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लोकसभा चुनाव 2019 : बदायूं में इस बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला, ये हैं बड़े मुद्दे

तीसरे चरण की चुनाव प्रक्रिया में बदायूं में मतदान होना है. इस बार बदायूं में भाजपा के साख की लडा़ई है. यहां से पहले ही धर्मेंद्र यादव अपना परचम लहराते रहे हैं. इस बार धर्मेंद्र को टक्कर देने के लिए भाजपा ने भी तैयारी कर ली है. भाजपा ने वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है.

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Published : Apr 17, 2019, 3:17 PM IST

डिजाइन फोटो.

बदायूं: तीसरे चरण में 23 अप्रैल को बदायूं में मतदान होना है. प्रशासन द्वारा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिये तमाम तरह के आयोजन किये जा रहे हैं. वहीं प्रत्याशी जनसभाओं के माध्यम से वोटरों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. बदायूं लोकसभा से कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.

बदायूं में तीसरे चरण में मतदान होना है. इसके लिए प्रत्याशियों ने पूरी तैयारी कर ली है. इस सीट का समीकरण कुछ इस तरह से समझते हैं.

  • समाजवादी पार्टी और बसपा गठबंधन ने मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है.
  • इस सीट पर धर्मेंद्र यादव 2009 और 2014 में सपा के ही टिकट से जीत चुके हैं.
  • वहीं 2014 में मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा बदायूं में अपनी साख नहीं बचा पाई थी.
  • आजादी के बाद इस सीट पर भाजपा केवल एक बार चुनाव जीती है.
  • पिछले 35 सालों में इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहे हैं.

कांग्रेस ने पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी पर अपना दांव खेला है. सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और वह बदायूं से एक बार कांग्रेस से और चार बार समाजवादी से सांसद चुने गए हैं. वहीं एक बार फिर वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

वहीं बीजेपी भी इस सीट को हल्के में नहीं ले रही है. वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है. जो बाकी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. संघमित्रा दूसरी पार्टियों के जातिगत आंकड़ों में भी सेंधमारी कर रही हैं.

जिले की प्रमुख समस्याएं हैं जो प्रत्याशियों के मत प्रभावित करेंगी-

  • बड़ी लाइन होने के वाबजूद प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिये ट्रेनों की संख्या आज तक नहीं बढ़ी.
  • मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी आज तक उसमे मेडिकल की क्लास शुरू नहीं हो पाई.
  • बाई पास बन गया पर उस के बीच में स्तिथ सोत नदी पर आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया.
  • शहर में पड़ी अंडर ग्राउंड केवल मानक के अनरूप न पड़ना, जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं.
  • प्राइवेट गन्ना फैक्ट्रियों द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान ना किया जाना.

बदायूं लोकसभा सीट पर 5 विधानसभा लगती है-

  • बदायूंसदर
  • बिल्सी
  • बिसौली
  • सहसवान
  • गुन्नौर

कुल वोटरों की संख्या-

  • कुल- 18,90,129
  • पुरुष- 10,25,789
  • महिला- 8,64,244
  • थर्ड जेंडर- 96

2014 के लोकसभा चुनाव में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को 4,98,378 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी वागीश पाठक को 3,32,031 वोट मिले. वहीं बसपा के अकमल खां को 1,56,973 वोट मिले. सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वागीश पाठक को 1,66,347 वोटों से हराया था.

बदायूं: तीसरे चरण में 23 अप्रैल को बदायूं में मतदान होना है. प्रशासन द्वारा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिये तमाम तरह के आयोजन किये जा रहे हैं. वहीं प्रत्याशी जनसभाओं के माध्यम से वोटरों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. बदायूं लोकसभा से कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.

बदायूं में तीसरे चरण में मतदान होना है. इसके लिए प्रत्याशियों ने पूरी तैयारी कर ली है. इस सीट का समीकरण कुछ इस तरह से समझते हैं.

  • समाजवादी पार्टी और बसपा गठबंधन ने मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है.
  • इस सीट पर धर्मेंद्र यादव 2009 और 2014 में सपा के ही टिकट से जीत चुके हैं.
  • वहीं 2014 में मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा बदायूं में अपनी साख नहीं बचा पाई थी.
  • आजादी के बाद इस सीट पर भाजपा केवल एक बार चुनाव जीती है.
  • पिछले 35 सालों में इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहे हैं.

कांग्रेस ने पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी पर अपना दांव खेला है. सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और वह बदायूं से एक बार कांग्रेस से और चार बार समाजवादी से सांसद चुने गए हैं. वहीं एक बार फिर वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

वहीं बीजेपी भी इस सीट को हल्के में नहीं ले रही है. वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है. जो बाकी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. संघमित्रा दूसरी पार्टियों के जातिगत आंकड़ों में भी सेंधमारी कर रही हैं.

