार की आजीविका चला सकें.

मजदूरों को दिया जा रहा रोजगार
कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने महामारी घोषित कर दिया है. इसके सन्दर्भ में उत्पन्न विषम परिस्थितियों में कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) मजदूरों के लिए संजीवनी की भूमिका अदा कर रही है. लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में कामगारों और प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. जनपद की सभी 1,054 ग्राम पंचायतों में 5,801 कार्य प्रारंभ कराकर अब तक 1 लाख 4 हजार 259 गैर दक्ष मजदूरों को रोजगार प्रदान किया गया है.

जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) का कार्य प्रारंभ कराकर बहराइच ने प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त किया था. जिले के इस उपलब्धि के लिए मुख्य विकास अधिकारी अरविंद चैहान और उपायुक्त मनरेगा/परियोजना निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार सिंह के प्रयासों की सराहना भी की गई है. यह कार्य प्रदेश के प्रमुख सचिव ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी शंभु कुमार के नेतृत्व किया है.

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