बदायूं: जिले में सौंदर्यीकरण के नाम पर हरे पेड़ कटवाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है. नगर पालिका के बाबू समेत कर्मचारियों और ठेकेदार को पेड़ कटवाना महंगा पड़ गया. वहीं जिलाधिकारी ने नगर पालिका के ईओ को मामले में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है.
- सौंदर्यीकरण के नाम पर हरे पेड़ काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
- नगर पालिका के बाबू, कर्मचारियों, ठेकेदार को पेड़ कटवाना महंगा पड़ गया.
- पेड़ कटवाने के मामले में जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने संज्ञान लिया है.
- जिलाधिकारी ने नगर पालिका के ईओ को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है.
एक तरफ केंद्र और यूपी सरकार वृक्षारोपण करने के लिए करोड़ों रुपये की योजना ला रही है. हर साल वृक्षारोपण कर लोगों को इसके प्रति प्रेरित कर रही है. तो वहीं बदायूं में नगर पालिका के कर्मचारियों ने सौंदर्यीकरण के नाम पर हरे पेड़ों को ही कटवा दिया. शहर के गांधी ग्राउंड स्थित पार्क में सौंदर्यीकरण के नाम पर पांच हरे पेड़ काट दिए गए. युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने जब पेड़ काटे जाने का विरोध किया, तब जाकर मामले ने तूल पकड़ा. आनन-फानन में पेड़ काटने के काम को रोका गया.
युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता का कहना है कि शहर में नगर पालिका काफी दिनों से पेड़ कटवा रही थी, लेकिन पार्क के अंदर सौंदर्यीकरण के नाम पर हरे पेड़ कटवाना गलत है, बल्कि पेड़ों से सौंदर्यीकरण बढ़ता है. लोग गर्मी में शाम को पार्क में आते हैं, लेकिन जब पेड़ कट जाएंगे तो यहां कौन आएगा.
मामला संज्ञान में आने के बाद पेड़ काटने वालों के खिलाफ एफआईआर लिखने के आदेश दे दिए गए हैं. नगर पालिका के ईओ को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. साथ ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी