बागपत: जनपद में कर्ज से परेशान एक किसान के द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. आत्महत्या की सूचना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
कर्ज से था परेशान
मृतक किसान का नाम अनिल है, जो शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बिहारीपुर गांव का रहने वाला था. वह अपने परिवार का पालन पोषण खेती के माध्यम से कर रहा था. अनिल ने बैंक और सोसायटी से कर्ज लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था. दबाव के चलते अनिल ने आत्महत्त्या कर ली. फरवरी में अनिल की बेटी की शादी होनी थी और अनिल न तो शादी के लिए रुपये जुटा पा रहा था और न ही बैंक का कर्ज लौटा पा रहा था. इन सब से परेशान होकर किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्त्या कर ली. सूचना के बाद नरेश टिकैत के प्रतिनिधि इंदरपाल सिंह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और किसान के परिवार से मुलाकात कर हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया. इंद्रपाल सिंह ने शासन प्रसाशन को चेतावनी दी कि अगर किसान के परिवार और बच्चो को मदद नहीं मिली तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
बीते सोमवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आ चुका है
लखीमपुर खीरी के मितौली थाना क्षेत्र से भी सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां सैंडल वाला गांव निवासी किसान अनिल कुमार सिंह 24 बीघा जमीन के जोतकार हैं. 29 अक्टूबर को वह घर से अचानक कहीं चले गए और इसके बाद उनके अपने ही खेत में पीपल के पेड़ से लटका उनका शव मिला. शव मिलने के बाद घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जो उनके बेटे ने मितौली पुलिस को सौंप दिया. सुसाइड नोट में उन्होंने बीमारी का जिक्र किया था और अपनी परेशानी भी बताई थी.
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मृत किसान अनिल सिंह के बेटे रविनेश सिंह ने बताया कि पिताजी कुछ दिनों से परेशान रहते थे. कोरोना में उनको परेशानी हुई थी, उसके बाद से उनके फेफड़ों में दिक्कत हो गई थी. उनका इलाज लखीमपुर के डॉक्टर नीरज वर्मा से चल रहा था. बेटे ने बताया हमलोगों को नहीं पता था कि वह क्यों परेशान रहते थे. मृत्यु के बाद जब उनका बक्से खोला तो पता लगा कि उनको बैंक से दो नोटिस आए थे, एक पंजाब नेशनल बैंक से जिसमें करीब 72,000 की बकाया धनराशि जमा करने के लिए कहा गया था और दूसरी कस्ता के सहकारी बैंक से भी एक नोटिस आया था, जिसमें उन्होंने कोऑपरेटिव सोसाइटी से 76,000 हजार का कर्ज लिया था, जो बढ़कर एक 1,20,000 हो गया था. इसके बाद 17, 18 और 19 अक्टूबर को हुई लगातार बारिश में अनिल कुमार सिंह का खेत में कटा पड़ा 10 बीघा धान भी पूरी तरीके से सड़ गया था. फसल बर्बाद होने की शिकायत 20 अक्टूबर को किसान अनिल कुमार सिंह ने सीएम पोर्टल 1076 पर की थी. इसके बाद गांव में लेखपाल भी आया था, फोटो, बैंक, पासबुक और खतौनी लेकर गया था पर सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला.