बदायूं: जनपद के उसावां नगर पंचायत की पीएनबी बैंक में घोटाला उजागर हुआ है. बैंक कर्मचारी प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना (Prime Minister Svanidhi Yojana) का लक्ष्य बिना लाभार्थी के लाभ दिए पूरा करने का आरोप लगा है.
लॉकडाउन के बाद ठेली, स्ट्रीट वेंडर, पटरी और रेडी, पथ विक्रेताओं के लिए प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना की शुरुआत की गई थी. पथ विक्रेता अपना रोजगार फिर से शुरू कर सकें, इसके लिए सरकार ने बैंक द्वारा लोन देने की प्रक्रिया शुरू की थी. कस्बा उसावा के फल विक्रेता नन्हे कश्यप ने नगर पंचायत द्वारा स्वानिधि निधि योजना के तहत आवेदन किया था. नगर पंचायत ने प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए फाइल को पीएनबी उसावा को स्थानांतरण कर दिया था. स्थानांतरण के दौरान नन्हे ने पीएनबी बैंक के चक्कर लगाने लगा. वह दौड़कर पीएनबी बैंक जाता तो कर्मचारी नगर पंचायत भेज देते. इसी दौरान वह दोनों जगह भाग भाग कर परेशान हो गया. इसके बाद उसने अपने वार्ड 11 के सभासद श्यामा देवी के पति धर्मेश कश्यप से संपर्क किया. धर्मेश कश्यप ने नगर पंचायत से जानकारी जुटाई तो पता चला कि पथ विक्रेता का लोन 10000 स्वीकृत हुआ था. स्वीकृत के उपरांत पथ विक्रेता नन्हे को लोन की धनराशि खाते में नहीं आई थी.
जबकि पीएनबी बैंक ने लोन को 10000 को उसी के लोन में जमा कर खाता को बन्द कर दिया. लाभार्थी तक उसका लाभ नहीं पहुंचा. जब लाभार्थी को इस बात की जानकारी हुई तब वह पीएनबी शाखा प्रबंधक से शिकायत की. इस पर पीएनबी शाखा प्रबंधक ने कहा कि सिर्फ आपको 5000 ही मिल सकते हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर प्रधानमंत्री स्वानिधि का लोन स्वीकृत हुआ तो लाभार्थी को क्यों नहीं प्राप्त हुआ क्या सारे सरकार की योजनाओं के दावे कागजों में ही पूरे किए जा रहे हैं.
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वहीं, अधिशासी अधिकारी उसावा संदीप चंद्रा ने बताया कि पथ विक्रेता नन्हे द्वारा शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है. मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा. एसडीएम दातागंज पारसनाथ मौर्य ने बताया कि जिलाधिकारी के सख्त निर्देश हैं कि स्ट्रीट वेंडर को लोन मुहैया कराया जाए. पीड़ित नन्हे कश्यप ने बताया कि बैंक मैनेजर ने कहा है कि पुनः से आवेदन करो तो प्रधानमंत्री निधि योजना में के तहत 5000 रुपये ही मिलेंगे और 5000 कट जाएंगे.