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जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में करे कार्य: डीएम

यूपी के बहराइच में जेल दिवस के अवसर पर जिला जेल में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करे. इस कार्य जिला प्रशासन पूरा सहयोग करेगा.

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बहराइच जिला जेल
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Published : Jan 31, 2020, 5:55 AM IST

बहराइच: नेपाल सीमावर्ती जनपद बहराइच में जेल दिवस सुधार गृह के रूप में कार्य करने के संकल्प के साथ मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला अधिकारी शंभू कुमार ने कहा कि जिला जेल यातना गृह नहीं सुधार गृह के रूप में कार्य करे.

बहराइच जिला जेल में मनाया गया जेल दिवस.

जिलाधिकारी ने कहा कि बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा का असर है. इसके साथ-साथ जिला कारागार में जेल दिवस भी मनाया जा रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जेल के अंदर उन्हें अच्छा माहौल देखने को मिला है. क्रिकेट टीम, वालीबॉल टीम, बैडमिंटन टीम, रस्साकशी टीम बनाकर खेल के माध्यम से बंदियों में सुधार लाने की पहल की जा रही है, ताकि वह जेल से छूटने के बाद समाज के अच्छे नागरिक बन सकें.

ये भी पढ़ें: बहराइच: दारोगा की रिवाल्वर गायब, लौटाने वाले को दिया जाएगा 10 हजार का इनाम

जिलाधिकारी ने कहा कि जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करे. जेल प्रशासन इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन के इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्य में प्रशासन पूरी मदद करेगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि बंदियों से उनकी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई. उनसे जहां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की गई. वहीं न्यायालय में पैरवी से संबंधित विषय पर भी चर्चा की गई. महिला बंदियों के साथ उनके छोटे बच्चे भी रहते हैं. बच्चों की पढ़ाई को लेकर प्रशासन गंभीर है. इस दिशा में कार्य किया जाएगा.

जेल अधीक्षक अविनेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिला जेल में महिला बंदियों के साथ उनके छह बच्चे रहते हैं. इन्हें फिलहाल महिला बंदी शिक्षा दे रही हैं. महिला बंदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक महिला शिक्षक की मांग की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही एक महिला शिक्षक मिल जाएगी.

बहराइच: नेपाल सीमावर्ती जनपद बहराइच में जेल दिवस सुधार गृह के रूप में कार्य करने के संकल्प के साथ मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला अधिकारी शंभू कुमार ने कहा कि जिला जेल यातना गृह नहीं सुधार गृह के रूप में कार्य करे.

बहराइच जिला जेल में मनाया गया जेल दिवस.

जिलाधिकारी ने कहा कि बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा का असर है. इसके साथ-साथ जिला कारागार में जेल दिवस भी मनाया जा रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जेल के अंदर उन्हें अच्छा माहौल देखने को मिला है. क्रिकेट टीम, वालीबॉल टीम, बैडमिंटन टीम, रस्साकशी टीम बनाकर खेल के माध्यम से बंदियों में सुधार लाने की पहल की जा रही है, ताकि वह जेल से छूटने के बाद समाज के अच्छे नागरिक बन सकें.

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जिलाधिकारी ने कहा कि जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करे. जेल प्रशासन इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन के इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्य में प्रशासन पूरी मदद करेगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि बंदियों से उनकी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई. उनसे जहां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की गई. वहीं न्यायालय में पैरवी से संबंधित विषय पर भी चर्चा की गई. महिला बंदियों के साथ उनके छोटे बच्चे भी रहते हैं. बच्चों की पढ़ाई को लेकर प्रशासन गंभीर है. इस दिशा में कार्य किया जाएगा.

जेल अधीक्षक अविनेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिला जेल में महिला बंदियों के साथ उनके छह बच्चे रहते हैं. इन्हें फिलहाल महिला बंदी शिक्षा दे रही हैं. महिला बंदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक महिला शिक्षक की मांग की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही एक महिला शिक्षक मिल जाएगी.

Intro:एंकर। जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करें. बहराइच में इस संकल्प के साथ जेल दिवस मनाया गया. जेल दिवस के अवसर पर जिला जेल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए जिलाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि इस दिशा में जेल प्रशासन कार्य कर रहा है. जो सराहनीय हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की टीम जेल प्रशासन के इस तरह के कार्यों में पूरा सहयोग करेगी. उन्होंने जेल में बंद महिलाओं के साथ-साथ उनके बच्चों की शिक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए जाने की बात कही. जेल अधीक्षक अवनींद्र त्रिपाठी ने कहा कि उन बच्चों को जेल में महिला बंदी पढ़ा रही हैं. लेकिन उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक शिक्षक की मांग की है. ताकि महिला बंदियों और उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके.


Body:वीओ-1- नेपाल सीमावर्ती जनपद बहराइच मे जेल दिवस सुधार गृह के रूप में कार्य करने के संकल्प के साथ मनाया गया. उक्त अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला अधिकारी शंभू कुमार ने कहा की जिला जेल यातना गृह नहीं सुधार गृह के रूप में कार्य करें. उन्होंने कहा कि आज बसंत पंचमी का दिन है. मां सरस्वती की पूजा का असर है. इसके साथ-साथ जिला कारागार में जेल दिवस भी मनाया जा रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जेल के अंदर उन्हें अच्छा माहौल देखने को मिला है. बन्दियों की क्रिकेट टीम, वालीबॉल टीम, बैडमिंटन टीम, रस्साकशी टीम बनाकर खेल के माध्यम से बंदियों में सुधार लाने की पहल की जा रही है. ताकि वह जेल से छूटने के बाद समाज के अच्छे नागरिक बन सकें. उन्होंने कहा कि एक परिकल्पना है कि जेल सिर्फ यात्रा ग्रह न रहे. बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करें. जेल प्रशासन इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन के इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उनको भरोसा दिलाया कि उनके इस तरह के सराहनीय कार्य में प्रशासन पूरी मदद करेगा. उन्होंने बताया कि बंदियों से उनकी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई. उनसे जहां स्वास्थ संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की गई. वहीं न्यायालय में पैरवी से संबंधित विषय पर भी चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि महिला बंदियों के साथ उनके छोटे बच्चे भी रहते हैं. बच्चों की पढ़ाई को लेकर प्रशासन गंभीर है. इस दिशा में कार्य किया जाएगा. जेल अधीक्षक अविनेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि जिला जेल में महिला बंदियों के साथ उनके छह बच्चे रहते हैं. जिन्हें फिलहाल महिला बंदी शिक्षा दे रही हैं. लेकिन महिला बंदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक महिला शिक्षक की मांग की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही एक महिला शिक्षक मिल जाएगी.
बाइट-1- शंभू कुमार जिलाधिकारी 2-अविनेद्र त्रिपाठी


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
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