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बहराइच: प्रवासी मजदूरों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र पर मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुरू

यूपी के बहराइच जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से कौशल विकास प्रशिक्षण गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बुधवार से प्रवासी श्रमिकों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकासखंड हुजूरपुर और चितौरा विकासखंड के प्रवासी श्रमिकों ने भाग लिया.

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मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुरू.
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Published : Jul 16, 2020, 5:00 AM IST

बहराइच: जिले में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कवायद शुरू हो गई है. कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बुधवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रवासी श्रमिकों और किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कोरोना संक्रमण की वजह से बाहर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को अपने घरों को लौटना पड़ा. प्रशासन अब प्रवासी मजदूरों के लिए जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है.

जनपद में कोरोना संक्रमण के दौर में प्रवासी श्रमिकों और किसानों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने के लिए अभियान शुरू हो गया है. योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों और किसानों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है. प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासखंड हुजूरपुर और चितौरा विकासखंड के प्रवासी श्रमिकों ने भाग लिया.

जिले में बुधवार को किसान विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर एमपी सिंह ने बताया कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों और किसानों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार से तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुरू किया गया है.

डॉक्टर एमपी सिंह ने बताया कि मधुमक्खी पालन, जिसे भूमिहीन कृषक और प्रवासी श्रमिक भी कर सकते हैं. डॉक्टर एमपी सिंह ने कहा कि इस उद्योग में भूमि की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस व्यवसाय से एक तरफ तो शहद और मोम से आय अर्जित होती है, वहीं दूसरी ओर परोक्ष रूप से फसलों की पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा होता है.

उन्होंने किसानों को सलाह दी वह इसे रोजगार के रूप में अपना सकते हैं. बैठक में सम्मिलित वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी के औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला.

बहराइच: जिले में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कवायद शुरू हो गई है. कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बुधवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रवासी श्रमिकों और किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कोरोना संक्रमण की वजह से बाहर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को अपने घरों को लौटना पड़ा. प्रशासन अब प्रवासी मजदूरों के लिए जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है.

जनपद में कोरोना संक्रमण के दौर में प्रवासी श्रमिकों और किसानों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने के लिए अभियान शुरू हो गया है. योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों और किसानों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है. प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासखंड हुजूरपुर और चितौरा विकासखंड के प्रवासी श्रमिकों ने भाग लिया.

जिले में बुधवार को किसान विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर एमपी सिंह ने बताया कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों और किसानों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार से तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शुरू किया गया है.

डॉक्टर एमपी सिंह ने बताया कि मधुमक्खी पालन, जिसे भूमिहीन कृषक और प्रवासी श्रमिक भी कर सकते हैं. डॉक्टर एमपी सिंह ने कहा कि इस उद्योग में भूमि की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस व्यवसाय से एक तरफ तो शहद और मोम से आय अर्जित होती है, वहीं दूसरी ओर परोक्ष रूप से फसलों की पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा होता है.

उन्होंने किसानों को सलाह दी वह इसे रोजगार के रूप में अपना सकते हैं. बैठक में सम्मिलित वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी के औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला.

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