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बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर कृष्णा नदी में खड़े होकर किसानों ने जताया विरोध - बकाया गन्ना भुगतान

बकाया गन्ना भुगतान न होने से नाराज किसानों ने कृष्णा नदी में खड़े विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने बताया कि गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है. बीजेपी सरकार जो वायदे कर रही है कि पूरा भुगतान कर दिया. ये सब झूठी बातें हैं.

प्रदर्शन करते किसान
प्रदर्शन करते किसान
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Published : Nov 5, 2021, 7:16 PM IST

बागपतः जनपद में गन्ने की भुगतान न होने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को कृष्णा नदी में खड़े होकर और हाथों में गन्ना व दीपक लेकर विरोध जताया तथा प्रदर्शन किया. उन लोगों ने सरकार और शुगर मिल पर भड़ास भी निकाले.


बामनोली गांव में जहां किसानों ने कृष्णा नदी में खड़े होकर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि सरकार का कहना है कि शुगर मिल का दिसम्बर माह तक गन्ने का भुगतान हो गया लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. किसानों की मुख्य फसल गन्ना है और किसानों के पास पैसे नहीं है. मजदूर और किसान भुखमरी की कगार पर है. किनोनी और मलकपुर फैक्ट्री पर 50 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान अभी बकाया है.

प्रदर्शन करते किसान
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि यह प्रदर्शन इसलिए किया गया क्योंकि भुगतान केवल मलकपुर गांव में 300 करोड़ रुपये का बकाया है. उन लोगों ने बताया कि वे त्योहार नहीं मना पा रहे है. बीजेपी सरकार जो वायदे कर रही है कि पूरा भुगतान कर दिया. ये सब झूठी बातें हैं. पूरे गन्ने के भुगतान बकाया है.

इसे भी पढ़ेः शुगर मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किसानों ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

किसानों का कहना है कि वे प्रदर्शन सरकार को चेताने के लिए कर रहे हैं. गन्ना यहां की मुख्य फसल है. यहा के किसान इसीसे अपना जीवन यापन करते है. उन लोगों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहा है. बच्चे और नौजवान बीमारी से मर रहे हैं. इलाज तक के लिए रुपये नहीं है. मजदूर और किसान इस समय भुखमरी की कगार पर है. शायद सरकार उनकी बातों को सुन लें. इन दोनों फैक्ट्रियों पर पिछले पेराई सत्र का 50 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान बकाया है. 10 तारीख तक दोबारा फैक्ट्री चल जाएंगी. बाकी भुगतान का कोई मतलब ही नहीं है. फैक्ट्रियां चल रही है. किसान मजबूर है. फसल पक गयी है, डालनी तो पड़ेगी ही. .

बागपतः जनपद में गन्ने की भुगतान न होने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को कृष्णा नदी में खड़े होकर और हाथों में गन्ना व दीपक लेकर विरोध जताया तथा प्रदर्शन किया. उन लोगों ने सरकार और शुगर मिल पर भड़ास भी निकाले.


बामनोली गांव में जहां किसानों ने कृष्णा नदी में खड़े होकर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि सरकार का कहना है कि शुगर मिल का दिसम्बर माह तक गन्ने का भुगतान हो गया लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. किसानों की मुख्य फसल गन्ना है और किसानों के पास पैसे नहीं है. मजदूर और किसान भुखमरी की कगार पर है. किनोनी और मलकपुर फैक्ट्री पर 50 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान अभी बकाया है.

प्रदर्शन करते किसान
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि यह प्रदर्शन इसलिए किया गया क्योंकि भुगतान केवल मलकपुर गांव में 300 करोड़ रुपये का बकाया है. उन लोगों ने बताया कि वे त्योहार नहीं मना पा रहे है. बीजेपी सरकार जो वायदे कर रही है कि पूरा भुगतान कर दिया. ये सब झूठी बातें हैं. पूरे गन्ने के भुगतान बकाया है.

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किसानों का कहना है कि वे प्रदर्शन सरकार को चेताने के लिए कर रहे हैं. गन्ना यहां की मुख्य फसल है. यहा के किसान इसीसे अपना जीवन यापन करते है. उन लोगों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहा है. बच्चे और नौजवान बीमारी से मर रहे हैं. इलाज तक के लिए रुपये नहीं है. मजदूर और किसान इस समय भुखमरी की कगार पर है. शायद सरकार उनकी बातों को सुन लें. इन दोनों फैक्ट्रियों पर पिछले पेराई सत्र का 50 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान बकाया है. 10 तारीख तक दोबारा फैक्ट्री चल जाएंगी. बाकी भुगतान का कोई मतलब ही नहीं है. फैक्ट्रियां चल रही है. किसान मजबूर है. फसल पक गयी है, डालनी तो पड़ेगी ही. .

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