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बहराइच : भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन - nomination

बहराइच सुरक्षित लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन, कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस ने बेरोजगारी, शिक्षा, खुशहाली और किसानों के विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती नजर आ रही है. इस लोकसभा सीट से 2014 के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज कराई थी.

भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन
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Published : Apr 17, 2019, 12:15 AM IST

बहराइच लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन, कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. भाजपा जहां राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन बेरोजगारी, शिक्षा, खुशहाली और किसानों के विकास के मुद्दे पर चुनावी दंगल में उतर रही है, जबकि कांग्रेस सभी को बराबर का हक दिलाने, बेरोजगारों को नौकरी दिलाने, भूमिहीनों को भूमि दिलाने के लिए उतरी है.

भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने किया नामांकन.

कांग्रेस का थामा दामन

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की साध्वी सावित्री बाई फुले ने जीत दर्ज कराई थी.
  • इस बार भाजपा से बगावत करके कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कराया है.
  • भाजपा से विधायक फिर सांसद बनी साध्वी सावित्री बाई फुले ने भाजपा में रहकर राजनीतिक बुलंदियों को छुआ.
  • कुछ वर्षों बाद भाजपा में रह कर उन्हें संविधान और लोकतंत्र खतरे में लगने लगा.
  • भाजपा में रहकर भाजपा के विरुद्ध मुहिम चला कर खूब सुर्खियां बटोरी.
  • भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया.

भाजपा सरकार में लोकतंत्र और संविधान दोनों सुरक्षित नहीं हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित है. अगर संविधान सुरक्षित रहेगा तो सभी जाति धर्म संप्रदाय को बराबर का हक मिलेगा.

-साध्वी सावित्री बाई फुले, कांग्रेस प्रत्याशी

जिले में रोजगार के अभाव में नौजवान दूसरे प्रान्तों में पलायन करने को मजबूर हैं. वह दूसरे प्रांतों में मजदूरी करके किसी तरह से अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा है. रोजगार की व्यवस्था करना, बदहाल कानून व्यवस्था को सुधारना, खुशहाली लाना और किसानों की बदहाली दूर करना उनका चुनावी मुद्दा है.

-शब्बीर बाल्मीकि, सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी

बहराइच लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन, कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. भाजपा जहां राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन बेरोजगारी, शिक्षा, खुशहाली और किसानों के विकास के मुद्दे पर चुनावी दंगल में उतर रही है, जबकि कांग्रेस सभी को बराबर का हक दिलाने, बेरोजगारों को नौकरी दिलाने, भूमिहीनों को भूमि दिलाने के लिए उतरी है.

भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने किया नामांकन.

कांग्रेस का थामा दामन

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की साध्वी सावित्री बाई फुले ने जीत दर्ज कराई थी.
  • इस बार भाजपा से बगावत करके कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कराया है.
  • भाजपा से विधायक फिर सांसद बनी साध्वी सावित्री बाई फुले ने भाजपा में रहकर राजनीतिक बुलंदियों को छुआ.
  • कुछ वर्षों बाद भाजपा में रह कर उन्हें संविधान और लोकतंत्र खतरे में लगने लगा.
  • भाजपा में रहकर भाजपा के विरुद्ध मुहिम चला कर खूब सुर्खियां बटोरी.
  • भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया.

भाजपा सरकार में लोकतंत्र और संविधान दोनों सुरक्षित नहीं हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित है. अगर संविधान सुरक्षित रहेगा तो सभी जाति धर्म संप्रदाय को बराबर का हक मिलेगा.

-साध्वी सावित्री बाई फुले, कांग्रेस प्रत्याशी

जिले में रोजगार के अभाव में नौजवान दूसरे प्रान्तों में पलायन करने को मजबूर हैं. वह दूसरे प्रांतों में मजदूरी करके किसी तरह से अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा है. रोजगार की व्यवस्था करना, बदहाल कानून व्यवस्था को सुधारना, खुशहाली लाना और किसानों की बदहाली दूर करना उनका चुनावी मुद्दा है.

