बागपत : उपराष्ट्रपति की मिमिक्री विवाद पर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि ब्रिटिश पार्लियामेंट में व्यंग्य चर्चा का हिस्सा है. किसी को बुरा लगता है, किसी को अच्छा. RLD नेता ने कुश्ती संघ चुनाव पर भी अपनी बात रखी. कहा कि सरकार को पहले से नजर रखनी थी. आरएलडी नेता जयंत रविवार को बागपत पहुंचे थे.
आरएलडी अध्यक्ष ने कहा कि सरकार अपने निर्णय बदल लेती है. पहले किसानों के लिए कानून लाई, फिर उसे बदला. भूमि अधिग्रहण कानून भी लाने के बाद बदल लिया. सरकार बाद में जागती है. ये ऐसी नौबत क्यों आती है. कुश्ती संघ प्रकरण पर कहा कि शिकायतें सबके सामने थीं. पूरी दुनिया और खिलाड़ियों की नजर इस पर थी. ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहलवान रिटायरमेंट ले रहे हैं, पद्मश्री लौटए जा रहे हैं, इसके बाद सरकार जागती है. यह कौन सी जीत है. पहले से नजर रखनी थी.
उपराष्ट्रपति की मिमिक्री प्रकरण पर जयंत ने कहा कि हर चीज में जाति को नहीं लाना चाहिए. जिस संविधान की धारा के तहत उपराष्ट्रपति ने शपथ ली, उसमें कहीं नहीं लिखा है कि सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाएंगे. जिस तरह से उन्होंने इस मामले को हैंडल किया, उसमें कुछ कमियां हैं. अगर जाति को लेकर कुछ कहा गया होता तो कोई बात होती, लेकिन ऐसा नहीं है. कहा कि व्यंग्य करना और समझना हमसे बेहतर कोई नहीं जानता. कहा कि आप ब्रिटिश पार्लियामेंट में देख लो, वहां तो सदन की कार्रवाई में व्यंग्य चर्चा का एक हिस्सा है. किसी को बुरी लग सकती है, किसी को अच्छी लग सकती है. जयंत ने आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के सवाल पर कहा कि अभी कुछ तय नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि बागपत से तो हम ही लड़ेंगे.
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