बहराइच: नेपाल सीमावर्ती जनपद बहराइच में जेल दिवस सुधार गृह के रूप में कार्य करने के संकल्प के साथ मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला अधिकारी शंभू कुमार ने कहा कि जिला जेल यातना गृह नहीं सुधार गृह के रूप में कार्य करे.
जिलाधिकारी ने कहा कि बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा का असर है. इसके साथ-साथ जिला कारागार में जेल दिवस भी मनाया जा रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जेल के अंदर उन्हें अच्छा माहौल देखने को मिला है. क्रिकेट टीम, वालीबॉल टीम, बैडमिंटन टीम, रस्साकशी टीम बनाकर खेल के माध्यम से बंदियों में सुधार लाने की पहल की जा रही है, ताकि वह जेल से छूटने के बाद समाज के अच्छे नागरिक बन सकें.
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जिलाधिकारी ने कहा कि जेल सिर्फ यातना गृह न रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य करे. जेल प्रशासन इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है. उन्होंने जेल प्रशासन के इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्य में प्रशासन पूरी मदद करेगा.
जिलाधिकारी ने बताया कि बंदियों से उनकी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई. उनसे जहां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की गई. वहीं न्यायालय में पैरवी से संबंधित विषय पर भी चर्चा की गई. महिला बंदियों के साथ उनके छोटे बच्चे भी रहते हैं. बच्चों की पढ़ाई को लेकर प्रशासन गंभीर है. इस दिशा में कार्य किया जाएगा.
जेल अधीक्षक अविनेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिला जेल में महिला बंदियों के साथ उनके छह बच्चे रहते हैं. इन्हें फिलहाल महिला बंदी शिक्षा दे रही हैं. महिला बंदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक महिला शिक्षक की मांग की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही एक महिला शिक्षक मिल जाएगी.