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बदायूं: डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर किसानों का हल्ला बोल

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Published : Jun 30, 2020, 4:21 PM IST

डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. अब राजनीतिक पार्टियों के साथ भारतीय किसान यूनियन भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. मंगलवार को बदायूं में यूनियन के सदस्यों के साथ किसानों ने बढ़ी कीमतों को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा.

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डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन.

बदायूं: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. इसको लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है. तमाम विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. वहीं किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन ने डीजल मूल्यवृद्धि एवं किसानों की अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा. किसानों की मांग थी कि किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को दिया जाए तथा किसान सम्मान निधि की राशि 6 हजार से बढ़ाकर 24 हजार की जाए.

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किसान यूनियन ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा.
जिला मुख्यालय पर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा. किसानों का कहना था कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण किसानों को पहले ही भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार ने कोई सहायता किसानों को अभी तक नहीं दी है.

इसी बीच सरकार ने ‘वन नेशन वन मंडी', आवश्यक वस्तु अधिनियम के बदलाव, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश प्रस्तावित और विद्युत अधिनियम संशोधन जैसे कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का सरकार ने कार्य किया है. सरकार ने डीजल पर भारी-भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर किसानों के पर महंगाई का बोझ डाल दिया है. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द उनकी यह मांगे पूरी करने की मांग की है.

भारतीय किसान यूनियन के मंडल प्रवक्ता राजेश सक्सेना ने कहा कि देश में डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर सार्वजनिक परिवहन, माल भाड़े और किसानों पर पड़ रहा है, जिससे देश के किसान प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन के तहत फल, सब्जी, दूध, मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार तुरंत राहत पैकेज दे. साथ ही किसान सम्मान निधि का लाभ प्रत्येक किसान को दिया जाए.

बदायूं: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. इसको लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है. तमाम विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. वहीं किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन ने डीजल मूल्यवृद्धि एवं किसानों की अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा. किसानों की मांग थी कि किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को दिया जाए तथा किसान सम्मान निधि की राशि 6 हजार से बढ़ाकर 24 हजार की जाए.

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किसान यूनियन ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा.
जिला मुख्यालय पर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा. किसानों का कहना था कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण किसानों को पहले ही भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार ने कोई सहायता किसानों को अभी तक नहीं दी है.

इसी बीच सरकार ने ‘वन नेशन वन मंडी', आवश्यक वस्तु अधिनियम के बदलाव, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश प्रस्तावित और विद्युत अधिनियम संशोधन जैसे कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का सरकार ने कार्य किया है. सरकार ने डीजल पर भारी-भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर किसानों के पर महंगाई का बोझ डाल दिया है. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द उनकी यह मांगे पूरी करने की मांग की है.

भारतीय किसान यूनियन के मंडल प्रवक्ता राजेश सक्सेना ने कहा कि देश में डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर सार्वजनिक परिवहन, माल भाड़े और किसानों पर पड़ रहा है, जिससे देश के किसान प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन के तहत फल, सब्जी, दूध, मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार तुरंत राहत पैकेज दे. साथ ही किसान सम्मान निधि का लाभ प्रत्येक किसान को दिया जाए.
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