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बागपत में फर्जी डिग्री के सहारे मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर पर बड़ी कार्रवाई - बागपत आज की खबर

बागपत में बड़ौत शहर स्थित सरस्वती हॉस्पिटल में फर्जी एमबीबीएस डिग्री के सहारे इलाज कर रहे डॉक्टर हरेंद्र पाल सिंह समेत नर्सिंग होम पर सीएमओ ने कार्रवाई की है.

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सरस्वती हॉस्पिटल में फर्जी एमबीबीएस डिग्री के डॉक्टर
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Published : Jul 13, 2022, 3:50 PM IST

बागपतः जनपद के बड़ौत शहर में छपरौली रोड स्थित नर्सिंग होम में एक चिकित्सक फर्जी एमबीबीएस की डिग्री के सहारे लोगों का इलाज कर रहा था. मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच बैठा दी थी. उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने भी चिकित्सक की डिग्री को फर्जी बताया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक और अस्पताल संचालक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के साथ आगे की कार्रवाई की कर रहा है.

सीएमओ डॉ. दिनेश सरस्वती हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टर की जानकारी देते हुए

बड़ौत शहर के छपरौली रोड स्थित सरस्वती हॉस्पिटल में चिकित्सक हरेंद्रपाल सिंह काफी समय से लोगों की आंखों में धूल झोंक कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते आ रहा था. कुछ समय पहले अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. जिसपर चिकित्सक द्वारा गलत इलाज किये जाने का मामला सामने आया था. इस मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ. दिनेश द्वारा उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल को संबंधित चिकित्सक के शैक्षिक कागजात की जांच कराने के लिए पत्राचार किया था. जिसपर मेडिकल कांउसिल ने डॉक्टर हरेंद्रपाल सिंह की एमबीबीएस की डिग्री को फर्जी करार दिया है.

यह भी पढ़ें-गोंडा में डबल मर्डर: पुरानी रंजिश में दंपति के सिर पर वारकर हत्या

जांच में पता चला है कि डॉक्टर हरेंद्र पाल सिंह ने एमबीबीएस, एमडी की डिग्री व अन्य कागजात को जो स्वास्थ्य विभाग में दिया हुआ है, वह किसी और के नाम पर हैं. हरेन्द्रपाल सिंह लोगों की आंखों में धूल झोंककर न केवल सरस्वती हॉस्पिटल में लोगों का इलाज करता आ रहा था. हरेन्द्रपाल सिंह का जनपद में एक अल्ट्रासाउंड सेंटर के अलावा शामली में भी एक अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन करता था. इस मामले में सीएमओ ने चिकित्सक तथा अस्पताल संचालक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन को भी सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लोगों का कहना है कि सरस्वती हॉस्पिटल पहले से ही विवादों के घेरे में रहा है.

यहां पर आए दिन गलत इलाज करने का आरोप लगाकर मरीज व उनके तीमारदार हंगामा प्रदर्शन करते रहे हैं. जिसमें एक मरीज के परिजन विनोद ने बताया कि एक एनम परवीना की लालच की वजह से मैंने अपनी बहन का इलाज करावाने सरस्वती अस्पताल लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों की लापर वाही से मेरी बहन की मौत हो गई थी.



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बागपतः जनपद के बड़ौत शहर में छपरौली रोड स्थित नर्सिंग होम में एक चिकित्सक फर्जी एमबीबीएस की डिग्री के सहारे लोगों का इलाज कर रहा था. मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच बैठा दी थी. उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने भी चिकित्सक की डिग्री को फर्जी बताया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक और अस्पताल संचालक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के साथ आगे की कार्रवाई की कर रहा है.

सीएमओ डॉ. दिनेश सरस्वती हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टर की जानकारी देते हुए

बड़ौत शहर के छपरौली रोड स्थित सरस्वती हॉस्पिटल में चिकित्सक हरेंद्रपाल सिंह काफी समय से लोगों की आंखों में धूल झोंक कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते आ रहा था. कुछ समय पहले अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. जिसपर चिकित्सक द्वारा गलत इलाज किये जाने का मामला सामने आया था. इस मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ. दिनेश द्वारा उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल को संबंधित चिकित्सक के शैक्षिक कागजात की जांच कराने के लिए पत्राचार किया था. जिसपर मेडिकल कांउसिल ने डॉक्टर हरेंद्रपाल सिंह की एमबीबीएस की डिग्री को फर्जी करार दिया है.

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जांच में पता चला है कि डॉक्टर हरेंद्र पाल सिंह ने एमबीबीएस, एमडी की डिग्री व अन्य कागजात को जो स्वास्थ्य विभाग में दिया हुआ है, वह किसी और के नाम पर हैं. हरेन्द्रपाल सिंह लोगों की आंखों में धूल झोंककर न केवल सरस्वती हॉस्पिटल में लोगों का इलाज करता आ रहा था. हरेन्द्रपाल सिंह का जनपद में एक अल्ट्रासाउंड सेंटर के अलावा शामली में भी एक अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन करता था. इस मामले में सीएमओ ने चिकित्सक तथा अस्पताल संचालक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन को भी सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लोगों का कहना है कि सरस्वती हॉस्पिटल पहले से ही विवादों के घेरे में रहा है.

यहां पर आए दिन गलत इलाज करने का आरोप लगाकर मरीज व उनके तीमारदार हंगामा प्रदर्शन करते रहे हैं. जिसमें एक मरीज के परिजन विनोद ने बताया कि एक एनम परवीना की लालच की वजह से मैंने अपनी बहन का इलाज करावाने सरस्वती अस्पताल लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों की लापर वाही से मेरी बहन की मौत हो गई थी.



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