बहराइच: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बहराइच दौरा क्या लगा रातों रात विकासखंड चितौरा की तस्वीर ही बदल गई. वर्षों से बदहाली का दंश झेलने वाले कई गांवों में अचानक रातों रात विकास की गंगा बहने लगी. जर्जर पड़े विद्यालयों में तेजी से रंग रोगन का काम शुरू हुआ, तो गांव की टूटी फूटी सड़क अचानक रातों रात नई बन गई. सैकड़ों प्रार्थना पत्रों को देने के बावजूद मामले में चुप्पी साधे रहने वाले जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए चितौरा ब्लॉक में डेरा डाले हुए हैं. अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर चितौरा का जायजा लिया तो अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली की पोल भी ग्रामीणों ने खोल दी.
जानिए पूरा मामला
जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित चितौरा ब्लॉक इन दिनों सुर्खियों में है. 16 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल चितौरा में सुहेलदेव स्मारक भूमि पूजन कार्यक्रम में आ रहे हैं. कार्यक्रम जिला प्रशासन के पास आने के बाद से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है. जोर शोर से अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अधिकारी रात दिन एक कर रहे हैं. वर्षों से जर्जर अवस्था में दिखाई पड़ने वाले मसीहाबाद स्थित प्राथमिक विद्यालय सोहेल नगर में अचानक परिवर्तन की लहर दौड़ गई और रंग रोगन का कार्य तेजी से शुरू किया गया. शौचालय विहीन रहे इस विद्यालय में छात्राएं वर्षो से परेशान रहती थीं, लेकिन अब यहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है. शौचालय, किचन, चहारदीवारी निर्माण के साथ सीढियों व कमरे की दीवारों पर टाइल्स लगाने का काम रफ्तार पकड़े हुए है. जंगल झाड़ी में तब्दील वन विभाग की जमीन पर अचानक हजारों पौधों की नर्सरी बनती दिखाई पड़ रही है. कई महिलाएं और बच्चे भी इस कार्य मे लगे थे.
ब्लॉक कार्यालय की दीवारों से लेकर मुख्य द्वार और कार्यालय परिसर का नजारा ही बदल गया. कई किलोमीटर तक सालों से टूटी और जर्जर सड़क को रातों रात करोड़ों की लागत से बना दिया गया. सालों से नदारद सफाईकर्मियों की फौज अचानक गांव में साफ सफाई में जुटी हुई है. सुहेलदेव स्मारक के पास मुख्यमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके लिए भव्य पंडाल भी बनाया गया है. पंडाल के ठीक पीछे दो हेलीपैड बनाए गए हैं, जहां महामहिम और मुख्यमंत्री का उड़न खटोला उतरेगा. विकास के नाम पर चितौरा के आस पास करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है. सुहेलदेव की मूर्ति के पास की जर्जर छत को बल्लियों के सहारे रोकने का प्रयास किया गया है. फिलहाल वर्षों से बदहाल अवस्था में रहने वाले ग्रामीणों के लिए मुख्यमंत्री का आगमन एक लॉटरी की तरह है, जिससे तेजी से सड़क,नाली,खड़ंजा समेत अन्य सुविधाओं से गांवों को सुसज्जित कर रहे हैं.