ETV Bharat / state

बदायूं: कारगिल दिवस पर शहीद हरिओम सिंह को दी गई श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के बदायूं में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शहीद जवान हरिओम सिंह को श्रद्धांजलि दी गई.

करगिल विजय दिवस पर शहीद हरिओम सिंह लोगों ने किया नमन.
author img

By

Published : Jul 27, 2019, 10:17 AM IST

बदायूं: शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर तहसील बिसौली विकासखंड बजीरगंज के गांव इटौआ के शहीद जवान हरिओम सिंह को याद किया गया. पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर, भाजपा के प्रांतीय सदस्य दुर्गेश वाष्णे के साथ गांव के लोगों ने शहीद हरिओम सिंह की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

करगिल विजय दिवस पर शहीद हरिओम सिंह को किया गया नमन.

कौन हैं शहीद जवान हरिओम सिंह-

  • हरिओम सिंह का जन्म 20 अगस्त 1968 को हुआ था.
  • हरिओम 31 वर्ष की उम्र में कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे.
  • हरिओम की याद में गावं का नाम हरिओम नगर इटौआ रखा गया.

इस दौरान पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर ने कहा कि, मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी हरिओम सिंह भले ही हमारे बीच नहीं हैं. मगर उनकी यादें और उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा.

बदायूं: शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर तहसील बिसौली विकासखंड बजीरगंज के गांव इटौआ के शहीद जवान हरिओम सिंह को याद किया गया. पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर, भाजपा के प्रांतीय सदस्य दुर्गेश वाष्णे के साथ गांव के लोगों ने शहीद हरिओम सिंह की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

करगिल विजय दिवस पर शहीद हरिओम सिंह को किया गया नमन.

कौन हैं शहीद जवान हरिओम सिंह-

  • हरिओम सिंह का जन्म 20 अगस्त 1968 को हुआ था.
  • हरिओम 31 वर्ष की उम्र में कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे.
  • हरिओम की याद में गावं का नाम हरिओम नगर इटौआ रखा गया.

इस दौरान पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर ने कहा कि, मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी हरिओम सिंह भले ही हमारे बीच नहीं हैं. मगर उनकी यादें और उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा.

