ETV Bharat / state

आजमगढ़: बारिश के पानी में डूबा श्मशान घाट, अंतिम संस्कार के लिए लोग परेशान

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बारिश के कारण श्मशान घाट में पानी भर गया है. इसके चलते लोग अंतिम संस्कार के लिए परेशान हैं. वहीं, इसके नए स्थान के विकल्प का विरोध कर रहे हैं.

अंतिम संस्कार न होने से लोग परेशान.
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 9:25 PM IST

आजमगढ़: जनपद में विगत 8 दिनों से बारिश के कारण जहां आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, सबसे ज्यादा समस्या अंतिम संस्कार को लेकर हो रही है. श्मशान राजघाट में पानी भर गया है, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. वहीं, इस समस्या को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए नए स्थान के विकल्प की तलाश की गई. जिसे लेकर लोग विरोध कर रहे हैं.

अंतिम संस्कार न होने से लोग परेशान.

अंतिम संस्कार को लेकर परेशान लोग

  • बारिश के कारण शमशान घाट राजघाट में पानी भर गया है.
  • पानी की वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है.
  • संस्कार न हो पाने की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं.
  • इस समस्या के निदान के लिए नए जगह का चुनाव किया गया.
  • नई जगह पर लोग अंतिम संस्कार को लेकर विरोध कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: गाजीपुर में 73 फुट के रावण ने पहना 3 मीटर का जूता

बाईपास के किनारे अंतिम संस्कार कराने का प्रयास किया जा रहा है. यहां अंतिम संस्कार होने से आने जाने वाले बच्चों को समस्या होगी. इसका विपरीत प्रभाव उनके मस्तिष्क पर पड़ेगा.
-बासुदेव यादव, ग्राम प्रधान

जो लोग अंतिम संस्कार के नए स्थान के विकल्प का विरोध कर रहे हैं. मैं उनसे अपील करुंगा कि ये विकल्प कुछ समय के लिए है. जब तक बारिश हो रही है. हमेशा के लिए नहीं यह नहीं किया जा रहा है.
-नागेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी

आजमगढ़: जनपद में विगत 8 दिनों से बारिश के कारण जहां आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, सबसे ज्यादा समस्या अंतिम संस्कार को लेकर हो रही है. श्मशान राजघाट में पानी भर गया है, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. वहीं, इस समस्या को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए नए स्थान के विकल्प की तलाश की गई. जिसे लेकर लोग विरोध कर रहे हैं.

अंतिम संस्कार न होने से लोग परेशान.

अंतिम संस्कार को लेकर परेशान लोग

  • बारिश के कारण शमशान घाट राजघाट में पानी भर गया है.
  • पानी की वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है.
  • संस्कार न हो पाने की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं.
  • इस समस्या के निदान के लिए नए जगह का चुनाव किया गया.
  • नई जगह पर लोग अंतिम संस्कार को लेकर विरोध कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: गाजीपुर में 73 फुट के रावण ने पहना 3 मीटर का जूता

बाईपास के किनारे अंतिम संस्कार कराने का प्रयास किया जा रहा है. यहां अंतिम संस्कार होने से आने जाने वाले बच्चों को समस्या होगी. इसका विपरीत प्रभाव उनके मस्तिष्क पर पड़ेगा.
-बासुदेव यादव, ग्राम प्रधान

जो लोग अंतिम संस्कार के नए स्थान के विकल्प का विरोध कर रहे हैं. मैं उनसे अपील करुंगा कि ये विकल्प कुछ समय के लिए है. जब तक बारिश हो रही है. हमेशा के लिए नहीं यह नहीं किया जा रहा है.
-नागेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी

Intro:एंकर: आजमगढ़ जनपद में विगत 8 दिनों से बारिश के कारण जहां आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हुआ है वही सबसे ज्यादा समस्या अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को हो रही है जिस स्थान पर अंतिम संस्कार होता था वहां इतना पानी भर गया है कि संभव नहीं है।Body:वीओ: 1 आजमगढ़ के शमशान घाट राजघाट पर भारी जलभराव के कारण वहां पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न कराना संभव नहीं है इसके लिए लोगों ने एक नए विकल्प की तलाश की लेकिन जहां पर लोगों ने तलाशा उस स्थान को लेकर ग्रामीणों का विरोध उमड़ पड़ा। ग्राम प्रधान बासुदेव यादव का कहना है कि बाईपास के किनारे जहां पर लोग अंतिम संस्कार करने के प्रयास में लगे हैं वहां पर अंतिम संस्कार करने के कारण यहां से आने जाने वाले बच्चों को समस्या होगी और इसका विपरीत प्रभाव उनके मस्तिष्क पर पड़ेगा। इस बारे में आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र सिंह का कहना है कि लगातार जिस तरह से बारिश हो रही है निश्चित रूप से यह समस्या है और जनपद वासियों से अपील करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि बारिश के बाद निश्चित रूप से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।Conclusion:बाइट: बासुदेव यादव ग्राम प्रधान
बाइट: जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि विगत 8 दिनों से लगातार बारिश होने के कारण पूरे जनपद में जलभराव की स्थिति है। इस बारिश से कहां जहां आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हुआ है वही सबसे ज्यादा समस्या अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को हो रही है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.