बदायूंः जिले में हुए दुष्कर्म व हत्याकांड में पुलिस ने तीसरे व मुख्य आरोपी महंत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दो अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. गौरतलब है कि रविवार को उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में महिला से सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या की गई, जिस घटना से पूरे देश के लोगों में आक्रोश है. इस समय पुलिस बेशक तीनों आरोपियों की गिरफ्तार की बात कह खुश हो रही हो पर पुलिस पर कुछ बड़े सवाल भी उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि यदि पुलिस ये चूक नहीं करती तो मामला इतना तूल नहीं पकड़ता.
बदायूं दुष्कर्म व हत्याकांड पहला सवालः घटना के बाद मृतका के परिजनों द्वारा मामले की जानकारी थाना पुलिस को दी गई लेकिन उसी दिन थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति बोरवेल में फंस गया था. उसको निकालने के प्रयास में पूरी थाना पुलिस लगी हुई थी और इस घटना की गंभीरता को नहीं समझ पाई. यदि उसी समय मौके पर दरोगा को भेजकर परिजनों से मामले की तहरीर ले ली जाती तो शायद मामला इतना तूल नहीं पकड़ता.
दूसरा सवालः बताया जाता है कि मृतका कुएं में गिर गई थी, जिसकी वजह से उसके अत्यधिक रक्तस्राव हुआ. महंत द्वारा गाड़ी से उसको उसी हालत में घर लाकर छोड़ दिया गया. परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. अगर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंचकर महिला को इलाज के लिए ले जाती तो शायद महिला की जान बच सकती थी.
तीसरा सवालः घटना के अगले दिन बताया जाता है कि महंत गांव में ही था और आसपास के कुछ मीडिया कर्मियों को पूरे मामले की जानकारी भी दे रहा था, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता की वजह से उसे पकड़ा नहीं जा सका. गुरुवार की रात महंत को उसी गांव से पकड़ा गया है. अगर महंत उस दिन पकड़ लिया जाता तो शायद मामला इतना नहीं भड़कता.
चौथा सवालः घटना रविवार की है. थाने के एसएचओ ने घटना की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को नहीं दी. इसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. अगर उच्चाधिकारियों तक घटना की जानकारी समय से पहुंच जाती और मृतका का पोस्टमार्टम अगली सुबह हो जाता तो और जल्द कार्रवाई होती.
पांचवा सवालः पूरे मामले में मीडिया को भ्रमित करने प्रयास किया गया. सच ना बताने से झूठ ज्यादा फैल गया. अगर ठीक समय से मीडिया को सही ब्रीफिंग दी जाती तो भी शायद मामला इतना तूल नहीं पकड़ता.
महंत सहित तीनों आरोपी गिरफ्तार
हालांकि मामले में अब तीनों आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं और तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि भी हो गई है. 50 हजार का इनामी मुख्य आरोपी महंत अब पुलिस की गिरफ्त में है, लेकिन पुलिस को अब अपने इन्वेस्टिगेशन में इन सारे सवालों के जवाब तलाशने होंगे कि आखिर मामले में चूक किस वजह से हुई.