Intro:जनपद बदायूँ तहसील बिसौली विकासखंड बजीरगंज के गांव इटौआ मे हरिओम सिंह का जन्म 20 अगस्त 1968 को हुआ था ,उन्होंने 31 वर्ष की उम्र मे बलिदान दे दिया ,शहीद के पैत्रक गावं का नाम शहीद हरिओम नगर इटौआ कर दिया गया ,लेकिन यह गांव आज भी मूल भूत सुविधाओ के लिये तरस रहा है जवकि सरकार को सर्व प्रथम शहीद के गाव को विकसित करना चाहिए था ताकि अन्य लोगो को भी देश की सेवा करने की प्रेरणा मिले ,फिर भी हरिओम सिंह की शहदात ने गांव के युवाओ मे सेना मे जाने का जब्बा भरा ,उनके इलाके के युवाओ की रंगो का लहू और गर्म हो उठा ,इसी वीच सिर्फ इटौआ के विचित्रपाल सिंह ,अनिल कुमार सिंह कुंवरपाल सिंह ,अजीत सिंह आदि युवा देश की सरहद की रक्षा करने सेना मे भर्ती हो गये ,Body:
बदायू जिले के गांव इटौआ निवासी अमर शहीद हरिओम सिंह को कारगिल विजय दिवस पर पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर भाजपा के प्रांतीय सदस्य दुर्गेश बाष्र्णेय ,मण्डल अध्यक्ष लालू सिंह चौंकी प्रभारी वगरैन राहूल सिसौदिया ने शहीद स्थल पहुच कर शहीद को पुष्प चक्र प्रदान कर श्रंदाजिली देकर कुर्वानी को नमन किया गया तथा क्षेत्र के तमाम लोगो ने शहीद की प्रतिमा पर फूल अर्पित कर शहीद को नमन किया ,
26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध मे भारत को विजय मिली थी इसी वजह से 26 जुलाई को कारगिल विजय दिबस मनाया जाता है 1999 मे कारगिल की पहाडियो पर पाकिस्तानी घुसपैठियो ने कब्जा कर लिया था ,जिसके बाद भारतीय सेना ने उनके खिलाफ आपरेशन विजय चलाया ,आपरेशन विजय 8 मई से 26 जुलाई तक लगभग 60 दिन चला कारगिल युद्ध मे 527 जवान शहीद हुये ,तो करीव 1363 जवान घायल हुये , इस लडाई में पाकिस्तान के तीन हजार जवान मारे गये थे , तथा 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय हासिल की ,कारगिल विजय को 20 बर्ष पूर्ण होने पर पूरे देश मे कार्यक्रम कर शहीदो को नमन किया जा रहा है
बदायू जिले के ठा हरिओम सिंह ने जटिल और विपरीत परिस्थितियो में अदम्य साहस का परिचय देते हुये कारगिल चोटी पर पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुये तिरंगा लहराया था देश की आन बान और शान के लिये प्राण न्यौछाबर करने बाले शहीद हरिओम के सभी कृतज्ञ है
विकास क्षेत्र वजीरगंज के गांव इटौआ मे हरिओम सिंह का जन्म 20 अगस्त 1968 को हुआ था ,उन्होंने 31 वर्ष की उम्र मे बलिदान दे दिया ,शहीद के पैत्रक गावं का नाम शहीद हरिओम नगर इटौआ कर दिया गया ,लेकिन यह गांव आज भी मूल भूत सुविधाओ के लिये तरस रहा है जवकि सरकार को सर्व प्रथम शहीद के गाव को विकसित करना चाहिए था ताकि अन्य लोगो को भी देश की सेवा करने की प्रेरणा मिले ,फिर भी हरिओम सिंह की शहदात ने गांव के युवाओ मे सेना मे जाने का जब्बा भरा ,उनके इलाके के युवाओ की रंगो का लहू और गर्म हो उठा ,इसी वीच सिर्फ इटौआ के विचित्रपाल सिंह ,अनिल कुमार सिंह कुंवरपाल सिंह ,अजीत सिंह आदि युवा देश की सरहद की रक्षा करने सेना मे भर्ती हो गये ,
कारगिल विजय दिबस के मौके पर पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर ने कहा ,मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछाबर करने वाले अमर बलिदानी हरिओम सिंह भले ही अव हमारे बीच नही है मगर उनकी यादे हमारे दिलो मे हमेशा - हमेशा के लिये बनी रहेगी ,

ठा लालू सिंह ने कहा शहीदो की चिताओ पर लगेगे हर बरस मेले
वतन पे मिटने बालो का यही बाकी निशा होगा
इस मौके पर ,पूर्व मंत्री योगेन्द्र सागर ,मण्डल अध्यक्ष ठा लालूसिंह , दुर्गेश बाष्र्णेय , ओम किशन ,सुनील सिंह प्रधान परसिया , सचिन जौहरी राजेश शर्मा ,महेश गुप्ता ठा निलेश सिंह ठा नेमपाल सिंह प्रधान ,तिलक सिंह ,ठा वेदपाल सिंह , शिवम सिंह ,शहीद की पत्नी गुडडो देवी ,आदित्य भदौरिया ,सत्यम मिश्रा , राजीव सिंह सुनील सिंह मैजूद रहे

Conclusion:जनपद बदायू तहसील बिसौली के गाँव इटाऔ के ठा हरिओम सिंह ने जटिल और विपरीत परिस्थितियो में अदम्य साहस का परिचय देते हुये कारगिल चोटी पर पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुये तिरंगा लहराया था देश की आन बान और शान के लिये प्राण न्यौछाबर करने बाले शहीद हरिओम के सभी कृतज्ञ है
विकास क्षेत्र वजीरगंज के गांव इटौआ मे हरिओम सिंह ने ,31 वर्ष की उम्र मे बलिदान दे दिया ,शहीद के पैत्रक गावं का नाम शहीद हरिओम नगर इटौआ कर दिया गया ,लेकिन यह गांव आज भी मूल भूत सुविधाओ के लिये तरस रहा है जवकि सरकार को सर्व प्रथम शहीद के गाव को विकसित करना चाहिए थ इस गाँव मे कोई विकास नही हुआ है

Reporter . Shiv om hari mishra up Badaun mo.no. 6395351835
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.