बागपतः कृषि कानून वापसी के ऐलान (agricultural law return) के बावजूद चल रहे किसान आंदोलन (farmer movment) का 26 नवंबर को एक वर्ष पूरा हो गया. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) गाजीपुर बार्डर पर धरनारत किसानों से मिलने पहुंचे. जब उनसे पूछा गया कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने हाल में ही कृषि कानूनों की तरह ही सीएए (CAA) वापसी की मांग उठाई है. उन्होंने यह मांग पूरी न होने पर शाहीनबाग (Shaheen Bagh) फिर से बनाने की चेतावनी दी है. इस पर नरेश टिकैत ने कहा कि हमने सबका ठेका नहीं ले रखा है.
इस मौके पर नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन का आज एक वर्ष पूरा हो गया है. अगर सरकार एमएसपी (MSP) पर कानून बना दे तो किसान हंसी-खुशी घर लौट जाएंगे.
कहा कि, किसानों का उद्देश्य प्रधानमंत्री का सिर नीचा करना नहीं है बल्कि उनका सिर ऊंचा करना है. किसानों का अपमान नहीं होना चाहिए. कृषि कानून वापसी के ऐलान के लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया.
कहा कि, सरकार अगर चाहे तो कृषि को बढ़ावा दे सकती है. साथ ही उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर किसान मोर्चा आवाह्वन करेगा तो गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या फिर से बढ़ाई जाएगी. किसान कभी भी न तो पीछे हटे हैं और न ही हटेंगे.
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उन्होंने कहा कि 27 नवंबर को किसान संयुक्त मोर्चे की बैठक है. देखेंगे क्या फायदा और नुकसान है. किसानों पर मुकदमे वापस हो जाएं और एमएसपी को लेकर कानून बन जाए तो बातचीत ठीक हो जाएगी.
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