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बदायूं:'आर्टिकल 15' फिल्म की रिलीज के बाद छावनी में बदला कटरा - uttar pradesh news

कटरा सआदतगंज कांड पर बनी फिल्म 'आर्टिकल 15' आज रिलीज हो गई है. सुरक्षा के मद्देनजर कटरा कांड में पीड़ित परिवार के घर पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. पाड़ित किशोरियों के परिजनों ने फिल्म में खुद और आरोपितों की जातियां बदलने का आरोप लगाया है.

फिल्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे पीड़ित
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Published : Jun 28, 2019, 3:55 PM IST

बदायूं: 27 मई 2014 को दो नाबालिक चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म किया गया और उनकी हत्या कर आम के पेड़ से लटका दिया गया था. मामला मीडिया में आते ही दोषियों को फांसी देने की मांग की जाने लगी. घटना पर पूरे देश में सियासत गरमा गई. उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी तो घटना में आरोपित लोग भी यादव जाति के थे, जिससे कारण सरकार पर भी सवाल उठने लगे.

फिल्म रिलीज के बाद छावनी में बदला कटरा.

देशभर से सारी पार्टियों के बड़े नेताओं ने कटरा का दौरा किया और पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति प्रकट की बाद में पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसमें सीबीआई ने बाद में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी. क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ किशोरियों के परिजन हाई कोर्ट चले गए, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है.

यह फिल्म आज रिलीज हो चुकी है. पीड़ित परिवार के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पीड़ित परिवार के घर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है. किशोरियों के परिजनों ने फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होने पर कहा था कि वह इस कि रिलीज को रुकवाने कोर्ट में जाएंगे.

बदायूं: 27 मई 2014 को दो नाबालिक चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म किया गया और उनकी हत्या कर आम के पेड़ से लटका दिया गया था. मामला मीडिया में आते ही दोषियों को फांसी देने की मांग की जाने लगी. घटना पर पूरे देश में सियासत गरमा गई. उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी तो घटना में आरोपित लोग भी यादव जाति के थे, जिससे कारण सरकार पर भी सवाल उठने लगे.

फिल्म रिलीज के बाद छावनी में बदला कटरा.

देशभर से सारी पार्टियों के बड़े नेताओं ने कटरा का दौरा किया और पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति प्रकट की बाद में पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसमें सीबीआई ने बाद में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी. क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ किशोरियों के परिजन हाई कोर्ट चले गए, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है.

यह फिल्म आज रिलीज हो चुकी है. पीड़ित परिवार के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पीड़ित परिवार के घर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है. किशोरियों के परिजनों ने फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होने पर कहा था कि वह इस कि रिलीज को रुकवाने कोर्ट में जाएंगे.

Intro:नोट--पीड़ित परिजन की ट्रेलर रिलीज पर की गई फाइल बाइट है।



बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र अंतर्गत एक छोटा सा गांव है कटरा सहादतगंज जहां पर साल 2014 में एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई थी जब दो किशोरियों के शव आम के पेड़ से लटके हुए मिले थे घटना देश विदेश में चर्चा का विषय बनी और हर तरफ से दोषियों को फांसी देने की मांग उठने लगी, उस समय घटना पर जमकर राजनीति भी हुई ,2014 की उसी घृणित घटना पर अब एक फिल्म बनी है जिसका नाम है आर्टिकल 15 फिल्म आज रिलीज हो रही है ,सुरक्षा को द्रष्टिगत रखते हुए पीड़ित परिवार के घर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। किशोरियों के परिजनों ने फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज होने पर कहा था कि वह इस कि रिलीज को रुकवाने कोर्ट में जाएंगे।


Body:सबसे पहले आपको बता दें की 27 मई 2014 को दो नाबालिक चचेरी बहनों को मारकर आम के पेड़ से लटका दिया गया था, आरोप यह भी था कि उनके साथ दुष्कर्म किया गया जब मामला मीडिया में आया तो देश और दुनिया ने घटना पर कड़ा विरोध दर्ज किया और दोषियों के लिए फांसी की मांग की जाने लगी, घटना पर पूरे देश में सियासत गरमा गई उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी तो घटना में आरोपित लोग भी यादव जाति के थे जिससे सरकार के लिए भी भारी मुश्किल सामने आ गई क्योंकि लोग खुल कर आरोप सरकार पर लगा रहे थे, देशभर से सारी पार्टियों के बड़े नेताओं ने कटरा का दौरा किया और पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति प्रकट की बाद में पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई जिसमें सीबीआई ने बाद में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ किशोरियों के परिजन हाई कोर्ट चले गए जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है।

आर्टिकल 15 इसी सच्ची घटना को ले कर बनाई गई है लेकिन किशोरियों के परिजनों का आरोप है कि फ़िल्म मेकर्स ने फ़िल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है और उन्हें तोड़मरोड़ कर पेश किया है,उनका कहना है कि आरोपी यादव जाती के है जबकि फ़िल्म में ब्राम्हण दिखाये गये है,किशोरियों को दलित दिखाया गया है,जबकि हम पिछडिजाति के है,फ़िल्म बनाने से पहले हमसे कोई परमिशन भी नही ली गई,इसलिये हम फ़िल्म बनाने वालों के खिलाफ कोर्ट केस करने जा रहे है।

बाइट--मृत किशोरियों का भाई। (फ़ाइल बाइट)
बाइट ट्रेलर रिलीज होने पर ली गई थी वही बाइट है


Conclusion:आज फ़िल्म रिलीज हो रही है,इसको देखते हुए गांव में पुलिस बल पीड़ित परिवार के घर पर और गांव में तैनात है,जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोक जा सके।

पीटीसी--समीर सक्सेना


समीर सक्सेना
बदायूँ
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