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आजमगढ़: मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार- बोले 'पुल नहीं तो वोट नहीं'

आजमगढ़ के जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित महाजी देवारा जदीद गांव के लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं के नाम पर मतदान का बहिष्कार किया है. मतदान न देने की सूचना पर पहुंचे प्रशासन के आला अधिकारी मतदाताओं को मनाने में असफल रहे.

ग्रामीण मतदाताओं ने मतदान का किया बहिष्कार.
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Published : May 12, 2019, 8:53 PM IST

आजमगढ़: जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव देवारा में लगभग दो हजार मतदाता हैं. लेकिन इस बार गांव के मतदाताओं ने वोट न देने का निर्णय लिया है. गांव के लोगों ने 'पुल नहीं तो वोट नहीं' के नाम पर मतदान का बहिष्कार किया है.

ग्रामीण मतदाताओं ने मतदान का किया बहिष्कार.

ग्रामीण इंद्रावती ने बताया

  • इस गांव में बाढ़ आ जाने के कारण 3 महीने से न तो बच्चे स्कूल जा पाते रहे हैं और किसी को कोई बीमारी हो जाती है तो इलाज भी नहीं हो पाता है.
  • इंद्रावती का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत राजनेताओं से की गई लेकिन इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ.
  • इसलिए हम लोगों ने सड़क नाम पर मतदान का बहिष्कार किया है.

प्रकाश का कहना है कि 2007 से हम लोगों को यह राजनेता दिलासा देते आए हैं, लेकिन इस बार गांव के लोगों ने फैसला किया है कि पूल और सड़क नहीं तो वोट भी नहीं दिया जाएगा. इस गांव के मतदाताओं को वोट करने के लिए मनाने के लिए उप जिलाधिकारी जरूर पहुंचे लेकिन गांव वासियों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया.

-प्रकाश, ग्रामीण, देवारा

आजमगढ़: जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव देवारा में लगभग दो हजार मतदाता हैं. लेकिन इस बार गांव के मतदाताओं ने वोट न देने का निर्णय लिया है. गांव के लोगों ने 'पुल नहीं तो वोट नहीं' के नाम पर मतदान का बहिष्कार किया है.

ग्रामीण मतदाताओं ने मतदान का किया बहिष्कार.

ग्रामीण इंद्रावती ने बताया

  • इस गांव में बाढ़ आ जाने के कारण 3 महीने से न तो बच्चे स्कूल जा पाते रहे हैं और किसी को कोई बीमारी हो जाती है तो इलाज भी नहीं हो पाता है.
  • इंद्रावती का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत राजनेताओं से की गई लेकिन इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ.
  • इसलिए हम लोगों ने सड़क नाम पर मतदान का बहिष्कार किया है.

प्रकाश का कहना है कि 2007 से हम लोगों को यह राजनेता दिलासा देते आए हैं, लेकिन इस बार गांव के लोगों ने फैसला किया है कि पूल और सड़क नहीं तो वोट भी नहीं दिया जाएगा. इस गांव के मतदाताओं को वोट करने के लिए मनाने के लिए उप जिलाधिकारी जरूर पहुंचे लेकिन गांव वासियों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया.

-प्रकाश, ग्रामीण, देवारा

Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित महाजी देवारा जदीद गांव के लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं के नाम पर मतदान का बहिष्कार किया। मतदान ना देने की सूचना पर पहुंचे प्रशासन के आला अधिकारी मतदाताओं को मनाने में असफल रहे।


Body:वीओ:1 मीडिया से बातचीत करते हुए गांव के निवासी इंद्रावती का कहना है कि इस गांव में बाढ़ आ जाने के कारण 3 महीने ना तो बच्चे स्कूल जा पाते हैं और यदि किसी को कोई बीमारी हो जाती है तो इलाज भी नहीं हो पाता साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी बहुत समस्या होती है। इंद्रावती का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत राजनेताओं से की गई लेकिन इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ इसका हम लोगों ने फैसला लिया है कि इस बार जब फूल और सड़क नहीं तो वह भी नहीं दिया जाएगा। गांव के निवासी प्रकाश का कहना है कि जब गांव में बाढ़ आ जाती है तो 3 महीने बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं साथ ही यदि किसी को बीमारी या कोई समस्या होती है आने जाने में बहुत कठिनाई होती है। प्रकाश का कहना है कि 2007 से हम लोगों को यह राजनेता दिलासा देते आए हैं लेकिन इस बार गांव वासियों ने फैसला किया है कि पूर्व और सड़क नहीं तो और भी नहीं दिया जाएगा। इस गांव के मतदाताओं को वोट करने के लिए मनाने के लिए उप जिलाधिकारी जरूर पहुंचे लेकिन गांव वासियों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। इस बारे में उप जिला अधिकारी ने मीडिया से भी बातचीत करने से साफ इंकार कर दिया।


Conclusion:वीओ: 2 बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित या गांव देवारा के अंतर्गत आता है। इस गांव में लगभग 2000 मतदाता हैं। लेकिन इस बार गांव के मतदाताओं ने वोट ना देने का निर्णय ले लिया है।

बाइट: इंद्रावती, प्रकाश

अजय कुमार मिश्रा आजमगढ़ 9453766 900
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