बदायूंः डीएम के आदेश पर आयशा नर्सिंग होम पर सदर तहसीलदार कर्मवीर सिंह, थाना सिविल लाइन सहित महिला थानाध्यक्ष ने छापा मारा. छापे के दौरान अस्पताल के अंदर आशा वर्कर्स को गिफ्ट दिए जा रहे थे. बताया जाता है कि जिला महिला अस्पताल में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को आशा इसी निजी अस्पताल में भेज देती थीं. इसलिए आशा वर्कर्स को अलग से सम्मानित किया जा रहा था. छापे के दौरान पुलिस अस्पताल के अंदर से 39 आशा वर्कर्स और 4 कर्मचारियों को पकड़ कर थाने ले आई. अस्पताल में उपस्थित गर्भवती महिलाओं को जिला महिला अस्पताल भेज दिया गया है.
ये है पूरा मामला
कई दिनों से डीएम कुमार प्रशांत को शिकायत मिल रही थी कि महिला अस्पताल में आई हुईं गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल में भेजा जा रहा है. आशा वर्कर्स महिलाओं को गांव से लाती थीं. इसके बाद उन्हें महिला अस्पताल के स्थान पर निजी अस्पताल भेज देती थीं. ऐसा करने पर आशाओं को निजी अस्पताल आर्थिक लाभ देता था. रविवार को इस मामले में डीएम को फिर से शिकायत मिली. इस पर उन्होंने टीम बनाकर निजी अस्पताल पर छापा मरवाया. छापे के दौरान निजी अस्पताल के अंदर आशा वर्कर्स को गिफ्ट दिए जा रहे थे.
सभी के खिलाफ होगी कार्रवाई
सदर तहसीलदार कर्मवीर सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी को सूचना मिली थी कि आयशा नर्सिंग होम के संचालक आशा कार्यकत्रियों और संविदा कर्मचारियों को गिफ्ट बांट रहे हैं. वह लोग गांव से गर्भवती महिलाओं को यहां लेकर आते हैं. इन लोगों का कार्य ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पतालों में लाने का है. मौके पर काफी संख्या में गिफ्ट भी मिले हैं. इनसे पूछताछ की जा रही है. उसी के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी.
आशा वर्कर्स पर हुई कार्रवाई, गिफ्ट लेकर करती थीं धांधली - बदांयु के प्राइवेट अस्पताल में छापेमारी
बदांयू में पुलिस ने आशा पर कार्रवाई की है. ये महिलाएं गांव से आई गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करा देती थीं. इनका काम गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराना है.
बदायूंः डीएम के आदेश पर आयशा नर्सिंग होम पर सदर तहसीलदार कर्मवीर सिंह, थाना सिविल लाइन सहित महिला थानाध्यक्ष ने छापा मारा. छापे के दौरान अस्पताल के अंदर आशा वर्कर्स को गिफ्ट दिए जा रहे थे. बताया जाता है कि जिला महिला अस्पताल में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को आशा इसी निजी अस्पताल में भेज देती थीं. इसलिए आशा वर्कर्स को अलग से सम्मानित किया जा रहा था. छापे के दौरान पुलिस अस्पताल के अंदर से 39 आशा वर्कर्स और 4 कर्मचारियों को पकड़ कर थाने ले आई. अस्पताल में उपस्थित गर्भवती महिलाओं को जिला महिला अस्पताल भेज दिया गया है.
ये है पूरा मामला
कई दिनों से डीएम कुमार प्रशांत को शिकायत मिल रही थी कि महिला अस्पताल में आई हुईं गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल में भेजा जा रहा है. आशा वर्कर्स महिलाओं को गांव से लाती थीं. इसके बाद उन्हें महिला अस्पताल के स्थान पर निजी अस्पताल भेज देती थीं. ऐसा करने पर आशाओं को निजी अस्पताल आर्थिक लाभ देता था. रविवार को इस मामले में डीएम को फिर से शिकायत मिली. इस पर उन्होंने टीम बनाकर निजी अस्पताल पर छापा मरवाया. छापे के दौरान निजी अस्पताल के अंदर आशा वर्कर्स को गिफ्ट दिए जा रहे थे.
सभी के खिलाफ होगी कार्रवाई
सदर तहसीलदार कर्मवीर सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी को सूचना मिली थी कि आयशा नर्सिंग होम के संचालक आशा कार्यकत्रियों और संविदा कर्मचारियों को गिफ्ट बांट रहे हैं. वह लोग गांव से गर्भवती महिलाओं को यहां लेकर आते हैं. इन लोगों का कार्य ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पतालों में लाने का है. मौके पर काफी संख्या में गिफ्ट भी मिले हैं. इनसे पूछताछ की जा रही है. उसी के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी.