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जिला कारागार में बंदी की मौत के बाद तनाव, परिजनों ने नहीं किया अंतिम संस्कार, 3 थानों की फोर्स तैनात - बंदी की मौत से गांव में टेंशन

बहराइच के एक बंदी की संदिग्ध हालात में जिला कारागार में मौत (prisoner died in bahraich district jail) हो गई. शव गांव पहुंचने पर परिवार के लोग गमगीन हो गए. उन्होंने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया. मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात है.

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Published : Aug 4, 2023, 8:06 PM IST

बहराइच : जिले के पयागपुर के हसुआपारा गांव निवासी एक बंदी की जिला कारागार में गुरुवार को मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद शव रात में ही गांव पहुंचा दिया गया. बंदी की मौत के बाद परिवार और ग्रामीण काफी नाराज हैं. शुक्रवार दोपहर तक परिजनों ने शव को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया. तनाव को देखते हुए गांव में तीन थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. सीओ शांति व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.

रात में ही कराया गया पोस्टमार्टम : पयागपुर थाना क्षेत्र के हंसुआपारा गांव निवासी ताहिर को पुलिस ने चार अन्य के साथ एक अगस्त को जेल भेजा था. सभी पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगा था. जिला कारागार में ताहिर की गुरुवार की दोपहर में मौत हो गई थी. इसके बाद रात में ही चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद शव गांव पहुंचा तो परिवार और गांव के लोग भड़क गए. ग्रामीणों का कहना है कि ताहिर को जिस दिन घटना में शामिल होना बताया जा रहा है, उस दिन वह क्षेत्र में ही नहीं था. पुलिस ने गांव के दो लोगों की मदद से मिलकर उनका नाम शामिल कर जेल भेज दिया.

मुहर्रम के जुलूस के दौरान किया था तिरंगे का अपमान : ग्रामीण और परिजन मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार दोपहर तक ताहिर के शव को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया गया. दरअसल, हसुवापारा गांव में तिरंगे का अपमान कर कुछ युवकों ने मुहर्रम का जुलूस निकाला था. एक अगस्त को पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इनमें ईशा हाफिज, ताहिर, मुस्लिम, सिकन्दर और शहंशाह थे. तीन अगस्त को 52 वर्षीय ताहिर ने दम तोड़ दिया था. घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बहराइच : जिले के पयागपुर के हसुआपारा गांव निवासी एक बंदी की जिला कारागार में गुरुवार को मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद शव रात में ही गांव पहुंचा दिया गया. बंदी की मौत के बाद परिवार और ग्रामीण काफी नाराज हैं. शुक्रवार दोपहर तक परिजनों ने शव को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया. तनाव को देखते हुए गांव में तीन थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. सीओ शांति व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.

रात में ही कराया गया पोस्टमार्टम : पयागपुर थाना क्षेत्र के हंसुआपारा गांव निवासी ताहिर को पुलिस ने चार अन्य के साथ एक अगस्त को जेल भेजा था. सभी पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगा था. जिला कारागार में ताहिर की गुरुवार की दोपहर में मौत हो गई थी. इसके बाद रात में ही चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद शव गांव पहुंचा तो परिवार और गांव के लोग भड़क गए. ग्रामीणों का कहना है कि ताहिर को जिस दिन घटना में शामिल होना बताया जा रहा है, उस दिन वह क्षेत्र में ही नहीं था. पुलिस ने गांव के दो लोगों की मदद से मिलकर उनका नाम शामिल कर जेल भेज दिया.

मुहर्रम के जुलूस के दौरान किया था तिरंगे का अपमान : ग्रामीण और परिजन मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार दोपहर तक ताहिर के शव को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया गया. दरअसल, हसुवापारा गांव में तिरंगे का अपमान कर कुछ युवकों ने मुहर्रम का जुलूस निकाला था. एक अगस्त को पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इनमें ईशा हाफिज, ताहिर, मुस्लिम, सिकन्दर और शहंशाह थे. तीन अगस्त को 52 वर्षीय ताहिर ने दम तोड़ दिया था. घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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