बागपत/झांसी/हमीपुर: सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ बस चालकों व ट्रक चालकों में खासा आक्रोश है. इस कानून के तहत पांच लाख रुपए जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके खिलाफ यूपी के रोडवेज बस चालकों ने मोर्चा खोल दिया है. बागपत समेत कई डिपो में बस चालकों ने बसें खड़ी कर कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. मांग की गई कि इस कानून को सरकार रद करे. आखिर बस चालक इतने पैसे कहां से लाएंगे. बस चालकों ने चेतावनी दी कि जब तक यह कानून रद नहीं होगा तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. बागपत, हमीरपुर और झांसी समेत कई जिलों में इस कानून को लेकर रोडवेज चालकों ने जोरदार प्रदर्शनक किया. हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं.
बागपत में सरकार के हिट एंड रन मामले में अंकुश लगाने को लेकर लागू किए गए सजा के प्रावधान के खिलाफ संविदा बस चालकों ने मोर्चा खोल दिया है. बस चालकों ने चक्काजाम कर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. चक्काजाम के चलते बड़ौत डिपों में करीब 60 से अधिक अनुबंधित बसें नहीं चली. वहीं, संविदा बस चालकों ने डिपो में ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अनुबंधित बस चालक सतबीर ने बताया कि जब तक इस काले कानून को सरकार वापस नहीं लेती तब तक वह बस नहीं चलाएंगे . उनके सभी साथियों ने बस चलाने से इनकार कर दिया. सभी बस चालक एकजुट होकर प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं. करीब 60 से अधिक पशुओं को डिपो में खड़ा कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
वही, बस चालकों ने चेतावनी दी है कि जब तक इस कानून को समाप्त नहीं किया जाता वह रोड पर बस नहीं चलाएंगे. राहगीर विक्रांत तोमर ने बताया कि बस न चलने की वजह से उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कई घंटे से इंतजार कर रहे हैं लेकिन बस नहीं आ रही है. इसकी वजह से जरूरी काम छूटे जा रहे हैं. वहीं, हमीरपुर में एनएच 34 पर बस चालकों ने बस खड़ी कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की. हाईवे पर जाम लगने से वाहनों की लंबी कतारें लग गई.
झांसी हाईवे पर चालकों ने खड़े किए ट्रक, नारेबाजी
झांसी में सुबह से ही रक्सा हाईवे और ग्वालियर रोड हाईवे पर ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए और ट्रकों को बीच सड़क पर खड़ा कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जाम में फंसे वाहनों को सुरक्षित निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. इस दौरान जाम में एंबुलेंस भी फंसी रही. ट्रक चालक का कहना है कि सरकार ने बिना सोचे-समझे ड्राइवरों के विरोध में यह कानून बनाया है. ट्रक ड्राइवर 10 से 15 हजार की तनख्वाह पर ट्रक चलकर अपने परिवार को चलाता है. कोई चालक नहीं चाहता की उससे कोई एक्सीडेंट हो और किसी की जान जाए. आखिर इतना बड़ा जुर्माना चालक कहां से भरेंगे.