आजमगढ़: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद जहां पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. वहीं आजमगढ़ का एक परिवार ऐसा भी है, जिसकी सुषमा स्वराज ने 2017 में मदद की थी. सुषमा स्वराज इस परिवार के युवक को खाड़ी देश से बचाकर भारत लाईं थीं.
...जब अंतिम उम्मीद थीं सुषमा
- आजमगढ़ के मझगांव के रहने वाले अशोक विश्वकर्मा 2016 में खाड़ी देश सऊदी अरब में एक्सीडेंट के केस में फंस गया था.
- सऊदी अरब की पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया, जिसके बाद उसके घर में मातम छा गया.
- पीड़ित के पिता ने हार नहीं मानते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बेटे के जीवन की गुहार लगाई.
- विदेश मंत्रालय पीड़ित के पिता की गुहार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए युवक को विदेश से सकुशल वापस लाया.
जब मैं खाड़ी देश सऊदी में कमाने गया था तो वहां एक एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद वहां की पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं अपने देश कभी भी नहीं लौट पाऊंगा, लेकिन जब उसने घरवालों से बात की तो उसके परिजनों ने कहा कि वह लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में है और विदेश मंत्रालय व परिजनों के अथक प्रयास के बाद मैं सकुशल घर आ गया. आज मैं काफी दुखी हूं कि सुषमा स्वराज इस दुनिया में नहीं हैं.
-अशोक विश्वकर्मा, सऊदी अरब से वापस लौटा युवक
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वहीं, युवक के पिता जगदीश विश्वकर्मा का कहना है कि उन्होंने विदेश मंत्रालय के कमरा नंबर 4 में एक अर्जी लगाई और अपने बेटे को सकुशल भारत लाने की बात कही, जिसके बाद मंत्रालय के लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनका लड़का जल्दी उनके सामने होगा. 21 मई 2017 को सुषमा स्वराज के कुशल नेतृत्व में उनका लड़का उन्हें वापस मिल गया. इसके लिए सुषमा स्वराज को जितना भी धन्यवाद दें, वह कम है. आज उनके निधन पर वह काफी दुखी हैं.