बागपतः जनपद में अपनी न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर ईंट भट्ठा मजदूरों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया है. इस दौरान ईंट निर्माता यूनियन के अध्यक्ष के साथ नलभी भट्ठा मजदूरों की कहासुनी भी हुई है. मामले में ईंट निर्माता अध्यक्ष ने बेवजह दबाव बनाने का आरोप लगते हुए प्रदर्शन करने का आरोप लगाया है.
दरअसल ईंट भट्ठा यूनियन के पदाधिकारियों का आरोप है कि ईंट भट्ठा मजदूर यूनियन पिछले कई वर्षों से मजदूरी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. जिसके चलते सरकार ने 2014 में न्यूनतम मजदूरी महंगाई के हिसाब से लागू कर आदेश जारी कर किये थे. लेकिन भट्ठा मालिकों ने जिले के अधिकारियों से मिलकर 520 रुपये प्रति हजार ईंट कर दिया था. इसके बावजूद भी उसमें से भी 60 रुपये काटकर 460 रुपये कर दिए हैं.
इन्होंने न्यूनतम वेतन अधिनियम का उलंघन किया है. शासन प्रशासन में हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा और कोर्ट ने न्यूनतम वेतन को बहाल 576 का भुगतान करने के आदेश दिए. जो कि भत्ते के हिसाब से 605 बनते हैं. लेकिन ये 470 रुपये प्रति हजार ईंट ही दे रहे हैं. शासन का आदेश आने के बाद भी अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे हैं. इसलिए हमारा ये धरना प्रदर्शन अनिश्चित कालीन के लिए चल रहा है.
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वहीं ईंट निर्माता समिति के अध्यक्ष का कहना है कि एक रिट दायर हुई है. जिसमें ईंट निर्माता इसमें इंक्लूड ही नहीं हैं. ये आपसी समझौते का व्यवसाय है. एक लेवर विशेष है. अन्य किसी भी मजदूर से कोई विवाद नहीं है. कुछ दलाल किस्म के लोग हैं, जो इन मजदूरों को भड़का रहे हैं. इस तरह का विरोध बर्दास्त नहीं होगा. हमने आकर इनसे वार्ता की है और कहा है कि अगर तुम्हें कोई भट्टा मालिक मजदूरी नहीं दे रहा है, तो उनकी मजदूरी हम दिलवाएंगे.
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