जिले की प्रमुख समस्याएं हैं जो प्रत्याशियों के मत प्रभावित करेंगी-

  • बड़ी लाइन होने के वाबजूद प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिये ट्रेनों की संख्या आज तक नहीं बढ़ी.
  • मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी आज तक उसमे मेडिकल की क्लास शुरू नहीं हो पाई.
  • बाई पास बन गया पर उस के बीच में स्तिथ सोत नदी पर आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया.
  • शहर में पड़ी अंडर ग्राउंड केवल मानक के अनरूप न पड़ना, जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं.
  • प्राइवेट गन्ना फैक्ट्रियों द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान ना किया जाना.

बदायूं लोकसभा सीट पर 5 विधानसभा लगती है-

  • बदायूंसदर
  • बिल्सी
  • बिसौली
  • सहसवान
  • गुन्नौर

कुल वोटरों की संख्या-

  • कुल- 18,90,129
  • पुरुष- 10,25,789
  • महिला- 8,64,244
  • थर्ड जेंडर- 96

2014 के लोकसभा चुनाव में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को 4,98,378 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी वागीश पाठक को 3,32,031 वोट मिले. वहीं बसपा के अकमल खां को 1,56,973 वोट मिले. सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वागीश पाठक को 1,66,347 वोटों से हराया था.

Intro:बदायूँ में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है,प्रशासन द्वारा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिये तमाम तरह के आयोजन किये जा रहे है,वहीं प्रत्याशी जनसभाओं के माध्य्म से वोटरों को रिझाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे,बदायूँ लोकसभा से कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है,बीजेपी से संघमित्रा मौर्य, गठबंधन से धर्मेंद्र यादव वहीं काँग्रेस से सलीम इकवाल शेरवानी मैदान में है,वाकी 6 प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में है।


Body:2019 के लोकसभा चुनाव के बाद देश का प्रधानमंत्री कौन होगा इसके लिए सभी पार्टियां मैदान में हैं ,और जोर आजमाइश कर रही हैं बदायूं से समाजवादी और बसपा गठबंधन ने मुलायम सिंह के भतीजे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है ,इस सीट पर धर्मेंद्र यादव 2009 और 2014 में जीत चुके हैं वही 2014 में मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा बदायूं में अपनी साख नहीं बचा पाई थी आजादी के बाद इस सीट पर भाजपा केवल एक बार चुनाव जीती है ,वहीं पिछले 35 सालों में इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहे हैं अब समाजवादी और बसपा का गठबंधन होने के बाद भाजपा इस सीट पर कैसी अपनी साख बचा पाती है ये देखना दिलचस्प होगा।

वहीं कांग्रेस ने पांच बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी पर अपना दांव खेला है सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और वह बदायूं से एक बार कांग्रेस से और चार बार समाजवादी से सांसद चुने गए हैं वही एक बार फिर वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है।

बहीं बीजेपी भी इस सीट को हल्के में नही ले रही है,उसने बरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है,जो वाकी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रही है।और दूसरी पार्टियों के जातिगत आंकड़ो में भी सेंधमारी कर रही है।

जिले की प्रमुख समस्याये निम्न है--

1--बड़ी लाइन होने के वाबजूद प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिये ट्रेनों की संख्या आज तक नही बढ़ी।

2--मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी आज तक उसमे मेडिकल की क्लास शुरू नही हो पाई।

3--बाई पास बन गया पर उस के बीच मे स्तिथ सोत नदी पर आज तक पुल का निर्माण नही हो पाया।

4--शहर में पड़ी अंडर ग्राउंड केवल मानक के अनरूप ना पड़ना,जिससे आये दिन हादसे होते रहते है।

5--प्राइवेट गन्ना फैक्ट्रियों द्वारा किसानों के गन्ने का भुगतान ना किया जाना।

बदायूँ लोकसभा सीट पर 5 विधानसभा लगती है--

1--बदायूँ सदर
2--बिल्सी
3--बिसौली
4--सहसवान
5--गुन्नौर

कुल वोटरों की संख्या--

कुल--18,90,129
पुरुष--10,25,789
महिला--8,64,244
थर्ड जेंडर--96


Conclusion:2014 के लोकसभा चुनाव में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को 498378 वोट मिले थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी वागीश पाठक को 332031 वोट मिले वही बसपा के अकमल खाँ को 156973 वोट मिले,सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वागीश पाठक को 166347 वोटों से हराया था।

यूँ तो अभी तक कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी दम खम से चुनाव में चुनोती नही रख पा रहा है,इसलिये यहाँ का मुकाबला तिरकोणीय नजर आ रहा है,अब देखना ये होगा कि बदायूँ की जनता किसके सर पर जीत का ताज पहनाती है।

पीटीसी--समीर सक्सेना


समीर सक्सेना
बदायूँ
9412655086
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