-शब्बीर बाल्मीकि, सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी

Intro:एंकर:- बहराइच सुरक्षित लोकसभा सीट से सपा बसपा गठबंधन कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है . भाजपा जहां राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है . वहीं सपा बसपा गठबंधन बेरोजगारी, शिक्षा, खुशहाली और किसानों के विकास के मुद्दे पर चुनावी दंगल में ताल ठोकते नजर आ रही है . जबकि कांग्रेस सभी को बराबर का हक दिलाने, बेरोजगारों को नौकरी दिलाने, भूमिहीनों को भूमि दिलाने और गरीबों को 72000 साल दिए जाने के मुद्दे पर चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रही है . इस लोकसभा सीट से 2014 के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज कराई थी . वह अपनी सीट को हासिल करने की जद्दोजहद में जुटी है . जबकि विपक्षी दल उस सीट को भाजपा की झोली से छीनने की मुहिम चला रही है .


Body:वीओ:-1- बहराइच सुरक्षित लोकसभा सीट से भाजपा कांग्रेस और सपा बसपा गठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर है . 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की साध्वी सावित्री बाई फुले ने जीत दर्ज कराई थी . लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा से बगावत कर के कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कराया है . आज उन्होंने भारी लाव लश्कर के साथ अपना नामांकन करा कर अपनी ताकत का एहसास कराने का प्रयास किया है . भाजपा से विधायक फिर सांसद बनी साध्वी सावित्री बाई फुले ने भाजपा में रहकर राजनीतिक बुलंदियों को छूने का काम किया है . लेकिन इधर कुछ अरसे से भाजपा में रह कर उन्हें संविधान और लोकतंत्र खतरे में लगने लगा . और उन्हें भाजपा में रहकर भाजपा के विरुद्ध मुहिम चला कर खूब सुर्खियां बटोरी . बाद में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया . साध्वी सावित्री बाई फुले का कहना है कि भाजपा सरकार में लोकतंत्र और संविधान दोनों सुरक्षित नहीं है . उनका कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व में लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित है . वह कहती है कि अगर संविधान सुरक्षित रहेगा तो सभी जाति धर्म संप्रदाय को बराबर का हक मिलेगा . वहीं दूसरी ओर सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर बाल्मीकि रोजगार, गरीबी और किसान के मुद्दे पर चुनावी दंगल में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं . उनका कहना है कि जिले में रोजगार की आभाव में नौजवान दूसरे प्रान्तों में पलायन करने को मजबूर है . वह दूसरे प्रांतों में मजदूरी करके किसी तरह से अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा है . वह किसानों के भी बेहाल होने की बात कह रहे हैं . उनका कहना है कि रोजगार की व्यवस्था करना, बदहाल कानून व्यवस्था को सुधारना, खुशहाली लाना और किसानों की बदहाली दूर करना उनका चुनावी मुद्दा है . उन्होंने बिना लाव लश्कर के सादगी के साथ आज अपना नामांकन कराया . भाजपा प्रत्याशी अक्षवर लाल गौड़ विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं . वह बेरोजगारी दूर करने के लिए जिले में उद्योग लगाने की बात कह रहे हैं . वह जिले के बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस पहल के वादे कर रहे हैं . इस सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है . 2014 में इस सीट से भाजपा ने जीत दर्ज कराई थी . यहां से भाजपा सांसद के रूप में लोकसभा की डेहरी पार करने वाली साध्वी सावित्री बाई फुले इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है . सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर बाल्मीकि सभी जाति धर्म का वोट पाने की बात कहकर चुनावी दंगल फतेह करने की जुगत में हैं . हालांकि गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर बाल्मीकि 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के रूप में दूसरे नंबर पर थे .
बाइट:-1-साध्वी सावित्रीबाई फुले (कांग्रेस प्रत्याशी) 2-शब्बीर बाल्मीकि (सपा-बसपा प्रत्याशी) 3-अक्षयवर लाल गौड (भाजपा प्रत्याशी)


Conclusion:एफवीओ:- सभी दल अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र के वादों और दावों के साथ चुनाव मैदान में हैं . सभी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की मुहिम में जुटे हैं . देखना यह है कि मतदाताओं का रुझान किस ओर जाता है . वह किसके सिर जीत का सेहरा बांधकर लोकसभा पहुंचाते हैं .
सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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