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राकेश टिकेत ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा, आंदोलन न होता तो घटा देते गन्ने के रेट

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Published : Feb 27, 2021, 6:52 PM IST

बागपत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसान आंदोलन न होता तो सरकार गन्ने का रेट घटाने वाली थी. क्यों कि हालात काफी खराब हैं. इस दौरान वे बामनोली गांव में आयोजित होने वाली महापंचायत से पहले हवन यज्ञ में शामिल हुये.

राकेश टिकेत ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा, आंदोलन न होता तो घटा देते गन्ने के रेट
राकेश टिकेत ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा, आंदोलन न होता तो घटा देते गन्ने के रेट

बागपतः भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसान आंदोलन न होता तो सरकार गन्ने का रेट घटाने वाली थी. हालात काफी खराब हैं. दरअसल, बागपत के बामनोली में राजा सुलक्षपात तोमर की जयंती में राकेश टिकैत पहुंचे थे.

क्या बोले राकेश टिकैत

टिकैत ने कहा कि अभी चार दिन पहले हम सीकर में थे, 1921 के आसपास सर छोटूराम का वहां पर 21 या 31 में प्रोग्राम था, और उनको हाथी पर जाना था. सीकर के राजा ने हाथी गायब करवा दिया. इस दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा वहां का किसान अपने परंपरागत हथियारों के साथ में था. इसी दौरान जयपुर के राजा ने कहा कि छोटूराम आ रहा है, रात में ही हाथी दे दो. हाथी नहीं मिलेगी तो रियासत को खत्म कर देंगे. जिसके बाद उन्हें रात में ही हाथी दे दिया गया. उनकी सवारी निकल गयी. ये वही क्षेत्र है. दिल्ली सरकार कान खोल कर सुन ले. ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही है. दिल्ली की ओर जब भी कॉल हो तो समझ जाना आर-पार की लड़ाई है. अगर इस आंदोलन में किसान हार गया तो आपकी जमीने नहीं बचेंगी. यहां बड़े-बड़े मॉल बन जायेंगे और दुकाने खत्म हो जायेंगी.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल किसान अपनी खेती पर ध्यान दे और आंदोलन पर भी नज़र बनाये रहे.

बागपतः भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसान आंदोलन न होता तो सरकार गन्ने का रेट घटाने वाली थी. हालात काफी खराब हैं. दरअसल, बागपत के बामनोली में राजा सुलक्षपात तोमर की जयंती में राकेश टिकैत पहुंचे थे.

क्या बोले राकेश टिकैत

टिकैत ने कहा कि अभी चार दिन पहले हम सीकर में थे, 1921 के आसपास सर छोटूराम का वहां पर 21 या 31 में प्रोग्राम था, और उनको हाथी पर जाना था. सीकर के राजा ने हाथी गायब करवा दिया. इस दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा वहां का किसान अपने परंपरागत हथियारों के साथ में था. इसी दौरान जयपुर के राजा ने कहा कि छोटूराम आ रहा है, रात में ही हाथी दे दो. हाथी नहीं मिलेगी तो रियासत को खत्म कर देंगे. जिसके बाद उन्हें रात में ही हाथी दे दिया गया. उनकी सवारी निकल गयी. ये वही क्षेत्र है. दिल्ली सरकार कान खोल कर सुन ले. ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही है. दिल्ली की ओर जब भी कॉल हो तो समझ जाना आर-पार की लड़ाई है. अगर इस आंदोलन में किसान हार गया तो आपकी जमीने नहीं बचेंगी. यहां बड़े-बड़े मॉल बन जायेंगे और दुकाने खत्म हो जायेंगी.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल किसान अपनी खेती पर ध्यान दे और आंदोलन पर भी नज़र बनाये रहे.

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