बागपतः भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (naresh tikait) ने सरकार को चेताया कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन का एक वर्ष पूरा होने पर पूरे भारत में बड़ा आंदोलन होगा. नरेश टिकैत जनपद से होकर गाजीपुर बॉर्डर पर जा रहे थे. गाजीपुर बॉर्डर पर धरनारत राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाने के लिए वह साथियों संग चले थे. इसे दौरान उन्होंने रास्ते में मीडियाकर्मियों से बात की. उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर उतर आई है. कुछ ही समय में किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरा होने वाला है, तब इतना बड़ा आंदोलन होगा कि सरकार ने सोचा नहीं होगा.
जमीन पर कब्जे का आरोप
एक महिला ने नरेश टिकैत पर उसकी जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया था. इस सवाल पर नरेश टिकैत ने कहा कि वो तो पागल है. उसके घर का बंटवारा है. उनकी जमीन रेलवे में आई हुई है. जिसका जमीन पर कब्जा है उसे ही मुआवजा मिलता है. उसके जेठ-देवर का कब्जा है तो मुआवजे के वो ही हकदार हैं. हमने तो कमिश्नर साहब और एडीएम को भी कहा कि अगर मुआवजे का हक इसका भी बनता है तो उसे भी दिलवाओ. हमारा तो इस मामले से कोई मतलब नहीं है.
सहगोत्र विवाह पर ये कहा
जिले में एक गांव एक ही गोत्र के लड़के-लड़की ने भाग कर शादी की तो इस संबंध में नरेश टिकैत ने कहा कि यह गलत बात है. हमने शुरू से ही विरोध किया ऐसी बातों का. ज्यादा कहते हैं तो माननीय सुप्रीम कोर्ट कहता है कि ये तुगलकी फरमान है, ये अच्छी बात नहीं है. गांव समाज में घरवालों की मौजूदगी में शादी हो, वही अच्छा लगता है.
कृषि कानून पर बोले नरेश
सरकार की हठधर्मी है. एक तरफ कोरोना बीमारी चल रही है. बहुत बड़ी बीमारी है, कानून छोटे हैं. ऐसे समय में सरकार फिलहाल कानून वापस ले सकती है लेकिन सरकार हठधर्मी दिखा रही है. किसान भी घर जाने को लेकर खुश हैं, सरकार कुछ मांगे तो मान ले. सरकार ने ही जिद कर दी तो किसान क्या करें.
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कृषि कानून के विरोध में आंदोलन
गौरतलब है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए थे. इसके विरोध में कई किसान संगठनों ने आंदोलन शुरू किया था. भारतीय किसान यूनियन का आंदोलन अभी तक चल रहा है. राजधानी दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन का मुख्य केंद्र है, जहां राकेश टिकैत के नेतृत्व में अभी आंदोलन चल रहा है. उन्हीं के जन्मदिन पर उनसे मिलने नरेश टिकैत जा रहे थे.