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बहराइच: सोशल मीडिया का आतंक होगा कम, बच्चे पढ़ेंगे महापुरुषों की जीवनियां - बहराइच खबर

उत्तर प्रदेश के बहराइच में राज्यपाल के निर्देशानुसार, परिषदीय जिले शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं को महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाएगी. इसके लिए हर शिक्षण संस्थान में 45 मिनट की विशेष कक्षा चलाई जाएगी.

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स्कूल में पढ़ाई जाएगी महापुरुषों की जीवनी.
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Published : Jan 1, 2020, 8:54 AM IST

बहराइच: जिले में राज्यपाल के निर्देशानुसार, परिषदीय विद्यालयों से लेकर इंटरमीडिएट और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं को महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाएगी. महापुरुषों की जीवनी पढ़ने के लिए जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में 45 मिनट की विशेष कक्षा के संचालन की व्यवस्था की गई है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से छुटकारा दिलाना और पुस्तकों को पढ़ने की धारा में पुनर्स्थापित करना है.

स्कूल में पढ़ाई जाएगी महापुरुषों की जीवनी.

स्कूल में पढ़ाई जाएगी महापुरुषों की जीवनी
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र पांडे ने बताया कि राज्यपाल का निर्देश है कि एक निश्चित समय में कम से कम 45 मिनट जिले के सभी विद्यालयों के प्राइमरी से लेकर तकनीकी शिक्षा तक के सभी छात्र-छात्राएं महापुरुषों की जीवनी पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि 10 वर्ष से ऊपर के सभी बच्चे प्राइमरी से लेकर डिग्री कॉलेज स्तर और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं तक के छात्र-छात्राएं एक निश्चित समय में जहां भी होंगे, वहां 45 मिनट तक समूह में कहीं वृत्त बनाकर, कहीं भारत माता की आकृति में कहीं चक्र में बैठकर पढ़ेंगे.

इसे भी पढ़ें- बहराइचः दलहन, तिलहन फसलों पर कोहरे का कहर

छात्रों की किताबों के प्रति बढ़ेगी रुचि
उन्होंने बताया कि पूरे जिले में जो बच्चे जहां हैं, वहां समूह में किताब लेकर पढ़ेंगे. इसमें महापुरुषों की जीवनियां होंगी. हमारी राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना, हमारा इतिहास और हमारी जो विरासत है, उससे संबंधित पुस्तकें बच्चे पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से बच्चों में जो किताबों के प्रति अरुचि पैदा हुई है. उस संस्कृति को पढ़ने वाली धारा में पुनर्स्थापित करने के लिए महामहिम राज्यपाल महोदय ने यह निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

बहराइच: जिले में राज्यपाल के निर्देशानुसार, परिषदीय विद्यालयों से लेकर इंटरमीडिएट और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं को महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाएगी. महापुरुषों की जीवनी पढ़ने के लिए जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में 45 मिनट की विशेष कक्षा के संचालन की व्यवस्था की गई है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से छुटकारा दिलाना और पुस्तकों को पढ़ने की धारा में पुनर्स्थापित करना है.

स्कूल में पढ़ाई जाएगी महापुरुषों की जीवनी.

स्कूल में पढ़ाई जाएगी महापुरुषों की जीवनी
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र पांडे ने बताया कि राज्यपाल का निर्देश है कि एक निश्चित समय में कम से कम 45 मिनट जिले के सभी विद्यालयों के प्राइमरी से लेकर तकनीकी शिक्षा तक के सभी छात्र-छात्राएं महापुरुषों की जीवनी पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि 10 वर्ष से ऊपर के सभी बच्चे प्राइमरी से लेकर डिग्री कॉलेज स्तर और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं तक के छात्र-छात्राएं एक निश्चित समय में जहां भी होंगे, वहां 45 मिनट तक समूह में कहीं वृत्त बनाकर, कहीं भारत माता की आकृति में कहीं चक्र में बैठकर पढ़ेंगे.

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छात्रों की किताबों के प्रति बढ़ेगी रुचि
उन्होंने बताया कि पूरे जिले में जो बच्चे जहां हैं, वहां समूह में किताब लेकर पढ़ेंगे. इसमें महापुरुषों की जीवनियां होंगी. हमारी राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना, हमारा इतिहास और हमारी जो विरासत है, उससे संबंधित पुस्तकें बच्चे पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से बच्चों में जो किताबों के प्रति अरुचि पैदा हुई है. उस संस्कृति को पढ़ने वाली धारा में पुनर्स्थापित करने के लिए महामहिम राज्यपाल महोदय ने यह निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

Intro:एंकर। उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार जिले के परिषदीय विद्यालयों से लेकर इंटरमीडिएट और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं तक के छात्र छात्राऐ महापुरुषों की जीवनियां पढ़ेंगे. महापुरुषों की जीवनी पढने के लिए जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में 45 मिनट की विशेष कक्षा के संचालन की व्यवस्था की गई है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि महापुरुषों की जीवनियों के साथ साथ राष्ट्रीय चेतना हमारा इतिहास और साझी विरासत के संबंध में छात्र पढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से छुटकारा दिलाना और पुस्तकों को पढ़ने की धारा में पुनर्स्थापित करना है.


Body:वीओ-1- जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र पांडे ने बताया कि महामहिम राज्यपाल महोदय के निर्देश है कि एक निश्चित समय में कम से कम 45 मिनट जनपद के सभी विद्यालयों के प्राइमरी से लेकर तकनीकी शिक्षा तक के सभी छात्र-छात्राएं महापुरुषों की जीवनियां पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि 10 वर्ष से ऊपर के सभी बच्चे प्राइमरी से लेकर डिग्री कालेज स्तर और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं तक के छात्र-छात्राएं एक निश्चित समय में जहां भी होंगे वहां 45 मिनट तक समूह में कहीं वृत बनाकर, कहीं भारत माता की आकृति में कहीं चक्र में बैठकर पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में जो बच्चे जहां हैं वहां समूह में किताब लेकर पढ़ेंगे. जिसमें महापुरुषों की जीवनियां होंगी, हमारी राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना, हमारा इतिहास और हमारी जो साझी विरासत है. उससे संबंधित पुस्तकों को बच्चे पढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के बढ़ते आतंक से बच्चों में जो किताबों के प्रति अरुचि पैदा हुई है. उस संस्कृति को पढ़ने वाली धारा में पुनर्स्थापित करने के लिए महामहिम राज्यपाल महोदय ने यह निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
बाइट-1- राजेंद्र पांडे जिला विद्यालय निरीक्षक बहराइच


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
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