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आजमगढ़ से था पंडित नेहरू का करीबी रिश्ता, यहीं बनाते थे देश को आजाद कराने की रणनीति

देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू का आजमगढ़ से बहुत करीबी रिश्ता रहा है. यह वही जगह है जहां महीनों रुक कर देश को आजाद कराने की रणनीति पंडित नेहरू बनाते थे.

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Published : Nov 14, 2019, 3:03 PM IST

शिवली अकादमी

आजमगढ़ः देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू का जनपद से करीबी रिश्ता रहा है. पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के समय कई बार यहां आए और महीनों रुक कर देश को कैसे आजाद कराया जाए, इसकी रणनीति बनाते थे.

देखें रिपोर्ट.

शिवली अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर फखरुल इस्लाम आजमी ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू यहां आकर महीनों रुकते थे. यहां के एक गेस्ट हाउस में आराम करते थे और देश को आजाद कराने के लिए रणनीति बनाते थे. आज भी उस गेस्ट हाउस और कुएं को संजोकर रखा गया है, जहां पंडित नेहरू स्नान करते थे.

डॉक्टर फखरुल इस्लाम का कहना है कि पंडित नेहरू शिब्ली अकादमी की लाइब्रेरी में अध्ययन करते थे और जंग ए आजादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोगों के साथ बैठकर रणनीति बनाने थे. पंडित नेहरू का उर्दू में लिखा एक पत्र आज भी शिवली अकादमी में संजोकर रखा गया है.

आजमगढ़ः देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू का जनपद से करीबी रिश्ता रहा है. पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के समय कई बार यहां आए और महीनों रुक कर देश को कैसे आजाद कराया जाए, इसकी रणनीति बनाते थे.

देखें रिपोर्ट.

शिवली अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर फखरुल इस्लाम आजमी ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू यहां आकर महीनों रुकते थे. यहां के एक गेस्ट हाउस में आराम करते थे और देश को आजाद कराने के लिए रणनीति बनाते थे. आज भी उस गेस्ट हाउस और कुएं को संजोकर रखा गया है, जहां पंडित नेहरू स्नान करते थे.

डॉक्टर फखरुल इस्लाम का कहना है कि पंडित नेहरू शिब्ली अकादमी की लाइब्रेरी में अध्ययन करते थे और जंग ए आजादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोगों के साथ बैठकर रणनीति बनाने थे. पंडित नेहरू का उर्दू में लिखा एक पत्र आज भी शिवली अकादमी में संजोकर रखा गया है.

Intro:anchor:आजमगढ़। ( एक्सक्लूसिव, जन्मदिन विशेष ) देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू का आजमगढ़ जनपद से करीबी रिश्ता रहा है। पंडित नेहरू जंगे आजादी की लड़ाई में आजमगढ़ जनपद कई बार आए हैं और यहां महीनों रुक कर देश को कैसे आजाद कराया जाए इसके रणनीति बनाते थे।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आजमगढ़ की शिवली एकेडमी के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर फखरुल इस्लाम आजमी ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू देश को आजाद कराने के लिए आजमगढ़ जनपद आकर महीनों रुकते थे और यहां के एक गेस्ट हाउस में आराम करते थे और आज भी उस गेस्ट हाउस व जिस कुएं से पंडित नेहरू स्नान करते थे को संजोकर रखा गया है। डॉक्टर फखरुल इस्लाम का कहना है कि पंडित नेहरू शिब्ली अकेडमी की लाइब्रेरी में अध्ययन करते थे और आजमगढ़ जनपद के जंगे आजादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोगों के साथ बैठकर देश को कैसे आजाद करा जाए इसकी रणनीति बनाने के साथ बिना भेदभाव के बैठकर खाना खाते थे। पंडित नेहरू का लिखा उर्दू में एक पत्र आज भी शिब्ली अकैडमी में संजोकर रखा गया है।


Conclusion:बाइट: डॉक्टर फखरुल इस्लाम आदमी डिप्टी डायरेक्टर शिब्ली अकैडमी

अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि देश को आजाद कराने में आजमगढ़ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और यही कारण रहा है कि आजादी से पूर्व आजमगढ़ के शिब्ली एकेडमी जो कि उस समय देश को आजाद कराने का केंद्र हुआ करता था यहां पर पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी सरीखे कई बड़े नेता यहां पर आते थे और देश को कैसे आजाद किया जाए इसकी रणनीति भी बनाते थे।
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