आजमगढ़: आदिवासियों के जननायक नेता शक्ति और साहस के पंचायत वीर बिरसा मुंडा की जयंती जनपद में धूमधाम के साथ मनाई गई. इस जयंती समारोह में जिले की कमिश्नर कनकलाता त्रिपाठी और जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने मुसहर समाज के लोगों को आवास के साथ ही आवास स्थल का सर्टिफिकेट दिया.
वीर बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजते है लोग
मीडिया से बातचीत करते हुए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि समाज के अंतिम पायदान पर पूर्वांचल में बड़ी संख्या में बनवासी हैं. इन सभी को लाभान्वित करने का काम जिला प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. जिला अधिकारी का कहना है कि वीर बिरसा मुंडा को मुसहर समाज के लोग भगवान की तरह पूजते हैं.
अभियान चलाकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास
वहीं सरकार की तरफ से शासकीय योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन सारी योजनाओं से मुसहर समाज के लोग जुड़ सके, इसके लिए बीते 3 महीने से मुसहर समाज के लोगों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है. इस अभियान को मिशन वीर बिरसा मुंडा का नाम दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- धुंध के साथ आसमान में छाए रहेंगे बादल, जानें अपने शहर का तापमान
जिला प्रशासन कर रहा तमाम प्रयास
जिलाधिकारी ने बताया कि 2138 लोगों को शुक्रवार को आवास और ग्यारह सौ आदिवासी समाज के लोगों को आवास स्थल का प्रमाण पत्र दिया गया. जिला अधिकारी के मुताबिक जिले में 2900 मुसहर परिवार हैं. वहीं मकान और आवास स्थल के बाद युवक और युवतियों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन ने ली है. निश्चित रूप से मुसहर समाज के युवक-युवतियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा और इस अभियान को निरंतर चलया जाऐगा. इसके साथ ही प्रत्येक वनवासी बस्तियों में युवकों की एक टोली बनाई जाएगी, जिसके माध्यम से वनवासी समाज के बीच जागरूकता फैलाई जाएगी.
इसे भी पढ़ें- लखनऊ: कुशीनगर में बनेगी भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा, टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
आजादी के बाद पहली बार मुसहर समाज के लिए प्रयास
आजादी के 70 साल बाद पहली बार आजमगढ़ जिला प्रशासन ने मुसहर समाज को एक छत के नीचे लाने का काम किया है. केंद्र और प्रदेश सरकार ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जिला प्रशासन मुसहर समाज को समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयास में लगा हुआ है.